अक्टूबर माह में साइबर धोखाधड़ी के विभिन्न मामलों में कुल धनराशि 11,05,269/- रूपये पीड़ित के खातों में कराई वापस
अलीगढ़ मीडिया डिजिटल, अलीगढ़ |वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन के निर्देशन व पुलिस अधीक्षक अपराध के पर्यवेक्षण में तथा क्षेत्राधिकारी अपराध/ साइबर के नेतृत्व में साइबर सेल/साइबर क्राइम थाना जनपद अलीगढ़ द्वारा साइबर सुरक्षा माह/मिशन शक्ति फेस-5 के अन्तर्गत अक्टूबर माह में विभिन्न मुकदमा/शिकायतों में पीडितों की कुल धनराशि 11,05,269/- रूपये को पीडितों के खातों में वापस कराया गया तथा 8,69,226/- रूपये वापस कराने हेतु मा0 न्यायालय से आदेश पारित कराये गये है ।
साथ ही “साइबर जागरूकता माह” के अन्तर्गत विभिन्न स्थानों पर स्कूल/कॉलेज, रेलवे स्टेशन आदि जगहों पर साइबर जागरूकता कार्यक्रम संचालित किये गये हैं तथा इस कड़ी में एक कदम आगे बढ़ाते हुए होर्डिंग, बैनर, पोस्टर आदि के माध्यम से आमजन मानस को वर्तमान में बढ़ते साइबर अपराध के सम्बन्ध में जागरूक किया जा रहा है जिनके माध्यम से वर्तमान समय में घटित होने वाले _विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों जैसे- लोन एप के माध्यम से फोन का एक्सेस लेकर पैसे मांगना ,परिचित बनकर खातें मे पैसे डालने का बहाना बनाकर आनलाईन ठगी करना, लॉटरी व उपहार का लालच देकर आनलाईन ठगी करना ,मोबइल सिम व खाते को अपडेट करने के बहाने खाते व ए टी एम की जानकारी लेकर आनलाईन ठगी करना ,गूगल से कस्टमर केयर का न0 सर्च कर बात करने पर ठगी होना ,फेसबुक व व्हाट्सएप पर दोस्ती कर विडियो कॉल के द्वारा अश्लील विडियो बनाकर ब्लैकमेल करना ,ओ एल एक्स तथा फेसबुक पर सामान बेचने व खरीदने के बहाने से ठगी करना के बारे मे जानकारी दी गई तथा साइबर अपराध से बचने के तरीको जैसे किसी अन्जान नम्बर से परिचित बनकर आने वाली फोन कॉल पहले अपने फोन से उक्त परिचित से बात कर लेने से इस प्रकार की घटना से बचा जा सकता है तथा अपने फोन पर सिम व खाते को अपडेट कराने वाली फोन कॉल से बचें। यदि आपको कभी भी किसी कम्पनी के कस्टमर केयर न0 की आवश्यकता होती है तो सदैव उस कम्पनी की वास्तविक साइट पर जाकर फोन न0 प्राप्त करें। साइबर अपराधियों द्वारा आवाज को कापी कर व वीडियो काल पर परिचित का चैहरा लगाकर AI (आर्टीफिशियल इन्टेलीजेन्स) के द्वारा सगे सम्बन्धियों से साइबर ठगी की जाती है जिससे बचने के लिए सम्बन्धी व्यक्ति से बात कर पूर्ण पुष्टि कर लेनी चाहिए तथा साइबर ठगों द्वारा नकली पुलिस अधिकारी बनकर पीडित को फोन पर बताया जाता है कि आपके नाम से एक शिकायत दर्ज हुई है झूठे मामले को लेकर पीडित को पहले काफी डराया धमकाया जाता है इसके बाद घऱ से बाहर निकलने से मना कर देते है और यह कहते है कि आपको डिजीटल अरेस्ट किया जाता है।_ पुलिस द्वारा इस प्रकार डिजीटल अरेस्ट नही किया जाता है अगर किसी के पास ऐसी काल आती है तो वह फ्रॉड काल है इसे इग्नोर करें । इस प्रकार वर्तमान समय मे होने वाली साइबर अपराध की घटनाओं से बचा जा सकता है।
यदि साइबर अपराध की घटना हो जाती है तो इसकी सूचना तुरन्त साइबर अपराध हैल्पलाइन नं0 1930 पर कॉल करें तथा इसकी शिकायत साइबर क्राइम पुलिस पोर्टल पर करने के बारें मे भी बताया गया।
होर्डिंग्स के माध्यम से उपरोक्त प्रकार के समस्त साइबर फ्रॉड को संक्षिप्त रूप में दर्शाया गया है तथा यह प्रयास किया गया है कि अधिक से अधिक आम जनमानस इस हॉर्डिंग के माध्यम से साइबर अपराध के बारे में जागरूक हो सकें इस कडी में जनपद अलीगढ के समस्त चौराहों रेलवे स्टेशन, बस स्टेण्ड तथा अन्य संस्थानों एवं भीड-भाड वाले स्थानों पर इस प्रकार के हॉर्डिंग, बैनर व पोस्टर आदि लगाये जाएंगे जिससे अधिक से अधिक लोग जागरूक हो सके। जिसकी शुरूआत आज दिनांक 31.10.2024 को श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय जनपद अलीगढ़ के कार्यालय के बाहर होर्डिंग लगाकर की गयी ।