रिपो. लाखन सिंह, अलीगढ़ मीडिया डिजिटल- हरदुआगंज के निजी अस्पताल के स्टाफ पर लापरवाही करने के आरोप का मामला सामने आया है जहां पीड़ित ने डीएम से शिकायत करते हुए न्याय की गुहार लगाई है। आरोप है कि गर्भवती महिला की हालत गंभीर बताकर समय से पूर्व आपरेशन कर प्रसव कराया। नवजात शिशु की हालत बिगड़ी तो अस्पताल में एनआइसीयू की सुविधा नहीं थी, और न एंबुलेंस उपलब्ध कराई। शिशु को बाइक से अन्य अस्पताल ले जाया गया। जहां उपचार के दौरान शिशु की मृत्यु हो गई।
बुधवार को जनपद अलीगढ़ के थाना हरदुआगंज क्षेत्र के कस्बा बैरामगढ़ी में स्थित आस्था अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी से शिकायत की गई है। गांव छिड़ावली के निवासी सनी चौहान का कहना है कि उनकी पत्नी शिवानी सात माह, 20 दिन की गर्भवती थी। पेट दर्द होने पर दो नवंबर को सीएचसी पर दिखाया गया। जहां अल्ट्रासाउंड कराने को कह दिया। इसके बाद आशा उन्हें गांव बैरमगढ़ी स्थित आस्था हास्पिटल ले आई। महिला डाक्टर ने जांच कर बच्चे का वजन एक किलो 100 ग्राम बताते हुआ, पेट में पानी की कमी से बच्चा सूख रहा है ऐसा बताया, अगर आपरेशन नहीं किया गया तो जच्चा-बच्चा दोनों की जान को खतरा है। डॉक्टर के सुझाव पर शनिवार 2 नवंबर को करीब दोपहर 12 बजे पत्नी शिवानी को भर्ती करा दिया। अस्पताल स्टाफ ने तभी 18 हजार रुपये जमा करा लिए। 22 हजार रुपये बाद में देने को कहा। आपरेशन के उपरान्त बेटा पैदा हुआ। लेकिन डाक्टर ने बच्चे की हालत गंभीर बताई। निजी अस्पताल में एनआइसीयू की सुविधा न होने से बच्चे को अन्य अस्पताल ले जाने को कहा। सनी चौहान ने एंबुलेंस की व्यवस्था करने को कहा तो मना कर दिया। जिसके बाद बाइक पर ही बच्चे को अन्य अस्पताल ले गए। बच्चे के उपचार में 70 हजार रुपये खर्च हो गए। शिकायत में आरोप लगाया है कि अस्पताल संचालक ने रुपये ऐंठने के लिए समय से पूर्व प्रसव कराया। कोई योग्य डाक्टर भी नहीं है। इतना ही नहीं उपचार से संबंधित दस्तावेज भी नहीं दिए।
एसीएमओ डॉ.दिनेश खत्री ने मामले को संज्ञान में लेते हुए बताया कि जांच हेतु एक टीम हॉस्पिटल में भेजी जाएगी, जांच के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।
वहीं निजी अस्पताल संचालक मसरूर खान बताया कि, किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरती गई। महिला की हालत ठीक नहीं थी। बच्चेदानी में पानी काफी कम होने से बच्चे की जान को खतरा था। यह बात स्वजन को बताई गई। उन्हीं की सहमति से आपरेशन किया गया। एनआइसीयू की सुविधा हमारे अस्पताल में नहीं है। इसके लिए अलग से स्टाफ होता है। स्वजन ने अन्य अस्पताल में चार दिन बच्चे का उपचार कराया । वहां नवजात शिशु की मृत्यु हो गई। हमारे स्टाफ से कोई गलती नहीं हुई। स्वजन को सभी स्थितियों से पहले ही अवगत करा दिया गया था।