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गोबर के कंडे पथवाकर आर्थिक रूप से मजबूत बनाई जाएंगी गौशालाएं, पढ़िए.. क्या-क्या होंगे नए काम

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अलीगढ मीडिया डॉट कॉम न्यूज़डेस्क, अलीगढ| जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. की अध्यक्षता में कलैक्ट्रेट सभागार में गौशालाओं के सफल संचालन के साथ गौसंरक्षण केन्द्रों को स्वाबलम्बी बनाने, वैक्सीनेशन, ईयर टैगिंग, भूसा भण्डारण एवं सहभागिता योजना को अमलीजाम पहुॅचाने के लिये एसडीएम, बीडीओ एवं पशु चिकित्साधिकारियों के साथ बैठक का आयोजन किया गया। डीएम ने कहा कि वर्तमान में गर्मी का मौसम चरम पर है, गर्मी से गौवंशों के सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम कर लिये जाएं। भूसा भण्डारण के लिये जनपद के किसानों को भूसा दान करने के लिये प्रेरित किया जाए। नवीन वृहद गौसरंक्षण केन्द्रों का संचालन अतिशीघ्र किया जाए ताकि अधिक से अधिक निराश्रित गौवंशों को संरक्षण प्राप्त हो सके।


                प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी गौ संरक्षण योजना के सफल क्रियान्वयन के सम्बन्ध में जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. बुधवार को कलैक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक कर रहीं थीं। उन्होंने कहा कि गौ संरक्षण केन्द्रों को स्वावलम्बी बनाने के लिये प्रत्येक केन्द्र पर विभिन्न प्रकार की एक्टिविटी- गौकाष्ठ, गोबर के उपले, लट्ठे, केंचुआ खाद, कम्पोस्ट खाद, बायोगैस संचालित की जाएं, जिससे प्राप्त आय से गौ संरक्षण केन्द्रों को आर्थिक रूप से मजबूती मिल सके। सहभागिता योजना को अपने मुकाम तक पहुॅचाने के लिये प्रत्येक ग्राम प्रधान को लक्ष्य निर्धारण कर गौसेवा का अवसर प्रदान करने के निर्देश दिये गये। पशु चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वह सम्बन्धित बीडीओ से समन्वय स्थापित कर भूसे का टेण्डर जल्द से जल्द करा लें, इसके साथ ही किसानों को गौसेवा से जोड़ते हुए भूसा दान करने के लिये भी प्रेरित करें।


                अपर निदेशक पशुपालन ने बताया कि सहभागिता योजना में जनपद 2000 गौदान से पीछे है, इसी प्रकार से भूसा भण्डारण में 471300 कुन्तल के लक्ष्य के सापेक्ष जनपद द्वारा अब तक 21185 कुन्तल भूसे का ही भण्डारण हो पाया है। इस पर शासन द्वारा भी अप्रसन्नता व्यक्त की गयी है। अपर निदेशक द्वारा बताया गया कि शासन द्वारा प्रदेश के 16 नगर निगम को गौ संरक्षण के लिये धनराशि का आवंटन किया गया था। जनपद अलीगढ़ में आकाशवाणी गौशाला का संचालन नगर निगम द्वारा कुछ दिनों तक किया गया, परन्तु कुछ समय से नहीं किया जा रहा है। ऐसे में अवशेष धनराशि नगर निगम द्वारा अब तक विभाग को वापस नहीं की गयी है। जिस पर जिलाधिकारी ने सीवीओ को नगर आयुक्त से व्यक्तिगत रूप से समन्वय स्थापित कर धनराशि प्राप्त करने के निर्देश दिये।

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