दिल्ली विधान सभा में डॉ.अवनीश राही के काव्य-संग्रह 'मेरा मसीहा-मेरा क़ातिल' का लोकार्पण

Chanchal Varma
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अलीगढ़ मीडिया डिजिटल, अलीगढ़| वरिष्ठ एवं प्रख्यात गीतकार डॉ॰ अवनीश राही जहां एक ओर साहित्य की साधना करते हुए जन-मानस की पीड़ा को लिखते हैं वहीं युवा दलों की धड़कनों को सुनकर प्रेम के विविध पहलुओं पर भी अपनी कलम चलाते हैं। इसकी बानगी उनके नये काव्य संग्रह "मेरा मसीहा-मेरा क़ातिल" में देखने को मिलती है, जिसका विमोचन दिल्ली विधानसभा में दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष माननीय राम निवास गोयल जी के कर-कमलों द्वारा भारतीय कृषि वैज्ञानिक एवं साहित्यकार पद्मश्री डॉ. रामचेत चौधरी, टाइकून ऑफ़ अरुणचाल प्रदेश एलुम गंगकाक एवं आई.एस.आर.एच.ई. चैरिटेबल ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष अतुल शर्मा की गरिमामयी उपस्थित में सम्पन्न हुआ।

       कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग ले रहे दिल्ली विधान सभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने कहा कि गीतकार डॉ.राही के काव्य -संग्रह का काव्य पक्ष जितना मजबूत है उतना ही भाव पक्ष भी। इसमें कोई दोराय नहीं कि ये एक बेजोड़ कवि और कलाकार हैं क्यूँकि मुझे आज भी याद है कि अभी दो माह पूर्व ही इसी दिल्ली विधान सभा में मेरे ही द्वारा इन्हें साहित्य के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान हेतु "भारत विभूषण" की उपाधि से विभूषित किया गया था।


    इसी क्रम में मंचासीन विशिष्ट अतिथि पद्मश्री राम चेत चौधरी ने कहा कि गीतकार डॉ.अवनीश राही के काव्य संग्रह मेरा मसीहा-मेरा क़ातिल के गीत और कविताएं बेहद उम्दा और स्तरीय हैं। अरूणाचल प्रदेश की एलुम गंगकाक व राष्ट्रीय अध्यक्ष अतुल शर्मा ने कहा कि गीतकार डॉ.अवनीश राही के लेखन में विविधता है वो जहाँ एक तरफ समाजिक कुरितायों और विषमताओं पर कलम चलाते हैं तो वहीं दूसरी ओर युवा धडकनों के भी गीत लिखते हैं।
     अन्त में सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त करते हुए गीतकार डॉ.अवनीश राही ने कहा कि यह काव्य-संग्रह "मेरा मसीहा मेरा क़ातिल" श्रृंगार रस की बगिया के संयोग-वियोग के मानिद फूलों से सजा गुलदस्ता है। रवीना प्रकाशन नई दिल्ली से प्रकाशित है यह काव्य-संग्रह अमेज़न और फिलिप कार्ड पर भी उपलब्ध है।

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