अलीगढ मीडिया डॉट कॉम,अलीगढ: केंद्र सरकार के करोड़ों रुपये का बजट स्वास्थ्य सुविधाएं देने के नाम पर पाने वाले जवाहर लाल मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों को पीपीई किट और मास्क की व्यवस्था करने के लिए आपस में कलेक्शन (चंदा) करना पड़ा। हालाँकि मेडिकल कालेज के चिकित्सकों ने विश्वविद्यालय प्रशासन और जिला प्रशासन को पत्र लिखकर पीपीइ किट और मास्क उपलब्ध कराने की मांग की थी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। आपको बताते चले कि यह हाल तब है जब यहाँ ओपीडी के नाम पर भी ठीक-ठाक रुपये मरीजों से शुल्क के रूप में लिए जाते है. ऐसे में मेडिकल कालेज में इलाज देने वाले डॉक्टरों के लिए चंदा जुटाना पड़ा है.
कोरोना वायरस के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. हमजा मलिक बहुत पहले से ही फ्रंट लाइन स्टाफ को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने की मांग करते रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में कई बार पत्र लिखे और यहां तक कह दिया कि अगर डॉक्टर्स को और फ्रंट लाइन स्टाफ को पीपीई किट और मास्क आदि उपलब्ध नहीं कराए गए तो वह चिकित्सा कार्य छोड़कर स्वयं आइसोलेशन में चले जाएंगे। इसके बाद एक बार और चेतावनी दी कि अगर जेएन मेडिकल कॉलेज में कोई कोरोना वायरस संक्रमण पॉजिटिव मरीज आया तो यहां पर उसके उपचार से हाथ खड़े कर देंगे।
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हालांकि मानवता को ध्यान में रखते हुए इसके बाद भी डॉक्टरों ने अपनी सेवाएं देने में कोई कमी नहीं छोड़ी। कहीं से भी कोई समस्या का समाधान नहीं होते देख डॉक्टरों ने आपस में चंदा सुरक्षा उपकरण और मास्क आदि की व्यवस्था की है। आरडीए के अध्यक्ष डॉ. मलिक ने बताया कि मास्क और पीपीइ किट के लिए नगद भुगतान किया गया है,