उत्तर प्रदेश विधान परिषद की दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति ने जिले में आपदा प्रबंधन के कार्यों की समीक्षा की

Aligarh Media Desk
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शासकीय योजनाओं एवं नीतियों के प्रचार-प्रसार के साथ ही लाभार्थियों को समय से आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जाए

डीएम ने समिति के निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन कराने के प्रति किया आश्वस्त

अलीगढ मीडिया डिजिटल, अलीगढ़: उत्तर प्रदेश विधान परिषद की दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति के माननीय सभापति श्री उमेश द्विवेदी के सभापतित्व में सर्किट हाउस सभागार में बैठक आहुत की गई। बैठक में समिति के सदस्य के रूप में एमएलसी प्रयागराज श्री सुरेन्द्र चौधरी, एमएलसी अलीगढ़ डा0 मानवेन्द्र प्रताप सिंह के साथ ही ब्लॉक प्रमुख धनीपुर पूजा दिवाकर जिलाधिकारी विशाख जी0, एसएसपी संजीव सुमन, नगर आयुक्त अमित आसेरी, एडीएम मीनू राणा समेत दैवीय आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारी उपस्थित रहे। 


माननीय सभापति श्री उमेश द्विवेदी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि समिति द्वारा दिए गये निर्देशों को सकारात्मक ढ़ंग से लिया जाए। समिति द्वारा निजी अनुभव के आधार पर जनता की सेवा के लिए जो निर्देश दिए गये हैं उनका अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। मा0 मुख्यमंत्री जी उदारता के साथ उदारता के साथ दुर्घटनाओं में पीड़ित एवं उनके आश्रितों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराते हैं। दैवीय आपदा में बजट की कोई कमी नहीं है। आवश्यकता सिर्फ शासकीय योजनाओं एवं नीतियों का प्रचार-प्रसार और लाभार्थियों को समय से आर्थिक मदद उपलब्ध कराने की है। मा0 सभापति ने जिले में आपदा प्रबंधन के लिए की गई तैयारियों के प्रति संतोष प्रकट करते हुए जिलाधिकारी के कार्यों की सराहना की। 

समिति के सदस्य मा0 एमएलसी श्री सुरेन्द्र चौधरी एवं मा0 एमएलसी डा0 मानवेन्द्र प्रताप सिंह ने अधिकारियों से अपेक्षा की कि वह मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए पीड़ितों एवं प्रभावितों को योजनाआंे का लाभ दिलाएं। उन्होंने कहा कि दैवीय आपदा से हुई जनहानि की भरपाई तो नहीं की जा सकती परन्तु समय से मुहैया कराई गई आर्थिक मदद परिवार को काफी राहत प्रदान करती है। समिति द्वारा बताया गया कि सर्पदंश से मृत्यु होने पर पोस्टमार्टम अथवा पुलिस बल की मौजूदगी में पंचनामा भरे जाने पर मृतक के आश्रित को सरकार द्वारा 04 लाख रूपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है|



बैठक का संचालन करते हुए एडीएम एवं प्रभारी अधिकारी दैवीय आपदा मीनू राणा ने कहा कि दैवीय आपदा के समय राजस्व विभाग की अहम भूमिका होती है, जो आपदा न्यूनीकरण एवं बचाव का कार्य सुनिश्चित कराता है। मॉक ड्रिल, राहत चौपाल एवं समन्वय बैठकों का आयोजन कर समय-समय पर आने वाली आपदाओं को कम से कमतर किए जाने के साथ ही लोगों को जागरूक एवं प्रभावितों को आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जाती है। 

समिति ने राजस्व, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, पुलिस, सूचना, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, ऊर्जा, नगर विकास, लोक निर्माण, खाद्य रसद एवं आयुष विभाग द्वारा दैवीय आपदा एवं संचारी रोगों के न्यूनीकरण के संबंध में किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। बैठक के अंत में जिलाधिकारी विशाख जी0 ने सभापति एवं सदस्यगणों का आभार प्रकट करते हुए उन्हें आश्वस्त किया कि समिति द्वारा जो दिशा-निर्देश दिए गए हैं उनका अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा। समिति द्वारा दिए गए सुझाव आपदा के न्यूनीकरण के लिए वरदान की तरह साबित होंगे। 

बैठक से पूर्व डीएम-एसएसपी एवं नगर आयुक्त ने समिति को पुष्प् गुच्छ भेंटकर सम्मानित किया। और बैठक के अन्त में स्मृति चिन्ह प्रदान किए। 

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