धारा 163 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 3 नवम्बर तक रहेगी लागू
अलीगढ मीडिया डिजिटल, अलीगढ |महानगर में 16 सितंबर को ईद-ए-मिलाद बारावफात, 17 सितंबर विश्वकर्मा पूजा, 02 अक्टूबर को महात्मा गांधी जयन्ती, 03 अक्तूबर को महाराजा अग्रसेन जयन्ती, 11 अक्टूबर को दशहरा महानवमी विजय दशमी 30 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी 31अक्टूबर अथवा 01 नवम्बर एवं 02 नवम्बर को दीपावली एवं गोर्वधन पूजा 3 नवम्बर को भैयादूज त्यौहार और विभिन्न मा० आयोग द्वारा समय-समय पर आयोजित विभिन्न परीक्षाओं के दृष्टिगत व अन्य संवेदनशील कारणों से आपातिक स्थिति है। स्थानीय अभिसूचना एवं अन्य माध्यमों से यह ज्ञात हुआ है कि इस अवसर पर कतिपय असामाजिक तत्व अलीगढ़ जनपद की शान्ति-व्यवस्था भंग करने की कुचेष्टा कर सकते हैं, जिससे अलीगढ़ महानगर की शान्ति एवं कानून-व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। ऐसी परिस्थिति में महानगर अलीगढ़ में शान्ति एवं कानून-व्यवस्था एवं साम्प्रदायिक सौहार्द बनाये रखने के लिये धारा-163 (4) भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता लागू किया जाना आवश्यक है। यद्यपि अलीगढ़ महानगर में कानून एवं शांति व्यवस्था की स्थिति वर्तमान में पूर्ण नियन्त्रण में है, फिर भी इस दिशा में विशेष सावधानी बरतने, सुरक्षा के सुमचित प्रबन्ध किये जाने की आवश्यकता है।
उपरोक्त परिस्थितियों में, मेरा यह समाधान हो गया है कि अलीगढ़ महानगर में शान्ति-व्यवस्था बनाये रखने के उद्देश्य से उपरोक्त अवसरों पर अवांछनीय तत्वों की गतिविधियों एवं कुप्रयासों पर तत्काल रोक लगाया जाना आवश्यक है।
अतः मैं, अमित कुमार भट्ट, अपर जिला मजिस्ट्रेट, नगर, अलीगढ़, महानगर अलीगढ़ में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा-163 (2) के अन्तर्गत अधिकारों का प्रयोग करते हुये निम्नलिखित आदेश पारित करता हूँ कि
1- बैंक्यूट हाल, मैंरिज होम स्वामी पार्टी, शादी के दौरान लाइसेंसी शस्त्रों का उपयोग नहीं करने देंगे और यदि उनकी बात नहीं मानी जाती है तो वह 112 नम्बर डायल कर पुलिस को सूचित करेंगे।
2- कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार की अफवाह नहीं फैलाएगा और झूठी खबरों को प्रकाशित नहीं करेगा और ना करायेगा और ना ही इसके प्रसारण में सहायक होगा, जिससे आम जनता, विभिन्न वर्गों, सम्प्रदायों के मध्य घृणा व द्वेष की भावना उत्पन्न हो अथवा शांति व्यवस्था भंग होने की सम्भावना हो।
3- कोई भी व्यक्ति ऐसी तस्वीर, कार्टून, हैण्डबिल, दीवार लेखन, बैनर, पोस्टर नहीं लिखेगा और न ही प्रकाशित करेगा और न करायेगा, जिससे शान्ति-व्यवस्था भंग होने की सम्भावना हो।
4- कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह सार्वजनिक स्थलों, धार्मिक स्थलों यथा मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च आदि से ऐसी कोई बात का प्रसारण या चर्चा नहीं करेगा, जिससे समाज में भय, आतंक, सामुदायिक वैमनस्यता एवं अव्यवस्था उत्पन्न हो।
5- कोई भी व्यक्ति अधवा संगठन किसी भी व्यक्ति व समुदाय के प्रति अपमानजनक भाषा या गाली का प्रयोग नहीं करेगा तथा न ही किसी के पुतला दहन आदि कर व्यक्ति की मर्यादा को भंग करेगा और न ही उत्तेजनात्मक, साम्प्रदायिक नारे लगायेगा, जिससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचे या शान्ति-व्यवस्था भंग होने की सम्भावना हो।
6- कोई भी व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान पर तथा घरों ध् दुकानों आदि भवनों की छतों पर ईंट, पत्थर, रोडे, कांच की बोतलें, लोहे की सरिया, फेंककर मारे जाने वाली वस्तुएं और ज्वलनशील पदार्थ एकत्रित नहीं करेगा और ना ही करायेगा।
