अलीगढ़, 9 नवंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जाकिर हुसैन कालेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के आईईईई विमेन इन इंजीनियरिंग डब्लूआईई एफिनिटी ग्रुप द्वारा सीनियर सेकेंडरी स्कूल (गर्ल्स) में ‘बाधाओं को तोड़नाः महिला इंजीनियरों की यात्रा‘ शीर्षक से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवा छात्राओं को इंजीनियरिंग करने और पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान क्षेत्र में चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करना था।
सीनियर सेकेंडरी स्कूल (गर्ल्स) की प्रिंसिपल नगमा इरफान ने स्वागत किया। डब्लूआईइ की फैकल्टी सलाहकार और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर, साथ ही सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड ग्रीन एंड रिन्यूएबल एनर्जी की समन्वयक डा सफिया अख्तर काजमी ने कार्यशाला के उद्देश्यों को रेखांकित किया। आईईईई छात्र प्रतिनिधियों ने इंजीनियरिंग में महिलाओं के लिए वर्तमान परिदृश्य पर चर्चा की और चुनौतियों और उभरते अवसरों पर प्रकाश डाला।डॉ. कुर्रतुलैन ने ‘सशक्तीकरण परिवर्तनरू चुनौतियों पर काबू पाना और इंजीनियरिंग में महिलाओं के भविष्य को आकार देना‘ विषय पर एक व्याख्यान दिया, जिसमें छात्राओं को इस क्षेत्र में एक आशाजनक भविष्य की कल्पना करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
श्रीमती जुवेरिया साजिद ने ‘सफलता का मागर्रू विदेश में अध्ययन‘ विषय पर व्यावहारिक सलाह दी, जो अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा और करियर में रुचि रखने वाली छात्राओं के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।
‘महिला इंजीनियरों के बारे में मिथक और तथ्य‘ सत्र के साथ एक प्रश्नोत्तरी और एक प्रेरक इंटरैक्टिव गतिविधियों में प्रतिभागियों को शामिल किया गया और महिला इंजीनियरों की उभरती भूमिका पर चिंतन को प्रेरित किया गया।
कार्यक्रम के समापन पर, ग्रीन कैंपस पहल के तहत एक वृक्षारोपण अभियान चलाया गया, जिसमें प्रतिभागियों की पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया गया।
कार्यशाला की कार्यक्रम समन्वयक सईदा फातिमा जाफरी, फातिमा वजीह, स्वालेहा खान, सादिया ऐमन, सारा मरियम, मोहम्मद हारिस, जौवाद जमाल खान, अब्बास सफवी और असना फातिमा थीं। इसके अतिरिक्त, सानिया जहरा नकवी, सारा अतहर, अमीना अशफाक, अनुम फातिमा, कौशिकी, अलिश्बा खान, समिया अब्बास, अक्सा चैधरी और निकिता चतुर्वेदी सहित सीनियर सेकेंडरी स्कूल (गर्ल्स) की स्वयंसेवकों ने सुचारू संचालन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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भूगोल विभाग के नए अध्यक्ष नियुक्त
अलीगढ़ 9 नवंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के प्रोफेसर शहाब फजल को 8 नवंबर, 2024 से तीन साल के लिए विभाग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
प्रोफेसर फजल 30 से अधिक वर्षों से अनुसंधान और शिक्षण में लगे हुए हैं और उन्होंने डीएसटी आईसीएसएसआर डीएसटी एंड डीएएडी और एसअईसीआई (कनाडा) द्वारा प्रायोजित चार प्रमुख शोध परियोजनाएँ पूरी की हैं।
उन्होंने 16 पुस्तकें और 75 से अधिक शोध लेख राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित किए हैं। उन्हें फुलब्राइट फेलोशिप, कॉमनवेल्थ फेलोशिप, नीदरलैंड एकेडमी ऑफ साइंस फेलोशिप, शास्त्री फैकल्टी रिसर्च फेलोशिप, डीएसटी-डीएएडी फेलोशिप, डीएसटी यंग साइंटिस्ट अवार्ड और सीएसआईआर फेलोशिप सहित कई प्रतिष्ठित फेलोशिप प्राप्त हुई हैं।
उन्होंने पश्चिमी दुनिया के कुछ प्रमुख संस्थानों के साथ व्यापक सहयोगात्मक शोध किया है और सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च द्वारा भूमि उपयोग अध्ययन में उनके योगदान के लिए उन्हें ‘प्रतिष्ठित वैज्ञानिक‘ पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
