#Breaking_Harduaganj| बरौठा के प्रधानपति सुभाष की सोशल मीडिया पर हो रही जमकर किरकिरी, मृत्यु प्रमाण पर बनाने में खाई दलाली!

Aligarh Media Desk

अलीगढ मीडिया डिजिटल, अलीगढ़। धनीपुर ब्लॉक नें एक ग्राम प्रधानपति की सोशल मीडिया पर खूब किरकिरी हो रही हैं| जो प्रधानपति अभी तक सीनातान लोगों के बीच रहता था अब वह मुँह छिपाता फिर रहा हैं| असल में प्रधानपति नें काम ही ऐसा कर दिया| दरसल प्रधान पति में फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनबाने की दलाली पकड़ ली और फिर काम हुआ नहीं| काम नहीं हुआ तों पैसे लौटाने की नौबत आई और कहानी ख़राब हो गई| पीड़ित नें न सिर्फ प्रधानपति की शिकायत लिखकर भेजी बल्कि लेनदेन की ऑडियो भी वायरल कर दी| अब प्रधानपति अपने कारनामे पर सफाई देते फिर रहे हैं| मामला बरौठा ग्राम पंचायत के प्रधान पति सुभाष का हैं| 

गाँव पंचायत के ही एक युवक ने आरोप लगाया है किउनके पिता का ऑनलाइन मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर ग्राम प्रधान शांति देवी के पति सुभाष ने उनसे 20 हज़ार रुपये वसूले। मज़दूरी करने वाले युवक के पास इतने पैसे कहाँ से आते? तो उसने अपनी पत्नी के कानों के कुंडल और मंगलसूत्र गिरवी रखे और रकम का इंतज़ाम किया।

पीड़ित ने बताया कि उसके पिता विद्युत विभाग में कर्मचारी थे और उनकी मौत वर्ष 1999 में हो गई थी। विभाग अब ऑनलाइन मृत्यु प्रमाण पत्र माँग रहा है। इसी कागज़ के लिए प्रधान पति ने 20 हज़ार रुपये की कीमत तय कर दी। मज़दूरी करने वाले युवक ने मजबूरी में पत्नी के कानों के कुंडल और मंगलसूत्र गिरवी रखकर यह रकम दी।

पीड़ित का आरोप है कि रुपये लेने के बाद प्रधान पति ने सिर्फ़ 5 हज़ार रुपये लौटाए और साफ कह दिया कि न तो प्रमाण पत्र बनवाएगा और न ही बाकी रकम लौटाएगा। इतना ही नहीं, अब आरोप यह भी है कि प्रधान पति ने शेष रकम का ठीकरा ग्राम सचिव अनुपमा पर फोड़ दिया और कह दिया कि "रुपये तो मैंने सेक्रेट्री को दे दिए हैं, वही लौटा देंगी।" पीड़ित का दावा है कि इस पूरी बातचीत की रिकॉर्डिंग उसके पास मौजूद है।

गरीब की मजबूरी को ऐसे लूट लेना, ऊपर से सरकारी कागज़ बनवाने के नाम पर गहने गिरवी रखवाना-यह पूरा मामला भ्रष्टाचार की ऐसी तस्वीर पेश करता है, जो गाँव से लेकर तहसील तक सिस्टम की सच्चाई बयान करता है। अलीगढ मीडिया डिजिटल की टीम नें आरोपी प्रधानपति सुभाष से बातचीत की तों उन्होंने अपनी ईमानदारी की लम्बी कहानी सुनाते हुये पांच हजार रुपये वापिस करने की बात स्वीकार की हैं |