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नियत मूल्य से अधिक धनराशि मांगे विक्रेता तो कंट्रोल रूम में दर्ज कराएं शिकायत, होगी कार्यवाही

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एसडीएम लेखपालों की तैनाती कर खतौनी एवं आधार कार्ड के माध्यम से उर्वरकों कराएं बिक्री

 अलीगढ़ मीडिया डॉट कॉम,अलीगढ़ 31 अक्टूबर (सू0वि0) जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में कलैक्ट्रेट सभागार में जनपद में उर्वरक विशेषककर डीएपी, एनपीके फास्फेटिक उर्वरकों के वितरण पर विशेष निगरानी रखने के लिये समस्त एसडीएम एवं जिला कृषि अधिकारी के साथ बैठक का आयोजन किया गया। उन्होंने जिला कृषि अधिकारी को निर्देशित किया कि प्रत्येक दिन डीएपी एवं एनपीके उर्वरकों की तहसीलवार लिस्ट तैयार कर सम्बन्धित उपजिलाधिकारियों को उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने कहा कि जनपद में उर्वरकों की शत प्रतिशत बिक्री पीओएस मशीन से ही सुनिश्चित की जाए। पीओएस मशीन से बिक्री न करने वाले डीलरों के विरूद्ध सुसंगत धाराओं में कड़ी कार्यवाही की जाए। 

डीएम ने सभी एसडीएम को निर्देशित किया कि जिला कृषि अधिकारी से प्राप्त डीलरों की सूची के अनुसार क्षेत्रीय लेखपालों की ड्यूटी लगाई जाए। उन्होंने कहा कि सभी लेखपाल खतौनी में अंकित भूमि के विवरण के अनुसार आधार कार्ड के माध्यम से निर्धारित उर्वरक की बिक्री सुनिश्चित कराएंगे। डीएम ने किसान भाईयों को आश्वस्त किया कि जनपद में वर्तमान में पर्याप्त मात्रा में यूरिया, डीएपी तथा उर्वरकों की उपलब्धता निजी व सहकारी क्षेत्रों में में बनी हुयी है। उन्होंने किसान भाईयों से अपील करते हुए कहा कि अपनी आवश्यकतानुसार पीओएस मशीन से उर्वरक प्राप्त कर लें यदि कोई उर्वरक विक्रेता बोरे पर छपे हुये खुदरा मूल्य से अधिक धनराशि की माँग करता है अथवा उर्वरक के साथ कोई अन्य उत्पाद टैग करता है तो उसकी शिकायत जिला कृषि अधिकारी या उनके कार्यालय में दर्ज करा सकते हैं। 

ज़िला कृषि अधिकारी अभिनंदन सिंह ने जनपद के सभी उर्वरक व्यवसाईयों को निर्देशित किया कि विभिन्न उर्वरकों के लिये नियत मूल्य पर ही उर्वरक की बिक्री नियमानुसार कृषक की जोत के अनुसार पीओएस मशीन से बिक्री करते हुये प्रत्येक कृषक को कैश रसीद अवश्य उपलब्ध करायें। जिसमें कृषक की पहचान का विवरण भी अंकित किया जाये। इसके साथ ही साथ यह भी निर्देशित किया जाता है कि प्रतिष्ठान पर रेट बोर्ड, स्टाक बोर्ड अवश्य प्रदर्शित करें, जिसमें स्पष्ट रूप से तिथिवार स्टाक एवं रेट का अंकन होना जरूरी है। इस संबंध में पूर्व प्रदत्त निर्देशों के अनुसार नियमानुसार उर्वरक क्रय-विक्रय न करने वाले व्यवसाईयों के बिरूद्व उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 3/7 के अन्तर्गत विधिसम्मत कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।

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