अलीगढ़ मीडिया डिजिटल, अलीगढ। अंग्रेजों भारत छोड़ो आन्दोलन की 82 वीं वर्षगांठ पर संयुक्त किसान मोर्चा की राष्ट्रीय अपील पर जिले में किसान संगठनों ने प्रदर्शन-सभाओं और ट्रेक्टर मार्च का आयोजन किया। क्रांतिकारी किसान यूनियन ने अमरौली पैंठ स्थल पर कार्पोरेट भारत छोड़ो आन्दोलन संकल्प सभा का आयोजन किया। सुबह 11 बजे से आयोजित इस सभा के मुख्य वक्ता संयुक्त किसान मोर्चा के नेता एवं यूनियन के राज्य प्रभारी शशिकांत रहे। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुआ कहा कि आज देश की खेती-बाड़ी, रोजगार, उद्योग-धंधे चंद कार्पोरेट घरानों के कब्जे में हैं। पिछले एक दशक से गरीबी-अमीरी की खाई ज्यादा चौड़ी हो गई है। कारपोरेट जगत के हितों में सरकार किसान-मजदूर विरोधी नियम, कायदे-कानूनों को जनता पर थोप रही है। केन्द्र सरकार ने पिछले दस वर्षों के दौरान कार्पोरेट घरानों के 14.46 लाख करोड़ रूपए का कर्जा माफ किया है। मौजूदा बजट में भी कारपोरेट टैक्स घटाकर सरकार ने अपनी भक्ति जाहिर की है।
सभा के दौरान उन्होनें उपस्थित किसानों को संकल्प याद दिलाया कि हमें आज अंग्रेजों भारत छोड़ो की तर्ज पर कारपोरेट को भारत से विशेषकर खेती से खदेड़ने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में देशव्यापी आंदोलन चलाने की जरूरत है। सभा में बतौर विशिष्ट अतिथि पधारे किसान सभा के जिलाध्यक्ष सूरज पाल उपाध्याय ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के संघर्ष ने देश कमेरे किसान-मजदूर की ऐतिहासिक बेमिसाल एकजुटता कायम की है, जिसने कारपोरेट के खिलाफ एक निर्णायक जंग छेड़ रखी है।
जिलाध्यक्ष नगेन्द्र चौधरी ने कार्यक्रम की शुरुआत में सभा का विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि आज देश के किसान-मजदूर एक और आजादी की लड़ाई लड़ रहे हैं, यह लड़ाई लुटेरे पूंजीपतियों के खिलाफ है। सभा की अध्यक्षता कर रहे ट्रेड यूनियन नेता सुखवीर सिंह ने कहा कि आज केन्द्र सरकारों के साथ ही तमाम राज्य सरकारें कार्पोरेट के हित साथ रही है। उन्होंनें यूपी सरकार द्वारा कारखानों में काम के घंटे 12 करने और बोनस न देने पर सजा समाप्त किए जाने के निर्णय का विरोध करते हुए इसे जनविरोधी बताया।
सभा के दौरान वक्ताओं ने बिजली, रेलवे, शिक्षा, चिकित्सा के निजीकरण, सेना व पुलिस में अग्निवीर योजना, सरकारी नौकरियों को समाप्त कर संविदा-ठेके की नौकरी, जीएसटी और इनकम टैक्स के आम आदमी पर बढ़ते बोझ जैसी तमाम जनविरोधी नीतियों पर मौजूदा सरकारों के प्रति आक्रोश जाहिर किया। सभा के समापन पर किसानों ने 'कारपोरेट भारत छोड़ो','कार्पोरेट खेती छोड़ो', अंबानी-अडानी की दलाली बंद करो जैसे नारे लगाकर कारपोरेट विरोधी आंदोलन के आगाज का संकल्प लिया।
सभा में मंडल प्रभारी सुरेश चन्द्र गांधी, जिला उपाध्यक्ष सत्यवीर सिंह, अशोक नगोला, मीडिया प्रभारी पप्पू सिंह, तहसील गभाना उपाध्यक्ष धर्मपाल सिंह, नरेन्द्र पाल सिंह, गौरीशंकर, हरीश , मोहनलाल शर्मा, जुगेंद्र सिंह, शेर मोहम्मद , राजकुमार, ओमप्रकाश, हरपाल सिंह, हरेंद्र सिंह, सुरेश पाल सिंह, देवेन्द्र सिंह, मलखान सिंह, उमेश कुमार शर्मा, अवलेश कुमार, रत्न सिंह, श्यौदान सिंह, ध्यानपाल सिंह, रामवीर सिंह, विजय कुमार, नेमसिंह, जगदीश प्रसाद, शैलेन्द्र कुमार, राहुल चौधरी, केशव देव तोमर, नन्द किशोर शर्मा, हम्मीर सिंह, उदयभान सिंह, राजकुमार आदि सैकड़ों किसान शामिल रहे।