अलीगढ़ मीडिया डिजिटल, फीचर डेस्क| कल 5 फरवरी 2025 को अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 104 भारतीय स्वदेश लौट आए हैं। बुधवार को अमेरिकी मिलिट्री विमान यूएस सी17 पंजाब के अमृतसर में उतरा। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा हाल ही में अमेरिका से 205 भारतीयों की पहचान कर उन्हें वापस भेजने का आदेश दिया गया है। अमेरिकी प्रशासन की ओर से यह भी संकेत दिया गया है कि भविष्य में और भी भारतीयों को देश से बाहर भेजा जा सकता है।
वर्तमान में अमेरिका में 18 हजार से अधिक अवैध भारतीय प्रवासी रह रहे हैं। इनमें ऐसे लोगों की संख्या अधिक है, जिनका वीजा समाप्त हो चुका है या फिर वे अवैध तरीके से अमेरिका में दाखिल हुए थे। ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें वापस भेजा जा रहा है। यूएस इंफोर्मशन एंड कस्टम इंफोर्समेंट के मुताबिक, नवंबर 2024 तक 20407 लोग अवैध तरीके से अमेरिका में रह रहे हैं। इसमें से 2467 अमेरिका के डिटेंशन कैंप में हैं, जबकि 17,940 लोगों को अमेरिका पेपरलेस बताता है। अब तक अमेरिका से 5000 से अधिक प्रवासियों को बाहर भेजा गया है, इन लोगों को ग्वाटेमाला, पेरू और होंडुरास आदि देशों में भेजा गया है।
बीते दिनों भारतीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर अमेरिक में यात्रा के लिए पहुंचे थे, तो अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने उनके सामने अमेरिका में अवैध रूप से रहे भारतीयों का मुद्दा उठाया था। इस पर भारत की ओर से प्रतिक्रिया दी गई थी कि भारत अपने उन सभी प्रवासियों को वापस लेने के लिए तैयार है, जो अवैध तरीके से अमेरिका में रह रहे हैं।
आपको जानकारी हो कि अमेरिका में अलग-अलग प्रकार के अवैध प्रवासी रहते हैं, जिनमें ऐसे लोग होते हैं, जिन्हें वीजा मिला होता है, लेकिन वे वीजा की अवधि खत्म होने के बाद भी यहां अवैध तरीके से रह रहे होते हैं। दूसरे वे लोग होते हैं, जो कि बिना किसी प्रमुख बंदरगाह होते हुए अमेरिका में प्रवेश करते हैं। इस तरीके में प्रमुख रूप से समुद्री सीमा लांघकर शामिल होता है। वहीं, मैक्सिको और कनाडा से भी लोग अवैध तरीके से प्रवेश करते हैं।
इसी बीच अमेरिका से वापस आए लोगों ने बताया कि उन्हें 40 - 50 लाख रुपए तक देकर एजेंटों के द्वारा अमेरिका भेजा गया था, उन्हें अमेरिका पहुंचने में अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।
जिसमें उन्हें कई उड़ानों से भेजा गया। इसके बाद ब्राजील में पहाड़ों पर चढ़ाई करने के बाद वह और अन्य प्रवासियों को एक छोटी नाव पर बिठाकर समुद्र के पार मैक्सिको सीमा तक चार घंटे की यात्रा के लिए रवाना किया गया, फिर टैक्सियों ने हमें कोलंबिया और फिर पनामा की शुरुआत तक पहुंचाया, वहां से समुद्री मार्ग से 15 घंटे की यात्रा करनी पड़ी तथा खतरनाक पहाड़ियों से होकर 40-45 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा।
प्रश्न यह है कि क्यों जाते हैं, इतनी कठिनाइयों को उठाकर अवैध रूप से हमारे देश के लोग विदेश ? केवल इसीलिए कि अपनी योग्यता क्षमता के विरुद्ध जीवन में उन्हें ज्यादा पैदा चाहिए होता है और इसके लिए वो कुछ भी करने को तैयार होते हैं। किसी नियम को मानने को तैयार नहीं, तो इसका भुगतान तो इन्हें करना ही चाहिए !
तब किसी भी स्वाभिमानी राष्ट्रभक्त भारतीय को इनके साथ सहानुभूति क्यों हो ? आज भारत में लगभग 5 - 6 करोड़ अवैध भारतीय बांग्लादेशी और रोहिंग्या रह रहे हैं, जो ना केवल हमारे उपलब्ध साधनों का दोहन कर रहे हैं अपितु अवैध और आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त होकर शासन व्यवस्था को निरंतर चुनौती बने हुए हैं और इतना ही नहीं विगत दो तीन दशकों से जहां भी हिंदुओं पर हमलों सांप्रदायिक हिंसा की वारदातें हुई है, इनकी गंभीर संलिप्तता पाई गई है, सैकड़ों एकड़ सरकारी जमीनों रेलवे की जमीनों पर इनका अवैध कब्जा है। आज यह भारत की संप्रभुता और अक्षुण्ता को खतरा बन गए हैं। यह बॉर्डर जंगल, पहाड़ और नदियों के चलते अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों का आने रोकना, भारत के लिए गंभीर समस्या है।
सबसे गंभीर विषय यह है कि भारत विरोधी शक्तियां और देश में मुस्लिम तुष्टिकरण की कुत्सित राजनीति करने वाले राजनैतिक दल और देश का वामपंथी मीडिया जो भारत में उभरते राष्ट्रवाद और सनातन के पुनरुत्थान के आवेग को थामना चाहता है, वह अवैध भारतीय प्रवासीयों की वापसी पर संसद में और बाहर छाती पीट रहा है, क्यों ?
क्योंकि उन्हें आशंका है कि इन अवैध अमेरिकन प्रवासियों की वापसी की आड़ में भारत सरकार भी इन बांग्लादेशी और रोहिंग्या अवैध प्रवासियों को देश से बाहर कर देगी और विश्व में कोई इस निर्णय का विरोध ना कर सकेगा। आखिर हम अपनी छाती पर इन 5-6 करोड़ सांपों को क्यों पल रहे हैं ?
यह सुखद ही है कि वैश्विक राजनीति में अनेक शक्तिशाली देशों में अवैध आप्रवासियों के विरुद्ध राष्ट्रवादी शक्तियां उठ खड़ी हुई है और विश्व भर में उभरते राष्ट्रवाद के इस दौर में भारत के इस कोढ़ का भी सटीक उपचार संभव हो सकेगा।
लेखक~ अशोक चौधरी
अध्यक्ष - आहुति अलीगढ़