अलीगढ़ मीडिया डिजिटल, हरदुआगंज। अलीगढ़ के थाना हरदुआगंज इलाके के भवनगढ़ी गांव में महज चार दिन के अंतराल पर दोबारा से हुई फायरिंग की गई, इस फायरिंग में युवक और उसकी मां बाल-बाल बच गए। हफ्तेभर पहले हुई मामूली नोकझोंक के बाद बेखौफ युवकों ने दूसरी बार फायरिंग कर दी। पीड़ित परिवार का आरोप है कि यदि तीन दिन पहले के मुकदमे में पुलिस कार्रवाई करती तो शायद आरोपी दूसरी बार यह जुर्रत नहीं करते। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों से पूछताछ की है।
पीड़िता भवनगढ़ी निवासी बीना देवी का कहना है कि बीती 27 जून को वह अपने बड़े बेटे आकाश के साथ मायके गईं थीं, उसी दिन छोटे बेटे शिवम के साथ साधु आश्रम के रास्ते पर चेंचू व प्रवीन निवासी ग्वालरा ने मारपीट कर दी। लौटने पर उन्होंने दोनों युवकों के घर शिकायत की तो आरोपियों ने बेटों को जान से मारने की धमकी दी। इसी रंजिश के तहत बीती 30 जून की रात 11:30 बजे चेंचू व प्रवीन गांव भवनगढ़ी के भूपेंद्र उर्फ बॉबी के साथ हथियार लेकर घर आ गए और गालीगलौज करने लगे, इसके बाद हवाई फायरिंग की।
गांव भवनगढ़ी में शुक्रवार रात एक घर पर हुई ताबड़तोड़ फायरिंग की घटना से गांव में दहशत व्याप्त है। पीड़िता बीना देवी और उनके बेटों पर हुए इस दुस्साहसी हमले में सिर्फ दीवारें नहीं छलनी हुईं, बल्कि कानून व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल उठे हैं।
• सबसे गंभीर बात यह है कि इसी मामले में 30 जून को पहले ही एफआईआर संख्या 0242/25 दर्ज हो चुकी है, लेकिन आज तक न तो पुलिस मौके पर जांच करने पहुंची, न ही आरोपियों पर कोई कड़ी कार्रवाई हुई।
• पहले भी हमलावरों के खाली कारतूस बरामद हो चुके हैं, बावजूद इसके पुलिस ने इसे हल्के में लिया और मौका-ए-वारदात पर न तो कोई टीम भेजी, न ही फॉरेंसिक जांच कराई।
खुद पर मुकदमा दर्ज होने से बौखलाए नामजद हमलावरों ने शुक्रवार की रात इरादतन बीना देवी के घर में घुसकर गोलियां चलाई। दीवारों में धंसी गोलियां इस जानलेवा हमले की गवाह व मौके पर मिले दो कारतूस के खाली खोखे सबूत हैं। दुस्साहसिक घटना के बाद पुलिस अब भी मौन है।