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# एएमयू में अली दिवस समारोह का आयोजन, एएमयू के शिक्षक को मिला पेटेंट

अलीगढ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ| अली सोसाइटी, अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय द्वारा इस्लाम के चैथे खलीफा हजरत अली की जयंती के रूप में आयोजित वार्षिक अली दिवस समारोह कैनेडी ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। अपने अध्यक्षीय भाषण में, एएमयू के कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़ ने हज़रत अली को श्रद्धांजलि अर्पित की और सभी से हज़रत अली की शिक्षाओं को अपनाने का आग्रह किया, जिन्होंने जीवन भर ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि हजरत अली को ज्ञान का प्रवेश द्वार ‘बाब-अल-इल्म’ कहा जाता था और आज के युग में ज्ञान ही जीत की माध्यम है।


उन्होंने कहा हर मुसलमान के लिए हज़रत अली की शिक्षाओं में अटूट विश्वास बनाए रखना और इस तरह ज्ञान प्राप्त करना अनिवार्य है। मुख्य अतिथि, भारत में इस्लामी गणतंत्र ईरान के सर्वाेच्च लीडर के मुख्य प्रतिनिधि, महामहिम आगा मेहदी मेहदवीपुर ने कहा कि मानवता आंतरिक शांति की तलाश कर रही है। यदि किसी व्यक्ति का हृदय ईश्वर के प्रेम से भर जाए तो उसके सभी दुख और परेशानियां दूर हो जाएंगी। ईश्वर के साथ संबंध स्थापित करने से दर्द और परेशानियां कम हो जाती हैं।


विशिष्ट अतिथि, भिनगा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, न्यायाधीश शारिब अली ने कहा कि इस्लाम ज्ञान का दीपक जलाने का संदेश देता है, और इमाम अली ने कहा कि दुनिया का ज्ञान दूसरों के साथ ज्ञान साझा करने से आता है। सम्मानित अतिथि, लखनऊ विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर अब्बास रज़ा नैय्यर ने अपनी काव्यात्मक शैली में इमाम अली के महान कद पर प्रकाश डाला।


मौलाना सैयद ज़रग़ाम हैदर रिज़वी ने हज़रत अली के बौद्धिक व्यक्तित्व के विशेष संदर्भ में ज्ञान प्राप्त करने के लाभों को बताया। उन्होंने उल्लेख किया कि धन, शक्ति और सम्मान हर किसी के द्वारा प्राप्त नहीं किया जा सकता है, लेकिन ज्ञान में धन, शक्ति और सम्मान शामिल है, जिसे कोई भी अपनी इच्छा से प्राप्त कर सकता है। डॉ. हफ़ीज़ उर रहमान ने कहा कि इमाम अली का जीवन सिर्फ एक विशिष्ट समुदाय या संप्रदाय के लिए एक उदाहरण नहीं है, बल्कि मानवता की भलाई के लिए काम करने वाले सभी लोगों के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य करता है।


श्री ज़ीशान अली आज़मी ने कहा कि जब व्यक्ति अपनी जड़ों से जुड़ा रहता है तो प्रगति ही उसकी नियति बन जाती है। श्री सैयद सलीम हैदर नकवी ने सभी से हज़रत अली के अनुकरणीय जीवन को जीवन में अपनाने और यहां और इसके बाद सफल होने का आग्रह किया। इस अवसर पर अली डे समारोह के तहत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। निबंध लेखन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार सकीना को मिला, जबकि दूसरा और तीसरा पुरस्कार क्रमशः सिब्ते सुग़रा और रमशा फातिमा को दिया गया।


भाषण प्रतियोगिता में बसरा हसन ने प्रथम पुरस्कार जीता जबकि फ़िज़ा हुसैन और अरीशा मलिक को दूसरा और तीसरा पुरस्कार मिला। पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में पहला पुरस्कार आसिया मासूम ने जीता, जबकि दूसरा पुरस्कार वारिशा खालिद और निमरा खानम ने साझा किया। तीसरा पुरस्कार भी मिदहत रईस और सैयदा अलाय ज़हरा अहसन को मिला, जबकि सिमसम अहमद को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।


अली सोसायटी के अध्यक्ष प्रो. आबिद अली खान ने धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन में सफी अब्बास (कार्यक्रम समन्वयक) और सैयद फैजुल हसन (कार्यक्रम संयुक्त समन्वयक) और उनके सहयोगियों की कड़ी मेहनत की सराहना की। इस भव्य समारोह में इस अवसर पर आयोजित विभिन्न प्रतिस्पर्धी कार्यक्रमों के विजेताओं को पुरस्कार वितरित भी किया गये।

