अलीगढ़ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ़ 29 जून 2022 (सू0वि0) प्रदेश में व्यापक जन-धन हानि के लिए दशकों तक कारक रही बाढ़ की समस्या के स्थायी निदान के लिए विगत 05 वर्षों में सुनियोजित प्रयास किए गए हैं। अति संवेदनशील जिलों की संख्या में अभूतपूर्व कमी आई है। 2017-18 से अब तक 830 बाढ़ परियोजनाएं पूरी की गईं। विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार हमने आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग कर बाढ़ से खतरे को न्यूनतम करने में सफलता पाई है। बाढ़ से जन-जीवन की सुरक्षा के लिए विगत 05 वर्षों में अंतर्विभागीय समन्वय से अच्छा कार्य हुआ है। इस वर्ष भी बेहतर समन्वय, क्विक एक्शन और बेहतर प्रबन्धन से बाढ़ की स्थिति में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कराई जाए।
उक्त उद््गार प्रदेश के मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से आयोजित बाढ़ स्टीयरिंग ग्रुप की बैठक में व्यक्त किये गये। उन्होंने निर्देश दिये कि अति संवेदनशील और संवेदनशील क्षेत्रों में बाढ़ की आपात स्थिति के लिये पर्याप्त रिजर्व स्टॉक का एकत्रीकरण कर लिया जाए। इन स्थलों पर पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था एवं आवश्यक उपकरणों का भी प्रबन्ध होना चाहिए। सभी बाढ़ सुरक्षा समितियों को सक्रिय कर दिया जाए। तटबंधों का निरीक्षण करा लिया जाए। उन्होंने कहा कि सिंचाई एवं जल संसाधन, गृह, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सिंचाई एवं जल संसाधन, खाद्य एवं रसद, राजस्व एवं राहत कृषि, राज्य आपदा प्रबन्धन, रिमोट सेन्सिंग प्राधिकरण के बीच बेहतर समन्वय से कार्य करते हुए बाढ़ नियंत्रण के लिये प्रभावी कार्य किये जाएं। बाढ़ नियंत्रण कन्ट्रोल रूम की स्थापना कर उसे 24 घण्टे संचालित किया जाए।
जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने जनपद में बाढ़ नियंत्रण के लिये की जा रही तैयारियों की जानकारी देते हुए बताया कि जनपद की दो तहसील अतरौली एवं खैर क्रमशः गंगा एवं यमुना नदी से प्रभावित रहती हैं। उन्होंने बताया कि तहसील अतरौली के 13 गॉव एवं तहसील खैर के 12 गॉव बाढ़ से प्रभावित होते हैं। जनपद स्तर पर बैठक कर अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित कर आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिये गये हैं। नदियों के जलस्तर की सतत मॉनीटरिंग की जा रही है। प्रभावित क्षेत्रांे में आपदा प्रबंधन टीमों को सक्रिय रहने के निर्देश दिये गये हैं। आपदा प्रबंधन मित्र, सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों की आवश्यकतानुसार सहायता भी जाएगी।
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