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सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट के तहत वीमेन्स कालिज में कौशल मेले का आयोजन


अलीगढ मीडिया डॉट कॉम,अलीगढ़| अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के उर्दू विभाग में प्रमुख उर्दू विद्वान और आलोचक प्रोफेसर जियाउर रहमान सिद्दीकी की पुस्तक अरमुगान-ए-तहकीक का विमोचन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज द्वारा किया गया। इस अवसर पर कुरानिक स्टडीज के निदेशक प्रोफेसर अब्दुर रहीम किादवई, जाने-माने फिक्शन लेखक प्रोफेसर तारिक छतारी, मॉडर्न इंडियन लैंग्वेजेज विभाग के प्रोफेसर मुश्ताक अहमद जरगर, प्रोफेसर सैयद सिराजुद्दीन अजमली और मराठी अनुभाग के प्रोफेसर ताहिर एच.पठान भी मौजूद रहे। प्रोफेसर जियाउर-रहमान सिद्दीकी की इससे पूर्व बीस पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें उर्दू साहित्य का इतिहास, उर्दू-हिंदी शब्दकोश और रस्किन बॉन्ड की कहानियों का उर्दू अनुवाद आदि शामिल हैं।


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सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट के तहत वीमेन्स कालिज में कौशल मेले का आयोजन

अलीगढ़, 6 मार्चः अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वीमेन्स कॉलेज में सिर्फ किताबें ही नहीं पढ़ाई जाती बल्कि यहां की छात्राएं जीवन के हर क्षेत्र में सफल और कुशल हो सकें, इसके लिए उनके प्रशिक्षण पर भी ध्यान दिया जाता है। जिसका उदाहरण यह कौशल मेला है। यहां की छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह एक मजबूत कदम है। यह उद्गार वीमेन्स कॉलेज की प्राचार्या प्रोफेसर नईमा खातून ने कौशल मेला के उद्घाटन समारोह के दौरान व्यक्त किये।


उन्होंने कहा कि यह सदी महिलाओं की सदी है, ऐसे में हमें महिलाओं को सशक्त बनाना है, यह जरूरी भी है ताकि भारत एक विकसित देश बन सके और यह तब तक संभव नहीं है जब तक महिलाएं आत्मनिर्भर और सशक्त नहीं हो जातीं। उन्होंने कहा कि आर्थिक आत्मनिर्भरता विचार और ताकत ला सकती है जो एक बेहतर समाज के लिए सबसे जरूरी है।


गौरतलब है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वीमेन्स कॉलेज के सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड करियर प्लानिंग के तहत छात्राओं को रोजगारपरक और आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न कोर्स चलाए जाते हैं। जिसके तहत यहां दूसरे कुशल मेले का आयोजन किया गया, जिसमें यहां की छात्राओं ने अपने हाथों से वस्तुएं बनाकर बिक्री के लिए प्रस्तुत किया प्रोफेसर नईमा खातून ने कहा कि सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड करियर प्लानिंग ने छात्रों को कला और शिल्प, हस्तशिल्प, कपड़ा, फैशन डिजाइनिंग, इंटीरियर डिजाइन सीखने का अवसर दिया है।


अन्य आधुनिक पाठ्यक्रमों के साथ-साथ डिजाइनिंग, सुईवर्क आदि में सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम संचालित करती है और उन्हें इसके प्रदर्शन और बिक्री के अवसर प्रदान करती है, इससे उनका मनोबल बढ़ता है। कौशल मेले में बीस से ज्यादा स्टॉल लगाए गए थे, जिसमें फैशन डिजाइनिंग से लेकर इंटीरियर डेकोरेशन और फूड स्टॉल शामिल थे। उन्होंने कहा कि यह सब महिलाओं को बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत किया जा रहा है।


विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लेते हुए सामाजिक विज्ञान विभाग के डीन प्रो. मिर्जा असमर बेग ने कहा कि छात्राओं ने अपने हाथों से इको-फ्रेंडली वस्तुएं बनाकर न केवल खुद को मजबूत बनाने की दिशा में मजबूत कदम उठाया है, बल्कि एक नई उपलब्धि भी हासिल की है। उन्होंने कहा कि आज उत्पादन इकाइयों को इस पहलू पर विशेष ध्यान देने और शिक्षण संस्थानों में इस विषय पर सेमिनार और संगोष्ठी आयोजित करने की आवश्यकता है।


आईजी हॉल की प्रोवोस्ट प्रोफेसर शौकत हुसैन ने कहा कि यह सेंटर रोजगार की कमी को दूर करने में अहम भूमिका निभा रहा है क्योंकि कौशल विकास के तहत कोर्स करने वाली लड़कियां खुद दूसरों को रोजगार दे रही हैं।


कौशल मेले में अदीबा सलीम, सनोबर, मैमूना अतहर, यास्मीन तलत, शाजिया फहीम, डॉ. अतिया परवीन और अमरीना यासरा आदि ने अपने उत्पादों का स्टाल लगाया।


मेले में वीमेंस कॉलेज की 120 से अधिक शिक्षिकाएं और 3000 से अधिक छात्राओं ने भाग लिया और खरीदारी की। जिन्होंने यहां प्रशिक्षण लेने के बाद अपना व्यवसाय शुरू किया है, उन्होंने बताया कि देश के कोने-कोने से छात्राएं यहां शिक्षा के लिए आती हैं और ग्रेजुएशन के बाद प्रशिक्षण लेती हैं। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकती हैं।


प्रो. रोमाना सिद्दीकी, प्रो. आयशा मुनीरा रशीद, प्रो. आयशा फारूक, प्रो. बीबी मंसूरी, प्रो. शाह आलम, डॉ. सारता वाष्र्णेय डॉ. सरवर साजिद, डॉ. फैयाज, डॉ. अली इमरान उस्मानी, डॉ. अफसाना खातून कौशल विकास मेले में डॉ. फौजिया खान, डॉ. सोहेल, डॉ. सलमान, डॉ. तौकीर, डॉ. मसूदुल्लाह खान, डॉ. फिरोज अहमद एवं डॉ. खालिद आदि ने प्रतिभाग एवं खरीदारी कर छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन किया।


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एएमयू अंतर संकाय क्रिकेट मैच में कम्बाइंड फैकल्टी के शिक्षक बने विजेता उप विजेता मेडिसिन संकाय की टीम रही


अलीगढ़, 6 मार्चः अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी गेम्स कमेटी के क्रिकेट क्लब द्वारा क्रिकेट मैदान पर अंतर संकाय क्रिकेट मैच का आज फाइनल मुकाबला संपन्न हुआ। एएमयू के 7 संकायों के खेले गए मैच में मेडिसिन संकाय, इंजीनियरिंग संकाय, सोशल साइंस एवं आर्ट संकाय, युनानी मेडिसिन संकाय, साइंस संकाय, इंटरनेशनल स्टडीज संकाय, एवं कम्बाइंड संकाय के बीच मैच खेले गए।


मेडिसिन संकाय एवं कम्बाइंड संकाय के बीच फाइनल मुकाबला हुआ, जिसमें कम्बाइंड टीम के कप्तान कॉमर्स विभाग के प्रोफेसर मोहम्मद शमीम ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया तथा उनकी टीम ने 18 ओवर में दो विकेट के नुकसान पर 140 रन का लक्षय मेडिसीन संकाय की टीम को दिया। कम्बाइंड संकाय की ओर से शानदार बल्लेबाजी करते हुए डॉक्टर लामे बिन साबिर ने 1 छक्का और 6 चैके की सहायता से 47 बाल पर 69 रन बनाए तथा टीम कैप्टन प्रोफेसर मोहम्मद शमीम ने 45 बाल पर 3 चैके की सहायता से 40 रन बनाये। मेडिसिन संकाय की ओर से डॉक्टर मसूद ने तीन ओवर में 17 रन देकर एक विकेट लिए। मेडिसिन संकाय ने लक्ष्य का पीछा करते हुए 5 विकेट के नुकसान पर 18 ओवर में 137 रन ही बना सकी। जिसमें डॉक्टर अब्दुल्ला ने 47 बालों में 9 चैकों की मदद से व्यक्तिगत 69 रन बनाये ।