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एसएन हॉल में खेलकूद प्रतियेागिता ‘दारीचा‘ 24‘ का उद्घाटन

अलीगढ, 6 फरवरीः अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सरोजिनी नायडू हॉल का खेलकूद हालवीक कार्यक्रम, ‘दारिचा‘24‘ हर्षाेल्लास के साथ प्रारंभ हुआ, जिसमें पहले दिन कबड्डी और टेबल टेनिस सहित खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की गयीं। सरोजिनी नायडू हॉल की प्रोवोस्ट प्रो. अफशां बे ने फीता काटकर हॉल सप्ताह का उद्घाटन किया।


सीनियर हॉल मॉनिटर आयशा शम्सी ने उद्घाटन भाषण दिया। कबड्डी मुकाबलों में कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। शारीरिक शिक्षा विभाग की शिवानी और सना रज़ा ने कबड्डी मैचों में निर्णायक की भूमिका निभाई, जबकि पीएचई विभाग से नवेद ने टेबल टेनिस मैचों में निर्णायक की भूमिका निभाई।हॉल वार्डन, डा. सदफ़ नासिर, सुश्री हिना परवीन, और सुश्री नाज़िया बेगम भी इस अवसर पर मौजूद रहीं।


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हालिया तकनीकी रुझान और व्यवसाय पर इसके प्रभाव पर विस्तार व्याख्यान

अलीगढ़, 6 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज एंड रिसर्च (एफएमएसआर) के बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग ने ‘हालिया तकनीकी रुझान और व्यवसाय पर इसका प्रभाव’ शीर्षक से एक विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया, जिसमें वरिष्ठ प्रतिष्ठित हेवलेट-पैकार्ड, यूएसए में टेक्नोलॉजिस्ट तारिक खान ने छात्रों को उभरते तकनीकी परिदृश्य और व्यवसायों पर इसके प्रभाव के बारे में बताया।


श्री खान ने तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया, जिसमें बताया गया कि कैसे एआई पूर्वानुमानित उद्देश्यों के लिए विशाल डेटा के सहयोग से पाठ, चित्र और वीडियो बनाने में मानव रचनात्मकता से आगे निकल जाता है। एआई की परिवर्तनकारी क्षमता को स्वीकार करने के बावजूद, श्री खान ने नौकरी में विस्थापन और सामाजिक अनुकूलन सहित इसकी संभावित कमियों पर चर्चा की। उन्होंने छात्रों से तकनीकी प्रगति को अपनाने और उभरते व्यावसायिक परिदृश्य के अनुरूप लचीले बने रहने का आग्रह किया।


व्याख्यान के बाद एक इंटरैक्टिव प्रश्न-उत्तर सत्र हुआ, जिससे छात्रों को विषय को गहराई से जानने का अवसर प्राप्त हुआ। विभाग की सह-पाठ्यचर्या समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम, दर्शकों पर स्थायी प्रभाव के साथ संपन्न हुआ और प्रौद्योगिकी की दुनिया के साथ सक्रिय जुड़ाव को प्रोत्साहित किया गया। डीबीए के अध्यक्ष प्रोफेसर जमाल ए. फारूकी ने स्वागत भाषण दिया, जबकि प्रोफेसर सबूही नसीम ने श्री खान का परिचय दिया।

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एएमयू शिक्षक द्वारा अंतर्राष्ट्रीय आयुष कॉन्क्लेव 24 में आमंत्रित व्याख्यान

अलीगढ, 6 फरवरीः अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के यूनानी चिकित्सा संकाय में मनाफ़उल अज़ा विभाग के अध्यक्ष डॉ. फारूक ए डार ने जामिया मिलिया इस्लामिया, न्यू दिल्ली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय आयुष कॉन्क्लेव 2024 में एक मुख्य व्याख्यान दिया।


डॉ. डार ने बेहतर रोगी देखभाल में बुनियादी अनुसंधान के अनुवाद में तेजी लाने में अभ्यास-आधारित अनुसंधान (पीबीआर) के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने संस्थानों और प्राथमिक देखभाल चिकित्सकों के बीच निर्बाध सहयोग के लिए आयुष क्षेत्रों के भीतर पीबीआर नेटवर्क की त्वरित स्थापना की वकालत की। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा वितरण की गुणवत्ता बढ़ाने में अनुसंधान की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला। व्याख्यान व्यावहारिक निहितार्थ और आयुष प्रथाओं में प्रगति लाने की क्षमता पर केंद्रित था।


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एएमयू ने इंटरनेशनल कॉरपोरेट मीट का आयोजन किया

