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एमएसपी की गारंटी लेकर रहेंगें किसान, महेन्द्र प्रताप सिंह पार्क में किसान संगठनों ने नेताओं ने धरना दिया

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Aligarh MEDIA desk, अलीगढ़, 31 जुलाई। एम एस पी पर केन्द्र द्वारा बनाई कमेटी को भंग करने और गारंटी कानून की मांग को लेकर देश भर में किसानों ने चक्का जाम किया। यूपी में लेखपाल परीक्षा की वजह से किसानों ने चक्का जाम का फैसला वापस लेते हुए शांतिपूर्वक धरने का निर्णय लिया था।  संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर जिला मुख्यालय पर भी महेन्द्र प्रताप सिंह पार्क में किसान संगठनों ने नेताओं ने 11 बजे से सांकेतिक धरना दिया। धरने की अध्यक्षता किसान सभा के नेता सूरजपाल उपाध्याय ने की। 

   शहीद उधमसिंह के शहादत दिवस पर घोषित धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा राज्य समिति के मीडिया प्रभारी शशिकांत ने कहा कि सरकार उसी रौलेक्ट एक्ट जैसे जनविरोधी कानूनों का इस्तेमाल कर रही है, जिसके विरोध में जलियावाला बाग में क्रांतिकारी जुटे थे। किसान नेता आशीष मित्तल और गांधीवादी हिमांशु कुमार जैसे जनपक्षधर नेताओं -कार्यकर्ताओं पर फर्जी लगाकर जनान्दोलनों का गला घोंट रही है। 
  एम एस पी की कानूनी गारंटी के वायदे से सरकार मुकर गई है। लेकिन देश भर का किसान एम एस पी कानूनी गारंटी लेकर रहेगि। क्रांतिकारी किसान यूनियन के मंडल प्रभारी सुरेशचन्द्र गांधी ने कहा कि किसानों के बाद अब शहर की मध्यवर्गी नौकरीपेशा-मजदूर पर टैक्सों का बोझ लादा जा रहा है। पहले से महंगाई ने कमर तोड़ रखी थी, वहीं अब गृहकर पांच हजार से लाख रूपये तक अलीगढ नगर की जनता पर थोप कर उसका निवाला छीनने की तैयारी है। 
  भाकियू के प्रमोद वर्मा ने कहा कि खाद - बीज -बिजली दिनोंदिन महंगी कर सरकार खेती बर्वाद करने पर तुली है। किसानों को मुफ्त बिजली एक और जुमला साबित हुआ है। किसान सभा के इरफान अंसारी ने मौजूदा केन्द्र सरकार को किसान विरोधी ही जनविरोधी कहा। उनका कहना था उधम सिंह जिस कौमी एकता के लिए संघर्ष करते उसे आज देश की सत्ता से खतरा है। 
   मजदूर नेता रमेशचन्द्र विद्रोही ने कहा कि मजदूर और किसान का अटूट रिश्ता है। मजदूर-किसान की एकता अडानी-अंबानी की इस सरकार से अपनी मेहनत का मोल लड़कर हासिल करेगी। 
  धरने को समर्थन देने आए सामाजिक कार्यकर्ता के बी मौर्य ने कहा कि आज जाति और धर्म के नाम राजनीतिक रोटियां सेकने वाली सभी पार्टियां लुटेरों के सामने नतमस्तक हैं। किसान-मजदूर ही आज इन लुटेरी ताकतों का सामना कर रहा है। 
  धरने के दौरान जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन नायब तहसीलदार कोल श्रीमती अंजली को सौंपा गया। ज्ञापन के जरिए एम एस पी पर गठित कमेटी को भंग करने की मांग की। ज्ञापन में कमेटी के अध्यक्ष डा संजय सिंह अग्रवाल सहित तमाम सदस्यों पर किसान विरोधी और तीनों कृषि कानूनों का पैरोकार होने का आरोप लगाया। साथ ही स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार सभी कृषि उत्पादों पर  व्यापक लागत की डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग दोहरायी।

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