पुरस्कार वितरण में मुख्य अतिथि के रूप में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में कॉमर्स संकाय की डीन प्रोफेसर नासिर जमीर कुरेशी, मैनेजमेंट संकाय की डीन प्रोफेसर आयशा फारूक, निदेशक डिस्टेंस एजुकेशन प्रोफेसर नफीस अंसारी, मेडिसिन संकाय की डीन प्रोफेसर वीणा माहेश्वरी रही। सभी अतिथियों का स्वागत गेम्स कमेटी के सचिव प्रोफेसर सय्यद अमजद अली रिजवी एवं क्रिकेट के वरिष्ठ प्रशिक्षक डॉक्टर फैसल शेरवानी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।


पुरस्कार वितरण करते हुए कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज ने कहा कि एएमयू शिक्षकों द्वारा खेलों की इस रुचि से भारत सरकार की खेलो इंडिया एवं फिट इंडिया मूवमेंट को गति मिलेगी तथा इससे छात्रों में खेल एवं व्यायाम के प्रति उत्साह बढ़ेगा। सेमीफाइनल में मैन ऑफ द मैच ईसी  सदस्य प्रोफेसर मोइनुद्दीन एवं प्रोफेसर शमीम अहमद को मिला तथा फाइनल मैंच में मैन ऑफ द मैच डॉ. लामे बिन साबिर को दिया गया।


इसी क्रम में बेस्ट बॉलर का पुरस्कार प्रोफेसर शमीम, बेस्ट बैट्समैन डॉक्टर अब्दुल्ला, बेस्ट फील्डर डॉक्टर वासिफ मोहम्मद अली, मैन ऑफ द सीरीज लामे बिन साबिर ने जीता। स्कोरिंग एवं अंपायरिंग मोहम्मद सलीम, मोहम्मद असद, कृष्णकांत एवं क्रिकेट के पूर्व कप्तान तहमीम अहमद द्वारा किया गया। संचालन प्रशिक्षक मजहर उल कमर द्वारा किया गया। सभी अतिथियों और क्रिकेट प्रेमियों का धन्यवाद क्रिकेट कोच डॉक्टर फैसल शेरवानी द्वारा किया गया।


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अमुवि का वार्षिक होर्स शो 8 मार्च को


अलीगढ़, 6 मार्चः अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी गेम्स कमेटी के राइडिंग क्लब द्वारा 8 मार्च को विश्वविद्यालय के एथलेटिक्स मैदान पर दोपहर 2.30 बजे वार्षिक होर्स शो इक्वेस्टेरिया-2024 का आयोजन किया जा रहा है।


राइडिंग क्लब के अध्यक्ष डा. वासिफ मोहम्मद अली ने बताया है कि इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज करेंगे। उन्होंने बताया कि राइडिंग क्लब विश्वविद्यालय का एक ऐतिहासिक क्लब है जिसकी स्थापना सर सैयद के समय में ही हो गई थी और तब से लेकर आज तक इस क्लब के छात्र राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं।


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केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान का तीन दिवसीय भ्रमण

