अलीगढ़ मीडिया न्यूज़,अलीगढ: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू मेडीकल कॉलेज के कम्यूनिटी मेडीसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर सायरा मेहनाज ने क्वालालाम्पुर मलेशिया में जन स्वास्थय के विषय पर आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में भाग लिया। उन्होंने ‘‘स्वास्थय के अर्थशास्त्र’’ विषय पर सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत में जन स्वास्थय और चिकित्सा पर सरकारी खर्च इतना कम है कि लोगों को अपने घरेलू खर्च में कटौती करके अपना इलाज कराना पड़ता है जिससे एक बड़ी जनसंख्या गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने पर मजबूर हो जाती है। उन्होंने कहा कि इसके कारण हर वर्ष 70 मिलियन लोग गरीबी के जाल में फंस जाते हैं। डॉ. मेहनाज ने बताया कि भारत में वर्ष 2008 से 2015 के बीच चिकित्सा स्वास्थय पर सरकारी खर्च जीडीपी का मात्र 1.3 प्रतिशत ही था। वर्ष 2016-17 में इसमें थोड़ी से वृद्वि हुई और यह बढ़ कर जीडीपी का 1.4 प्रतिशत हो गया।
डॉ. मेहनाज ने इस बात पर बल देते हुए कहा कि सरकार को जन स्वास्थय व चिकित्सा पर बजट को बढ़ा कर जीडीपी का कम से कम 3 प्रतिशत करना चाहिये तथा 2025 तक इसे 4 प्रतिशत करना चाहिये। उन्होंने आगे कहा कि इस वर्ष के बजट में स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय का बजट कुल बजट का मात्र 2.32 प्रतिशत है जो जीडीपी का मात्र 0.34 प्रतिशत है। डॉ. सायरा महनाज इस अन्तर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस की वैज्ञानिक व इवेल्यऐशन समिति में शामिल थीं। कांफ्रेंस में 30 देशों के 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।