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उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 के टहल मिल रहे है बड़े लाभ... पढ़िए


रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, आईपीआर सेंटर, विष्वविद्यालय एवं डिग्री कॉलेज उठाएं योजना का लाभ

इच्छुक इकाई को वांछित प्रपत्रों सहित निवेश मित्र पोर्टल पर करें आवेदन -नवदीप रिणवा, मंडलायुक्त


अलीगढ मीडिया न्यूज़ ब्यूरो, अलीगढ|  प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 के अंतर्गत प्रदेश में स्वतंत्र रिसर्च एवं डेवलपमेंट सेंटर, बौद्धिक संपदा अधिकार एवं सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के प्रोत्साहन के लिए नई योजना निर्गत की गई है। मण्डलायुक्त नवदीप रिणवा द्वारा यह जानकारी देते हुए मंडल के समस्त रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, आईपीआर सेंटर, विश्वविद्यालय एवं डिग्री कॉलेज से अपील करते हुए कहा है कि यह संस्थान प्रदेश सरकार की इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।


मण्डलायुक्त ने बताया कि उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 के अंतर्गत न्यूनतम 20 करोड़ लागत वाले स्वतंत्र रिसर्च एवं डेवलपमेंट सेंटर, निजी कंपनियां, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां और सरकारी संगठनों द्वारा स्थापित किए गए रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर जिसमें विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, गैर शैक्षणिक, शैक्षणिक एवं तकनीकी संस्थान, एनजीओ और इंक्यूबेशन सेंटर, जिनको प्रदेश सरकार अथवा केंद्र सरकार द्वारा किसी अन्य योजना में लाभ नहीं प्राप्त हो रहा है, पात्र होंगे। उन्होंने बताया कि अनुसंधान कार्य के लिए मशीनरी संयंत्र उपकरण, टूल्स, प्रौद्योगिकी, टेक्नोलॉजी की अधिकतम लागत 2 करोड़ रूपये हो, वह इकाइयां भी इस योजना के अंतर्गत पात्र होंगी। इस प्रकार की इकाइयां जो रिसर्च एंड डेवलपमेंट का कार्य कर रही हैं, उनको परियोजना लागत का अधिकतम 25 प्रतिशत प्रतिपूर्ति या अधिकतम सीमा 10 करोड रूपये तक देय होगा। उन्होंने बताया कि पेटेंट कॉपीराइट, ट्रेडमार्क, जी आई पंजीयन में होने वाले व्यय के लिए 50 प्रतिशत का प्रोत्साहन और अधिकतम एक करोड़ तक प्रदान किया जाएगा। इच्छुक इकाई को वांछित प्रपत्रों- सीए द्वारा प्रमाणित डीपीआर, आर एंड डी का नाम, पेटेंट का विवरण एवं अन्य अभिलेखों के साथ निवेश मित्र पोर्टल पर आवेदन करना होगा। 


          मण्डलायुक्त ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए भी वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इंडस्ट्रीज 4.0 से संबंधित अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों में संलग्न होना आवश्यक है। ऑटोमोबाइल उद्योग, फार्मा उद्योग, इस्पात उद्योग, फूड प्रोसेसिंग व प्लास्टिक उद्योग से संबंधित मार्गदर्शन प्रदान करना, प्रशिक्षण प्रदान करना अनुसंधान कार्य करना, नई टेक्नोलॉजी उपलब्ध कराने वाले सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को भी सम्मिलित किया जाएगा। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की परियोजना लागत का 50 प्रतिशत और अधिकतम 10 करोड़ की सीमा के अंतर्गत अनुदान प्रदान किया जाएगा। परियोजना लागत में संयंत्र मशीनरी उपकरण टूल्स एवं तकनीकी को ही माना जाएगा। पात्र इकाइयों को प्रथम आवत प्रथम पावत के आधार पर लाभ प्रदान किया जाएगा।

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