अलीगढ़, 6 मार्चः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वन्यजीव विज्ञान विभाग के छात्रों ने 3 मार्च से 5 मार्च तक केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, भरतपुर, राजस्थान का भ्रमण कर वहां के वन्यजीव और जैव विविधता का अध्ययन किया और उद्यान के प्रबंधन के बारे में जानकारी प्राप्त की। डॉ. कलीम अहमद और डॉ. अहमद मसूद खान ने छात्रों के लिए शैक्षिक अवसर प्रदान करते हुए अभियान का नेतृत्व किया। बातचीत के दौरान, वन और वन्यजीव संरक्षक श्री मानस सिंह, आईएफएस ने वन्यजीव प्रबंधन प्रथाओं और संरक्षण चुनौतियों पर मूल्यवान अंतर्दृष्टि साझा की। यात्रा कार्यक्रम में चंबल-धौलपुर-भरतपुर जल आपूर्ति परियोजना के तहत पार्क के जल स्रोत का दौरा भी शामिल था।


वन्यजीव विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. सतीश कुमार ने आगामी वन्यजीव संरक्षणवादियों को तैयार करने में अनुभवात्मक शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए शिक्षकों की प्रतिबद्धता की प्रशंसा की।


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चिकित्सा क्षेत्र पर एआई के प्रभाव पर राष्ट्रीय संगोष्ठी

अलीगढ़ 6 मार्चः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अजमल खान तिब्बिया कॉलेज के अमराज-ए-जिल्द वा जोहराविया विभाग द्वारा ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता और चिकित्सा क्षेत्र में इसका महत्व ’ पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। एकेटीसी सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में डॉ. असिनाव साहू (लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली), डॉ. तौसीफ कमर (वीआईटी भोपाल), डॉ. ओम प्रकाश (सीएसआईआर लखनऊ) और डॉ. आसिम रिजवी (एएमयू) सहित प्रतिष्ठित वक्ता शामिल हुए।


मुख्य अतिथि, एएमयू के पूर्व कुलपति, प्रोफेसर तारिक मंसूर ने चिकित्सा निदान और उपचार में एआई की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला और चिकित्सा पेशेवरों से एआई की परिवर्तनकारी क्षमता के विशेष संदर्भ में सर्जरी और चिकित्सा पर भविष्य में चर्चा करने का आग्रह किया।


अपने अध्यक्षीय भाषण में, एएमयू के कुलपति, प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज ने चिकित्सा की सभी शैलियों के भविष्य के पाठ्यक्रम को उन्नत करने और स्वास्थ्य देखभाल के भविष्य को आकार देने के लिए एक उपकरण के रूप में इसके उपयोग, विशेष रूप से चिकित्सा और रेडियोलॉजी के क्षेत्र में एआई की प्रासंगिकता को रेखांकित किया।


आयोजन अध्यक्ष, प्रोफेसर जमीर अहमद ने यूनानी चिकित्सा उपचार और अनुसंधान में एआई के संभावित प्रभावों पर बहुमूल्य जानकारी प्रदान की। आयोजन सचिव डॉ. मोहम्मद मोहसिन ने वर्तमान तकनीकी परिदृश्य में एआई को एक आवश्यकता के रूप में पहचानते हुए मानव बुद्धि के महत्व को स्वीकार किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भविष्य उन लोगों का है जो एआई से लैस विशेषज्ञ हैं और वे उन लोगों से आगे निकल जाएंगे जो एआई के महत्व को पहचानने में विफल रहते हैं।


अतिथि वक्ताओं ने चिकित्सा अभ्यास और अनुसंधान में एआई के विकास पर प्रकाश डालते हुए नैदानिक पहलुओं, उपचार विज्ञान, दवा विकास, नई दवा संकेतों और अनुसंधान विश्लेषण पर व्यापक रूप से प्रकाश डाला।


यूनानी संकाय के कार्यवाहक डीन प्रोफेसर फिरासत अली, एकेटीसी के प्राचार्य प्रोफेसर बदरुद्दुजा खान और देश के विभिन्न हिस्सों से लगभग 130 प्रतिनिधियों ने संगोष्ठी में भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मोहम्मद अनस ने किया, जबकि डॉ. सना तौफीक ने संयोजक के रूप में संगोष्ठी के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 