अलीगढ़ 6 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रशिक्षण और प्लेसमेंट कार्यालय (सामान्य) द्वारा 17 फरवरी, 2024 को कैनेडी ऑडिटोरियम में एक अंतर्राष्ट्रीय कॉर्पाेरेट मीट, ‘इग्नाइट 2.0’ का आयोजन कर रहा है। टीपीओ और संयोजक, श्री साद हमीद ने कहा कि मीट के आयोजन का उद्देश्य एक विश्वविद्यालय-उद्योग इंटरफ़ेस विकसित करना और एक ऐसा मंच बनाना है जहां छात्र व्यावसायिक दुनिया के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए कॉर्पाेरेट कर्मियों के साथ संवाद कर सकें।


आयोजन सचिव डॉ. मुज़म्मिल मुश्ताक ने कहा कि भारत और विदेश से प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रतिनिधि बैठक में भाग लेंगे और बदलते परिदृश्य के अनुरूप भविष्य की आजीविका की संभावनाओं सहित विभिन्न विषयों पर छात्रों के साथ बातचीत करेंगे।आयोजन सचिव डॉ. सुहैला परवीन ने छात्रों से बड़ी संख्या में कार्यक्रम में भाग लेने का आग्रह किया और इससे पहले, विभिन्न टीपीओ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या एएमयू वेबसाइट पर या कार्यक्रम के पोस्टर में उल्लिखित क्यूआर कोड के माध्यम से अपना पंजीकरण कराया।


सह-संयोजक डॉ. जहांगीर आलम ने कहा कि इग्नाइट 2.0 छात्रों के लिए नौकरी बाजार के अवसरों, अपेक्षाओं और चुनौतियों के बारे में प्रत्यक्ष अनुभव और जानकारी प्राप्त करने का एक सुनहरा अवसर है।

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जोनल यूथ फेस्टिवल में एएमयू के छात्रों का उत्कृष्ट प्रदर्शन

अलीगढ़ 6 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लगभग चालीस छात्रों की एक टीम ने एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज द्वारा आयोजित 37वीं अंतर-विश्वविद्यालय सेंट्रल जोन प्रतियोगिता में विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया था। युवा महोत्सव फरवरी 2024 तक स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ में आयोजित किया गया। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने असाधारण प्रतिभा दिखाई और कई श्रेणियों में जीत हासिल की।


विश्वविद्यालय की क्विज़ टीम, जिसमें मोहम्मद सबीह अहमद (बीएएलएलबी), मोहम्मद अशर मुजीब (बीएससी) और मोहम्मद खालिद अहमद (बीएससी) शामिल थे, ने दूसरा पुरस्कार जीता। यूनिवर्सिटी डिबेटिंग एंड लिटरेरी क्लब (यूडीएलसी) के अध्यक्ष डॉ. सदफ फरीद ने टीम के सदस्यों को बधाई दी, जो यूडीएलसी के सदस्य भी हैं।


ऑन द स्पॉट फोटोग्राफी कार्यक्रम में बीएससी बॉटनी के छात्र उमैर खान और यूनिवर्सिटी फाइन आट्र्स क्लब के एक सदस्य ने क्लब के अध्यक्ष डॉ. अस्मा काज़मी से ड्राइंग की सराहना करते हुए प्रथम पुरस्कार जीता।नाट्य कला में, असील अनवर, बीई मैकेनिज़कल इंजीनियरिंग, और यूनिवर्सिटी ड्रामा क्लब के सदस्य ने मिमिक्री में पहला पुरस्कार जीता, जबकि ड्रामा टीम को थिएटर श्रेणी में ‘सेकेंड रनर-अप - ओवरऑल’ पुरस्कार मिला।


यूनिवर्सिटी ड्रामा क्लब की अध्यक्ष प्रोफेसर विभा शर्मा ने क्लब के सदस्यों को बधाई दी और उम्मीद जताई कि टीम राष्ट्रीय आयोजनों में बेहतर प्रदर्शन करेगी। प्रो. एफ.एस. शेरानी, समन्वयक, सांस्कृतिक शिक्षा केंद्र ने विजेताओं को बधाई दी और 28 मार्च से 02 अप्रैल, 2024 के बीच पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय युवा महोत्सव के लिए शुभकामनाएं दीं।


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एएमयू के शिक्षक को मिला पेटेंट

अलीगढ़ 6 फरवरीः भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक के मैकेनिकल इंजीनियरिंग अनुभाग के डॉ. अनीस अहमद अंसारी के एक अभिनव कार्य का पेटेंट किया है।


