अलीगढ मीडिया डिजिटल, अलीगढ| फिजियोथेरेपी पैरामेडिकल का ऐसा फील्ड है जो बगैर दवाओं के शारीरिक गतिविधियों को सुचारू तौर पर चलाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी को ध्यान में रखते हुए मंगलायतन विश्वविद्यालय में विश्व फिजियोथेरेपी दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का आयोजन इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल साइंस और पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट ऑफ वोकेशनल एजुकेशन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था। जिसका उद्देश्य फिजियोथेरेपिस्ट के महत्वपूर्ण योगदान और फिजियोथेरेपी के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देना था। इस वर्ष की थीम पीठ दर्द की समस्या और इसके समाधान में फिजियोथेरेपी के महत्व को बताने के लिए बहुत महत्वपूर्ण रही।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित करके किया गया। स्वागत भाषण में प्रो. आरके शर्मा ने कहा कि फिजियोथेरेपी आधुनिक स्वास्थ्य सेवा की आधारशिला है। मुख्य अतिथि डा. कोपल पजनी ने कहा कि आधुनिक जीवनशैली में फिट रहने के लिए जिम व व्यायाम लोकप्रिय हो गए हैं, लेकिन बिना उचित सलाह के इन्हें करने से दिक्कतें होती हैं। फिजियोथेरेपिस्ट से सलाह लेकर व्यायाम करना उचित होता है। सही बॉडी पोस्चर बनाए रखने में फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह बड़ी अहम होती है। उन्होंने बैक पेन पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि इस समस्या को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। यह जागरूकता से ही संभव होगा। उन्होंने पीठ दर्द से छुटकारा पाने के लिए विभिन्न व्यायाम का अभ्यास कराया। प्रो. अब्दुल वदूद सिद्दीकी ने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि आप यहां सीखने आए हैं, अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करें।
क्विज प्रतियोगिता में प्रगति, ज्योति, निधि व पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में दीक्षा व मोली ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। विद्यार्थियों ने नाट्य व सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। अतिथियों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। समन्वयक मीनाक्षी बिष्ट व डा. धीरेंद्र सिंह रहे। आभार व्यक्त डा. अल्का सिंह व संचालन डा. नेहा रानी ने किया। इस अवसर पर डा. मनोज शर्मा, डा. सैयद राशिद अंद्राबी, डा. रोबिन वर्मा, डा. अन्नपूर्णा, डा. शशांक, शालिनी सिंह, सलोनी सिंह, साक्षी, नरेश, आकाश दीप, जितेंद्र, शुभम, विनोद कुमार आदि थे।
दस लक्षण सभी प्राणियों की आत्मसाधना का है पर्व
-मंगलायतन विश्वविद्यालय में दश लक्षण महापर्व आरंभ
अलीगढ़। जैन अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त मंगलायतन विश्वविद्यालय में जैन धर्म के अनुयायियों के लिए विशेष महत्व रखने वाला दस लक्षण महापर्व धूमधाम से आरंभ हुआ। पर्व के पहले दिन विश्वविद्यालय स्थिति जैन मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की गई। जिसमें पूजा-पाठ के साथ भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ।
रविवार को प्रातः जैन मंदिर में जैन विद्यार्थियों द्वारा अभिषेक, पूजन व विधान किया गया। जिसमें जैन धर्म के साथ ही अन्य श्रद्धालुओं ने भाग लिया। प्रो. सिद्धार्थ जैन ने बताया कि दस लक्षण महापर्व सभी प्राणियों की आत्मा साधना का पर्व है। जिसमें उत्तम क्षमा, आत्मशुद्धि और नैतिकता के दस प्रमुख गुणों को आत्मसात किया जाता है। उन्होंने बताया कि कैसे ये दस लक्षण पर्व हमारे जीवन में सुधार लाने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करता है। कार्यक्रम के आयोजन पर कुलपति प्रो. पीके दशोरा ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा दस लक्षण महापर्व केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है। दस लक्षणों को अपने जीवन में उतार कर हमें बेहतर इंसान बनने और समाज में सकारात्मकता लाने का प्रयास करना चाहिए।
यह पर्व 10 दिन तक चलेगा, जिसमें विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन होगा। हर दिन भक्तों को जैन धर्म के विभिन्न उपदेश और शिक्षाएं प्रदान की जाएंगी। कार्यक्रम के आयोजन में कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह, संयुक्त कुलसचिव प्रो. दिनेश शर्मा, प्रशासनिक अधिकारी गोपाल राजपूत का सहयोग रहा। इस अवसर पर उत्कर्ष, रोहित, अंशिका, निवेश, अर्पित, प्रतिज्ञा, दिव्यांशी आदि थे।