7-कोई भी व्यक्ति परीक्षा केन्द्रों परीक्षा स्थल और किसी भी सार्वजनिक स्थान पर बल्लम, चाकू तलवार, भाला अथवा आग्नेयास्त्र जैसे बन्दूक, पिस्टल आदि तथा ज्वलनशील एवं विस्फोटक पदार्थ जैसे तेजाब आदि लेकर नहीं जायेगा और ना ही अपने पास रखेगा। यह प्रतिबन्ध डयूटी पर तैनात कर्मचारी पर लागू नहीं होगा, अपाहिज या नेत्रहीन अपने सहारे के लिये छड़ी तथा सिक्ख धर्म के अनुयायी म्यान में कृपाण रख सकते हैं।
8- कोई भी व्यक्ति परीक्षा केन्द्रों के आसपास 100 मीटर की परिधि में लाउडस्पीकर या अन्य ध्यनि प्रसारण यंत्र का प्रयोग बिना पूर्व अनुमति के नहीं करेगा। यह प्रतिबन्ध धार्मिक कार्यों के लिए परम्परागत रूप से शादी बारात, मन्दिर, मस्जिद, गुरुद्वारा आदि में होने वाली प्रार्थना सभा पर लागू नहीं होगा।
9- संघ लोक सेवा आयोगध्लोक सेवा आयोग की परीक्षायें निर्धारित कार्यक्रमानुसार आयोजित की जायेगी।
10- कोई भी व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान के आस-पास किसी भी धमाकेदार आतिशबाजी या हवा में उड़कर आयाज करने वाली किसी आतिशबाजी का प्रयोग नहीं करेगा और न ही इसके लिये किसी को प्रेरित करेगा एवं कोई भी व्यक्ति सक्षम अधिकारी से अनुमतिध्लाइसेंस प्राप्त किये बिना कोई भी विस्फोटक पदार्थध्आतिशबाजीध्पटाखा आदि का ना निर्माण करेगा, ना भण्डारण करेगा, ना बेचेगा और ना ही किसी प्रकार का आदान-प्रदान ध् परिवहन आदि करेगा।
11- कोई भी व्यक्ति विधि विरुद्ध प्रयोजन हेतु किसी सार्वजनिक स्थान पर पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों का समूह नहीं बनायेगा और ना ही ऐसे समूह में शामिल होगा। साथ ही इसके स्टेशन सिविल लाइन की तरफ तथा शमशाद मार्केट व जमालपुर क्षेत्र के आस-पास एवं रेलवे रोड व मालगोदान के आस-पास पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों का समूह रात्रि के समय अनावश्यक रूप से न पाया जायें। यह प्रतिबन्ध ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी पर लागू नहीं होगा।
12- कोई भी व्यक्ति शराब या अन्य किसी मादक पदार्थ का सेवन कर उदण्डता नहीं करेगा और न नशे की हालत में सड़क या सार्वजनिक स्थल पर धूमेगा।
13- कोई भी व्यक्ति अपने यहां अपराधी प्रवृत्ति का किरायेदार नहीं रखेगा और यदि किसी विदेशी नागरिक को किरायेदार के रूप में रखेगा तो उसकी सूचना निकटतम पुलिस स्टेशन को अनिवार्य रूप से देगा। किरायेदार से लिखित एग्रीमेन्ट किरायेदारी अधिनियम के तहत करेगा।
14- कोई भी व्यक्ति विभिन्न धर्मों, जातियों एवं सम्प्रदाय के मतावलम्बियों की धार्मिक अथवा जातीय भावनाओं को नहीं भड़कायेगा और न ही मन्दिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरुद्वारा या पूजा के अन्य स्थानों का प्रयोग भड़काऊ भाषणों हेतु करेगा।
15- कोई भी व्यक्ति न तो ऐसे क्रियाकलाप करेगा और ना ही ऐसा करने के लिए किसी को प्रेरित करेगा जो विभिन्न जाति, धर्म, भाषा के मतावलम्बियों के बीच पहले से विद्यमान तनाव एवं ईर्ष्या को और भड़काने का कार्य करें।
चूंकि यह मामला विशेष आपातिक परिस्थितियों का है और इतना समय नहीं है कि इस आदेश की सभी सम्बन्धितों पर व्यक्तिगत तामील करायी जा सके। अतः यह आदेश एक पक्षीय पारित किया जाता है। धारा-163 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता अनतर्गत यह आदेश 13.09.2024 से अलीगढ़ महानगर क्षेत्र में तत्काल प्रभाव से लागू होगा और 03.11.2024 तक लागू रहेगी, यदि इसे पूर्व निरस्त न कर दिया जाये।
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