सप्ताह भर चलने वाले मूट कोर्ट कार्यक्रम का समापन

अलीगढ़ 6 मार्चः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विधि संकाय द्वारा आयोजित सप्ताह भर चलने वाली सर सैयद नेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता 2024, विजेताओं को प्रमाण पत्र और पुरस्कार वितरण के साथ संपन्न हुई।


राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, लखनऊ की टीम विजेता बनी, जबकि एसआरएम लॉ यूनिवर्सिटी, सोनीपत, हरियाणा को उपविजेता घोषित किया गया। श्री न्यायमूर्ति वी.एन. मित्तल, श्री न्यायमूर्ति इफाकत अली खान, पूर्व जिला न्यायाधीश श्री रियासत हुसैन, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता श्री एम.आर. शमशाद और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री सैयद फरमान हुसैन नकवी ने प्रतियोगिता के सेमीफाइनल और फाइनल राउंड के निर्णायक मण्डल की भूमिका निभाई।


विधि संकाय के डीन प्रोफेसर एमजेडएम नोमानी ने कहा कि सर सैयद नेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता लॉ सोसाइटी और विधि संकाय का एक प्रमुख कार्यक्रम है और इसे पांच साल के अंतराल के बाद सफलतापूर्वक आयोजित किया गया है।


मूट कोर्ट सचिव, सुश्री अस्मा नफीस और लॉ सोसाइटी सचिव श्री सबीह अहमद ने कार्यक्रम का विवरण तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रोफेसर इशरत हुसैन, आयोजन सचिव और प्रोफेसर हशमत अली खान, प्रभारी लॉ सोसाइटी ने आवश्यक मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण प्रदान किया। प्रोफेसर मोहम्मद अशरफ ने धन्यवाद ज्ञापित किया।



बिजनेस सिमुलेशन गेम विजेताओं को सम्मानित किया गया

अलीगढ़ 6 मार्चः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के तत्वाधान में छात्रों में प्रतिस्पर्धी ढांचे के भीतर अपने रणनीतिक, निर्णय लेने और व्यावसायिक विशेषज्ञता का प्रदर्शन करने के लिये कौशल विकास के उद्देश्य से बिनेस सिमुलेशन गेम, स्ट्रैटेजिक माइंड्स 2.0 का आयोजन किया गया जिसमें जाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के बी.टेक. छात्र सौम्या अग्रवाल पर आधारित टीम सोलो फ्लायर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया जिसके लिये उसे 10 हजार रूपये की पुरस्कार राशि प्रदान की गई।


जाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के जैद अनस और मोहम्मद अफ्फान खान पर आधारित टीम फारिस को प्रथम उपविजेता के रूप में 5 हजार रुपये का नकद पुरस्कार मिला। जबकि दूसरी उपविजेता टीम, थिंकर्स, जिसका प्रतिनिधित्व कृषि अर्थशास्त्र और व्यवसाय प्रबंधन विभाग के तनिष्क वाष्र्णेय और आदित्य तिवारी ने किया, को 2 हजार 500 सौ रुपये का नकद पुरस्कार मिला दिया गया।


आयोजन सचिव, डीन, फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज एंड रिसर्च प्रोफेसर आयशा फारूक ने कहा कि विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों तथा अल-बरकात एजुकेशनल सोसाइटी और अलीगढ़ कॉलेज सहित बाहरी संस्थानों से भाग लेने वाले छात्रों को दस टीमों में विभाजित किया गया था जिन्होंने विभिन्न विश्व परिदृश्यों पर आधारित खेल के चार खंडों में भाग लिया।


पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि एएमयू रजिस्ट्रार श्री मो. इमरान (आईपीएस) ने प्रबंधन शिक्षा के क्षेत्र में ऐसे खेलों को पेश करने के लिए आयोजक टीम के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के शैक्षणिक माहौल को महत्वपूर्ण और उत्पादक बनाने के लिए ऐसे आयोजन नियमित रूप से किए जाने चाहिए।