डॉ. अंसारी ने अपने नवाचार, ‘जल संरक्षण के लिए एक नियंत्रित जल डिस्पेंसर प्रणाली’ के लिए पेटेंट के लिए आवेदन किया था।  उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी प्रणाली है जो एक अलग कक्ष में एक निश्चित मात्रा में पानी संग्रहीत करने के सिद्धांत पर काम करता है। यह एक अनोखा स्पिल-प्रूफ डिस्पेंसर है जो बहुत जल्दी आवश्यक मात्रा में पानी निकाल देता है। यह कार्यालयों, उद्योग, सार्वजनिक स्थानों आदि पर जल संरक्षण के लिए अत्यधिक उपयोगी हो सकता है।

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मध्यकालीन भारतीय इतिहास में अनुसंधान की सीमाओं की खोज पर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन

अलीगढ़, 6 फरवरीः मध्यकालीन भारतीय इतिहास में अनुसंधान की सीमाओं की खोज पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन सत्र अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर गुलफिशां खान के स्वागत भाषण के साथ शुरू हुआ। भारत और विदेश के विभिन्न संस्थानों जैसे यूके और इटली के प्रतिनिधियों और प्रतिभागियों के साथ-साथ ऑनलाइन उपस्थित लोगों का स्वागत करते हुए, प्रोफेसर गुलफिशां खान ने सम्मेलन का विषय प्रस्तुत किया और अलीगढ़ स्कूल ऑफ हिस्टोरियंस के समृद्ध योगदान को उजागर करने की मांग की। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य युवा शोधकर्ताओं को प्रशिक्षण प्रदान करना था।


मुख्य वक्ता प्रोफेसर इरफान हबीब ने अपनी स्थापना के बाद से इतिहास विभाग, एएमयू के ऐतिहासिक प्रक्षेप पथ पर प्रकाश डाला। उन्होंने मध्यकालीन भारतीय इतिहास को समझने के लिए एक अनिवार्य उपकरण के रूप में फ़ारसी, विशेष रूप से शास्त्रीय फ़ारसी को अपनाने के महत्व पर प्रकाश डाला, और केवल प्राथमिक स्रोतों के अनुवादित कार्यों पर निर्भरता के प्रति आगाह किया। प्रोफ़ेसर हबीब ने प्रौद्योगिकी, पुरातत्व और स्मारकों जैसे पुनव्र्याख्या के लिए उपयुक्त महत्वपूर्ण क्षेत्रों की रूपरेखा तैयार की, जिसमें निर्माण से रहित तथ्यात्मक सटीकता की परिश्रमपूर्वक खोज की वकालत की गई।


सम्मानित अतिथि प्रोफेसर एस.जेड.एच. जाफरी दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के पूर्व अध्यक्ष ने अभिलेखीय अभिलेखों के महत्व पर जोर दिया, शास्त्रीय फ़ारसी की विविध लिपियों, विशेष रूप से शिकस्ता में दक्षता की वकालत की। उन्होंने जोगी और फिरंगी महल परिवार के इतिहास जैसे उदाहरणों का हवाला देते हुए निजी परिवार और संस्थागत दस्तावेजों से प्राप्त अमूल्य अंतर्दृष्टि पर जोर दिया और इलाहाबाद अभिलेखागार और फर्रुखाबाद संग्रह जैसे प्रमुख अभिलेखीय भंडारों पर प्रकाश डाला।


इंस्टीट्यूट ऑफ ओरिएंटल स्टडीज, एकेडमी ऑफ साइंसेज, रूस में प्रोफेसर डॉ. यूजीना वनीना ऑनलाइन मोड के माध्यम से सम्मेलन में शामिल हुईं। उन्होंने अलीगढ़ स्कूल ऑफ थॉट की सराहना की और मध्यकालीन भारत के इतिहास को भारतीय इतिहास का एक श्रद्धेय अध्याय बताया।


ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में लीवरह्यूम अर्ली करियर फेलो डॉ. जैमी कॉमस्टॉक-स्किप ने ऐतिहासिक विद्वता के लिए एक समावेशी और अंतःविषय दृष्टिकोण की वकालत करते हुए, प्रवचन में एक मध्य एशियाई परिप्रेक्ष्य लाया। उन्होंने समग्र समझ का आग्रह करते हुए विशिष्ट राजवंशों के विनियोजन के प्रति आगाह किया। अपने अध्यक्षीय भाषण में, एएमयू में सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन प्रोफेसर मिर्जा असमर बेग ने समकालीन संदर्भ में मध्यकालीन भारतीय इतिहास की महत्ता को स्वीकार किया।


एएमयू के कला संकाय के डीन प्रोफेसर आरिफ नजीर ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। इतिहास विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. गुलरुख खान और डॉ. ज़ियाउल हक ने वक्ताओं और प्रतिभागियों का परिचय दिया।

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