*अपने आप को संस्कारी कहने वालों को चुल्लूभर पानी भी सुख गया*
अलीगढ मीडिया न्यूज़ ब्यूरो, हरदुआगंज! अलीगढ़ के हरदुआगंज कस्बा में थाने से महज सौ मीटर दूरी पर बीते बीस दिनों से नुमाईश लगी है जिसमें बड़े-छोटे झूले, महिला श्रृंगार के सामान की दुकानें, सॉफ्टी आइसक्रीम, खाने के स्टाल के साथ एक मंच बेरायती शो का भी सजा है। यूं कहें कि दुकानें व झूले शोरूम मात्र हैं असली मजा तो बेरायती शो में युवतियों के अश्लील ठुमके देखने का हैं। फिल्मी गीतों पर नाचती नवयौवनाओं के दीदार को यहां खूब भीड़ जुट रही है, बुजुर्गों व युवाओं से लेकर किशोर भी इस रंगमंच पर आंखें सेकते हुए युवतियों के ऊपर खूब नोट बरसाते देखे जा रहे हैं।
कड़वा सवाल हिन्दू लड़कियां ही क्यों??
#इस नुमाइश को लगवाने वाला अलीगढ़ निवासी जावेद नाम का व्यक्ति है।
#जहां ये नुमाइश लग रही है वो इस्कॉन गीता ज्ञान मंदिर से सामने का खेत है।
#सूत्रों की मानें तो करीब एक दर्जन से अधिक संख्या में नाचने वाली लड़कियां मीना, रीता, जूही, सीता गीता, मीरा व एक रुबीना है (काल्पनिक)। दावा है कि अलीगढ़ तक के लोग बैग भरभर कर नोट ला रहे हैं। लड़कियों के ऊपर खुलेआम नोट बिखेरे जा रहे हैं।
... सोचनीय बात
आज प्रदेश क्या देशभर में हिन्दू-मुस्लिम द्वंद, लव जेहाद, रोहग्या से लेकर सूटकेस में लाश की चर्चा करते हिदू सनातन को खतरे में होने का दम भरते हैं, इस चर्चा पर चुनाव लड़े जाते हैं सरकारें बनती बिगड़ती हैं। हम भाषणों में नारी पूज्यंते व नारी रक्षते का भी खूब दम भरते हैं।
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लोगों को इस नुमाइश में भुहड़ ढंग से नाचनी नवयोवनाओं के ऊपर नोट बरसने की चटकारे लेकर चर्चा करते देख मैं भी सच जानने को वहां जा पहुंचा। वहां का नजारा देख व सच्चाई जानकर में हैरान रह गया।
क्योंकि महिला अपराध हुआ तो सड़कों पर आंदोलन व केंडल मार्च करते, समाज मे गिरते संस्कारों चिंता जाहिर करने वाले लोग भी वहां दिखे। हर गाने के बीच में शराबी युवकों का आपस मे उलझना आम बात थी। इस घंटे में करीब डेढ़ लाख रुपये बरसाए जाने की चर्चा खूब रही।
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सच हैरान करने वाला है...
मैंने नुमाइश की परमीशन से लेकर इस भुहड़ मंच को सजाने की छूट की सच्चाई जानने को नुमाइश में ही बेरायती शो की व्यवस्था संभलवा रहे एक युवक से बातचीत की वह युवक शराब का सेवन किए हुए था सो झट से खुल गया और बोला कि
परमीशन तो झूले व सॉफ्टी कॉर्नर की है बेरायती शो तो रुपये के बल पर चल रहा है।
उसने नुमाइश के बीच व वेरायटी शो के मंच के सामने दाहिने ओर बनी अस्थाई पुलिस चौकी की ओर इशारा किया और बोला कि इन सबको खरीदा गया है।
आयोजन की परमिशन पर मोहर लगाने वाले दरोगा को एक लाख, थाने के मुखिया को डेढ़ लाख और पिछले दिनों एक पत्रकार ने बड़े साब को वीडियो डाल दी एक रात काम बंद रहा दो लाख में वो भी मान गए। और तो और नाच गाने के दौरान रोज झगड़े होते हैं, वो सिपाही नाच बंद कराने आ जाता है रोज दो हजार की हड्डी उसे भी फेंकते हैं। फिर दुम दबाकर चुपचाप बैठ जाता है। रुपये से सब बिकता है, और तो और इस बेरायती शो का उद्घाटन ही फीता काटकर पुलिस ने ही किया था।
......सार्वजनिक रूप से फैल रही इस गंध पर चुप क्यों हैं ???
हरदुआगंज श्रीकृष्ण के अग्रज बलदाऊ महाराज की कर्मभूमि है, यहां प्राचीन मंदिरों की आस्था, श्रीराम की पूजा के साथ सनातनी होने की जयघोष करते लोग सार्वजनिक रूप से फैल रही इस गंध पर चुप क्यों हैं ???
खुद को हिंदूवादी और राष्ट्ररक्षक बताने वाले अश्लीलता पर धृतराष्ट क्यों बनें हैं। क्या इतना सब होने देने के हम जिम्मेदार नहीं ये सवाल खुद से जरूर करें।