मानद् अतिथि, ग्रैंड बाजार, अलीगढ़ के मालिक, श्री मोहम्मद खुर्रम इलियास, जिन्होंने इस कार्यक्रम को प्रायोजित किया था, ने कहा कि यह प्रबंधन के छात्रों को यह सीखने का एक बड़ा अवसर प्रदान करता है कि प्रतिस्पर्धी कारोबारी माहौल की चुनौतियों का सामना कैसे किया जाए। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से उन्हें यह सीखने में मदद मिलेगी कि किसी भी स्थिति में कैसे मुखर और प्रभावशाली रहा जाए।


इससे पूर्व, मेहमानों का स्वागत करते हुए, डीबीए के अध्यक्ष प्रोफेसर जमाल ए फारूकी ने छात्रों के व्यावसायिक विकास के लिए इस तरह के चुनौतीपूर्ण और घटनापूर्ण खेल की व्यवस्था करने के लिए विजेताओं और आयोजन टीम को बधाई दी।


कार्यक्रम के संयोजक डॉ. लामे बिन साबिर और डॉ. जरीन हुसैन फारूक ने शोधार्थियों इरना इशरत, सुहा बिलकिस, अब्दुल्ला फुरकान, हिना सिद्दीकी और शबनम इब्राहिम के साथ कार्यक्रम का विवरण तैयार किया और खेल का संचालन किया।


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9 मार्च को विश्व किडनी दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रमों का शुभारंभ

अलीगढ़ 6 मार्चः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पैरामेडिकल कॉलेज 14 मार्च को विश्व किडनी दिवस के उपलक्ष में एक सप्ताह के कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित कर रहा है।


कालिज के प्राचार्य प्रोफेसर इब्ने अहमद ने बताया कि सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रमों का शुभारंभ 9 मार्च को प्रातः 9ः30 बजे पैरामेडिकल कॉलेज के लेक्चर थिएटर 1 में होगा। कार्यक्रम का उद्देश्य निवारक उपायों के माध्यम से किडनी के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता पैदा करना है।


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‘कला में समाज का प्रतिनिधित्व’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला

अलीगढ, 6 मार्चः अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के ललित कला विभाग द्वारा ‘कला में समाज का प्रतिनिधित्व’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता एएमयू के कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज ने की, जिसमें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर प्रदोष कुमार मिश्रा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उद्घाटन समारोह में लखनऊ विश्वविद्यालय के दृश्य कलाकार श्री संजय कुमार और कला संकाय के डीन प्रोफेसर आरिफ नजीर भी उपस्थित थे।


प्रो. गुलरेज ने रचनात्मकता, समाज और आलोचनात्मक सोच के बीच संबंधों को बढ़ावा देने की आवश्यकता को रेखांकित किया, जबकि प्रो. आरिफ नजीर ने कलाकार की अपनी सांस्कृतिक जड़ों से अपरिहार्य संबंध पर जोर दिया। ललित कला विभाग के अध्यक्ष डॉ. तलत शकील ने छात्रों के लिए कार्यशाला के अपेक्षित लाभों पर प्रकाश डाला और अपने धन्यवाद ज्ञापन में डॉ. वसीम मुश्ताक वानी द्वारा व्यक्त की गई भावनाओं को दोहराया।


सत्र के दौरान, प्रोफेसर मिश्रा ने समकालीन भारतीय कला परियोजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कला-समाज संबंधों की जटिल गतिशीलता पर चर्चा की। उन्होंने कला प्रथाओं के उभरते परिदृश्य पर प्रकाश डाला, जो तेजी से असंख्य सामाजिक, राजनीतिक और पर्यावरणीय चिंताओं को संबोधित करता है। छात्रों को जिज्ञासा और आलोचनात्मक पूछताछ की मानसिकता अपनाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए, उन्होंने उनसे पारंपरिक सीमाओं को पार करने और एक समझदार, विश्लेषणात्मक कलाकार के लोकाचार को अपनाने का आग्रह किया।


