अलीगढ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ़: तीनों किसान बिलों की वापसी की मांग को लेकर देश भर के किसान संगठनों के साथ अलीगढ़ के किसान भी गाजीपुर बार्डर पर डटे है। अलीगढ़ में सक्रिय बेरोजगार मजदूर किसान यूनियन ने आज संयुक्त किसान मोर्चा को समर्थन दिया। केन्द्र से वार्ता में शामिल 40 किसान नेताओं में से एक भाकियू असली के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी हरपाल सिंह को समर्थन पत्र सौंपा। समर्थन देते यूनियन ने तीनों काले कृषि कानूनों की वापसी की मांग तक संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में आन्दोलन जारी रखने की बात कही। दिल्ली के साथ ही अब आन्दोलन की गतिविधियां जिले में और व्यापक करने के लिए किसान संगठनों की एकजुटता पर जोर दिया जाएगा। समर्थन पत्र सौंपते समय यूनियन की ओर से संयोजक शशिकान्त, मदनलाल, सुरेशचन्द्र गांधी, डा सोरन सिंह, गोकुल करन कश्यप, दीपक यादव, लोकेश बघेल व सुरेशपाल शामिल रहे।
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उधर राज्य के प्रमुख किसान संगठनों के साथ यूनियन के कार्यकर्ताओं ने आयोजित बैठक में हरियाणा-पंजाब की तरह उत्तर प्रदेश में किसान आन्दोलन के प्रति उत्सुक जनता की व्यापक एकजुटता पर चर्चा की। बैठक यूनियन के अलावा उत्तर प्रदेश किसान सभा, भाकियू, किसान संग्राम समिति, संगतिन मजदूर किसान संगठन, मनरेगा मजदूर यूनियन, किसान सभा के किसान-मजदूर नेताओं ने भाग लिया। बैठक में चर्चा के दौरान योगी सरकार द्वारा अहिंसक किसान आन्दोलन को दबाने-कुचलने की कार्यवाही का खुलासा हुआ। आये दिल्ली जा रहे किसानों को रास्तों, में रोका जा रहा। किसान-मजदूर नेताओं को गुंडा ऐक्ट जैसे फर्जी केसों में गिरफ्तारियां, लाठीचार्ज, गैरकानूनी तरीके से घरों में कैद करना जारी है। बैठक में सभी किसान संगठनों ने सरकार से गिरफ्तार किसान नेताओं की तत्काल रिहाई की मांग करते हुए सभी फर्जी केस वापस लेने की मांग की। किसान नेताओं का मानना था कि सरकार जानबूझकर कोरोना के बहाने पैसेन्जर गाड़ियां नहीं चला रही है। जिसके रहते उत्तर प्रदेश के दूरदराज से किसान मजदूर दिल्ली नहीं पहुंच पा रहे है। ऐसा करके सरकार ने लाखों दैनिक यात्रियों को घर पर बेकार बैठा दिया। बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी किसान संगठन एकजुटता के साथ उत्तर प्रदेश में तमाम जिलों में किसान आन्दोलन को सशक्त करेंगे।