अलीगढ़ मीडिया डिजिटल, अलीगढ़|राज्य निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा पंचायत निर्वाचन नामावली के पुनरीक्षण के लिए संशोधित कार्यक्रम जारी किया गया है। उक्त निर्देश के क्रम में जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत एवं नगरीय निकाय) संजीव रंजन ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायतों की निर्वाचक नामावलियों के पुनरीक्षण की प्रक्रिया जिले में 18 जुलाई से प्रारंभ होकर 15 जनवरी 2026 तक संचालित की जाएगी।
जारी संशोधित कार्यक्रम के अनुसार, जिले की समस्त ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायत निर्वाचन क्षेत्रों के अंतर्गत वर्तमान में निवासरत मतदाताओं के संबंध में उनकी स्थिति की भौतिक पुष्टि करते हुए मतदाता सूची का पुनरीक्षण कराया जाएगा। इसके तहत बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर विवरण एकत्रित करने और फीडिंग का कार्य 19 अगस्त से 29 सितंबर तक चलेगा। ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 22 सितंबर निर्धारित की गई है। इसके उपरांत ऑनलाइन आवेदनों की भौतिक जांच 23 से 29 सितंबर तक की जाएगी।
पंचायती निर्वाचन के लिए गणना पत्रक में अपेक्षित परिवर्तन, संशोधन एवं परिवर्धन का कार्य 30 सितंबर से 6 अक्टूबर तक किया जाएगा। तत्पश्चात निर्वाचक नामावली की पांडुलिपि का कंप्यूटराइज्ड रूप तैयार कर उसका परीक्षण 7 से 24 नवम्बर तक संपन्न कराया जाएगा। नामावली की प्रारूप प्रतियों का प्रकाशन एवं वितरण कार्य 25 नवंबर से 5 दिसंबर 2025 तक किया जाएगा।
अनंतिम निर्वाचक नामावली का प्रकाशन 5 दिसंबर को किया जाएगा, जिसके आधार पर 6 दिसंबर से 12 दिसंबर तक दावे एवं आपत्तियां प्राप्त की जाएंगी। इन आपत्तियों का निस्तारण 13 दिसंबर से 19 दिसंबर तक किया जाएगा, जिसके पश्चात अंतिम पांडुलिपि तैयार कर उसका परीक्षण और मूल प्रति का संधारण 20 दिसंबर से 8 जनवरी 2026 तक किया जाएगा।
अंतिम मतदाता सूची की छपाई, फोटो चिपकाना, नामावली की प्रतियों का डिजिटलीकरण और आवश्यक फोटोकॉपी आदि की प्रक्रिया 9 जनवरी से 14 जनवरी 2026 तक पूरी की जाएगी। निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन 15 जनवरी 2026 को किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया है कि नामावली पुनरीक्षण कार्य के दौरान आने वाले किसी भी सार्वजनिक अवकाश अथवा अन्य परिस्थितियों के बावजूद यह कार्य निर्धारित समयसीमा में अनिवार्य रूप से पूर्ण कराया जाएगा। किसी भी दशा में समयसीमा नहीं बढ़ाई जाएगी।
इस संबंध में सभी उप जिला निर्वाचन अधिकारियों, तहसीलदारों, खंड विकास अधिकारियों, पंचायत राज अधिकारियों एवं संबंधित कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि वे समयानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करें और नामावली पुनरीक्षण कार्य में किसी भी स्तर पर शिथिलता न बरती जाए।