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पुस्तकालयों, अभिलेखागारों और संग्रहालयों में आपदा प्रबंधन पर राष्ट्रीय संगोष्ठी

अलीगढ़, 6 मार्चः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पुस्तकालय और सूचना विज्ञान विभाग द्वारा ने पुस्तकालयों, अभिलेखागार और संग्रहालयों में आपदा प्रबंधनः रोकथाम, तैयारी और कार्यवाही विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस आयोजन के उद्घाटन सत्र में देश भर से एनडीएम सदस्यों, वरिष्ठ सलाहकारों, पुरालेखपालों और वरिष्ठ एलआईएस पेशेवरों सहित क्षेत्र के प्रमुख लोग शामिल हुए।


समारोह के दौरान मुख्य अतिथि, महानिदेशक और विशिष्ट अनुसंधान फेलो आईआईएसडी और जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय रणनीतिक ज्ञान मिशन पर प्रधान मंत्री के सदस्य डॉ. श्रीकांत के पाणिग्रही और एएमयू के कुलपति प्रो. मोहम्मद गुलरेज ने संयुक्त रूप से सेमिनार की स्मारिका का विमोचन किया।


कुलपति प्रोफेसर गुलरेज ने आशा व्यक्त की कि सेमिनार संभावित आपदाओं से निपटने के लिए प्रतिभागियों के बीच जागरूकता लाएगा। उन्होंने विशेष रूप से मौलाना आजाद लाइब्रेरी जैसे संस्थानों के लिए एक मजबूत नीति ढांचा विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जो अपने व्यापक और अमूल्य पांडुलिपि संग्रह के लिए प्रसिद्ध है।


मुख्य अतिथि डॉ. पाणिग्रही ने आपातकालीन तैयारियों के माध्यम से पुस्तकालयों, संग्रहालयों और अभिलेखागार जैसे ज्ञान केंद्रों की सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए सक्रिय उपायों की आवश्यकता को रेखांकित किया।


तेलंगाना लाइब्रेरी एसोसिएशन के अध्यक्ष मानद् अतिथि प्रोफेसर एन. लक्ष्मण राव ने ऐसे प्रयासों को आगे बढ़ाने में डीएलआईएस एएमयू की क्षमता की सराहना करते हुए एक पाठ्यक्रम शुरू करने और एक राष्ट्रीय नीति ढांचे के निर्माण की वकालत की।


एएमयू रजिस्ट्रार और मानद् अतिथि, मोहम्मद इमरान आईपीएस, ने पुस्तकालय विज्ञान पेशेवरों से एक व्यापक नीति योजना के तहत आपदा रोकथाम में व्यक्तिगत भूमिकाओं का दस्तावेजीकरण करने का आग्रह किया।


सेमिनार के सह-संरक्षक प्रोफेसर असमर बेग ने आने वाले दिनों में एक उपयोगी और ज्ञानवर्धक सत्र की आशा करते हुए सामाजिक विज्ञान संकाय की ओर से इस पहल की सराहना की।


कार्यक्रम के संयोजक प्रो. नौशाद अली ने प्राकृतिक और मानव निर्मित दोनों आपदाओं से निपटने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने प्रधानमंत्री के 10 सूत्री एजेंडे के अनुरूप विश्वविद्यालयों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों के महत्व को रेखांकित किया।


आयोजन सचिव प्रो. निशात फातिमा ने सेमिनार में योगदान देने वाले सभी प्रतिभागियों और पेशेवरों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद प्रस्ताव के साथ उद्घाटन सत्र का समापन किया, जबकि डॉ. हुमा परवीन ने कार्यक्रम का संचालन किया।

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