वर्तमान में, वह रिसर्च इन ग्लोबलाइजेशन, एन एल्सेवियर साइंस पब्लिकेशन, द जियोग्राफर - इंडिया, साउथ एशियन जर्नल ऑफ सोशल साइंस एंड ह्यूमैनिटीज, नेशनल जियोग्राफिकल जर्नल ऑफ इंडिया (बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी) और पंजाब जियोग्राफर - इंडिया जैसे शोध पत्रिकाओं के संपादकीय बोर्ड में शामिल हैं।
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नए बीडीएस छात्रों के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित
अलीगढ़ 9 नवंबरः अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के डॉ. जियाउद्दीन अहमद डेंटल कॉलेज द्वारा नव-प्रवेशित बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस) छात्रों के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कॉलेज के प्रिंसिपल, प्रोफेसर आर. के. तिवारी ने नैतिकता और व्यावसायिकता के महत्व पर अंतर्दृ साझा की और किसी भी प्रकार की रैगिंग को हतोत्साहित किया। उन्होंने एक सहयोगी और सम्मानजनक माहौल बनाए रखने के लिए कॉलेज की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।
इससे पहले, अपने स्वागत भाषण में, डॉ. सैयद अमान अली ने छात्रों से नए शैक्षणिक माहौल से परिचित होने और एक सहयोगी और विविध सामुदायिक वातावरण विकसित करने के लिए संकाय सदस्यों से खुद को परिचित करने का आग्रह किया।
डॉ. अमीना ने शिक्षकों का परिचय कराया, जबकि डॉ. जूही गुप्ता ने इस शैक्षणिक पथ पर चलने वाले छात्रों के लिए आवश्यक डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के सामान्य दिशानिर्देशों का विस्तृत विवरण दिया।
डॉ. संजर अब्दुल्ला ने दंत चिकित्सा और सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में विस्तार से बताया।
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स्थिरता के मुद्दों पर पैनल चर्चा आयोजित
अलीगढ़ 9 नवंबरः इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल इंजीनियर्स (आईआईसीएचई) के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र अध्याय द्वारा टैलेंट मैग्मा और एएमयू के खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र के सहयोग से ‘स्थायी समाधान और तकनीकी नवाचारः उभरते उद्योगों में कौशल अंतर को पाटना‘ विषय पर एक पैनल चर्चा का आयोजन किया गया। विभिन्न इंजीनियरिंग और विज्ञान विषयों के लगभग 125 छात्रों ने स्थिरता, संसाधन दक्षता और उभरती हुई उद्योग प्रौद्योगिकियों से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की।
केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मोहम्मद जुनैद खलील ने आधुनिक उद्योगों में टिकाऊ प्रथाओं के महत्व और छात्रों के बीच इस तरह के ज्ञान को बढ़ावा देने में एएमयू की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों को आज के उद्योगों की मांगों को पूरा करने के लिए आवश्यक कौशल और अंतदृ से लैस करने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
आईआईसीएचई छात्र अध्याय के संकाय समन्वयक डॉ परवेज खान ने छात्रों से उद्योग विशेषज्ञों से सीखने के अवसरों का उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि चर्चा में शून्य उत्सर्जन, अपशिष्ट प्रबंधन और कुशल संसाधन उपयोग जैसे आवश्यक विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
एएमयू के प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट अधिकारी साद हमीद ने पैनल चर्चा का संचालन किया तथा वायु, जल और ऊर्जा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण कारकों पर छात्रों और पैनलिस्टों के बीच आदान-प्रदान का मार्गदर्शन किया। पैनलिस्टों में इंजीनियरिंग एंड एनवायरनमेंटल सॉल्यूशंस के संस्थापक और सीईओ मोहम्मद हमजा, मीट कंट्री के संस्थापक और निदेशक वेद प्रकाश चैधरी और साद हमीद शामिल थे।
अपने समापन भाषण में टैलेंट मैग्मा के संस्थापक और सीईओ मोहम्मद कैफ सिद्दीकी ने वक्ताओं के प्रति आभार व्यक्त किया और शिक्षा और उद्योग के बीच की खाई को पाटने तथा छात्रों को ऐसे ज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने के टैलेंट मैग्मा के मिशन पर विस्तार से बताया, जो एक स्थायी भविष्य में योगदान देता है। फातिमा खान ने कार्यक्रम का संचालन किया