अलीगढ़ मीडिया डिजिटल, अलीगढ: विधानसभा उप निर्वाचन को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त मा0 प्रेक्षकगणों ने प्रत्याशियों एवं उनके अभिकर्ताओं के साथ बैठक की। कलैक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में बताया गया कि विधानसभा उपनिर्वाचन में प्रत्याशियों के व्यय की अधिकतम सीमा 40 लाख रूपये निर्धारित की गई है। प्रत्याशी सम्पूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान नगद रूप में अधिकतम 10 हजार रूपये तक व्यय कर सकते हैं।
मा0 सामान्य प्रेक्षक के0 कर्पगम ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन व्यय के संबंध में व्यवस्थित प्रक्रिया निर्धारित की गई है। इस पूरी प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य धन बल से निर्वाचन प्रक्रिया को पूर्ण रूप से मुक्त रखना है। प्रत्याशी अनुमन्य धनराशि एवं मदों के अधीन रहते हुए ही निर्वाचन संबंधी व्यय कर सकेंगे, ताकि मतदाता बिना किसी भय, लोभ या लालच के स्वतंत्र रूप से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।
मा0 व्यय प्रेक्षक जगदीश डोडी ने आयोग के निर्देशों के क्रम में सभी प्रत्याशियों को निर्देशित किया कि अभ्यर्थी व्यय का सही लेखा अनुरक्षित करने और व्यय का विवरण प्रस्तुत करने, दोनों के लिए प्रचार के सभी व्ययों में सोशल मीडिया के विज्ञापनों के व्यय को भी सम्मिलित किया जाए। उन्होंने अन्य बातों के साथ-साथ, विज्ञापनों को कैरी करने के लिए इंटरनेट कंपनियों और वेबसाइटों को किए गए भुगतान के साथ-साथ विषय-वस्तु के रचनात्मक विकास पर होने वाले प्रचार सम्बन्धी प्रचालनात्मक व्यय, ऐसे अभ्यर्थियों और राजनीतिक दलों द्वारा अपने सोशल मीडिया एकाउन्ट्स को बनाए रखने के लिए नियोजित कामगारों की टीम को दिए गए वेतनों और मजदूरियों पर प्रचालनात्मक व्यय, आदि भी सम्मिलित किए जाने के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया वेबसाइटों सहित इंटरनेट के माध्यम से किए जाने वाले प्रचार के साथ ही अन्य माध्यम यथा बल्क एसएमएस एवं वॉयस कॉल इत्यादि द्वारा किए गये प्रचार पर होने वाले व्यय के सम्बन्ध में आयोग द्वारा जारी निर्देशों को समस्त राजनैतिक दलों, निर्वाचन अभ्यर्थियों, मीडिया और समस्त प्रेक्षकों सहित सभी सम्बन्धितों के संज्ञान लाते हुए अनुपालन सुनिश्चित कराएं। उन्होंने इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दि