अलीगढ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वीमेंस कॉलेज एवम अब्दुल्लाह हॉल द्वारा आयोजित समर कोचिंग कैम्प संपन्न हो गया। इस कैम्प में बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, टेबिल टेनिस, टाइवान्डो, बेडमिंटन एवं क्रिकेट में छात्राओं को प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर वीमेंस कॉलेज की प्राचार्य प्रोफेसर नईमा खातून ने छात्राओं को खेल और शिक्षा का जीवन में महत्व बताया। विशिष्ट अतिथि डा. जमील अहमद डिपार्टमेंट ऑफ फारमाकॉलोजी जेएन मेडीकल कालिज एवं प्रेसीडेंट जिमखाना क्लब ने कहा कि खेल हमें समयबद्धता, अनुशासन, धैर्य एवं समूह में कार्य करना सिखाते हैं।
अब्दुल्लाह हॉल की प्रवोस्ट डा. गज़ाला नाहिद एवं अब्दुल्लाह कॉलेज की सुपरिन्टेंडेंट सुश्री उमरा जहीर व विशिष्ट अतिथिगणों ने खिलाड़ियों को प्रमाण पत्र देकर उत्साह बढ़ाया। इस समर कॉचिंग कैम्प को सफल बनाने एवं समर कैम्प के आयोजन में डा. नाजिया खान इंचार्ज फिजिकल एजूकेशन सेक्शन की मुख्य भूमिका रही। महविश खान, अब्दुल्लाह कॉलेज ने सभी अतिथियों एवं खिलाड़ियों का आभार व्यक्त किया। इस प्रशिक्षण में 200 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया। मोहम्मद कामरान खान, जाकिर रजा, सरदार हुसैन, सना रजा, तसकीन जहीर, असरार अहमद, इलियास अहमद एवं सीमा जैतून ने खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया। इस कार्यक्रम का संचालन आलिया हसन एवं राफिया तबस्सुम ने किया।
इस अवसर पर प्रोफेसर शौकत हसीन, प्रोफेसर तैय्यबा, शादाब जमील, डा. मारिया, डा. अरशी, डा. शगुफ्ता अलीम, डा. फौज़िया, डा. सदफ, डा. खालिदा इस्मत और शाहनवाज़ उपस्थित रहीं।
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डा जेडए डेंटल कॉलेज में जन स्वास्थ्य क्षमता निर्माण पर कार्यशाला
अलीगढ़, जून 28ः अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के डॉ. जेडए डेंटल कॉलेज में मेडिकल और डेंटल साइंसेज के छात्रों ने मेडिकल स्टूडेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमएसएआई) की पब्लिक हेल्थ कैपेसिटी बिल्डिंग वर्कशॉप ‘आपात स्थिति के लिए उभरते हेल्थ केयर लीडर्स’ का आयोजन कर मेडीकल छात्रों के ज्ञान व कौशल को बढ़ाया।
एमएसएआई द्वारा इस तरह के और कार्यक्रमों की आवश्यकता पर जोर देते हुए, प्रो. राकेश भार्गव (डीन, फैकल्टी ऑफ मेडिसिन, एएमयू) ने कहा कि हमने कोविड संकट से सीखा है कि हमें भविष्य में स्वास्थ्य आपातकाल की आवश्यकता है। स्थिति को बेहतर ढंग से तैयार करने की आवश्यकता है। हमें महामारी के प्रति अपनी तैयारियों और प्रक्रिया को मजबूत करने की जरूरत है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां उपचार के संसाधन दुर्लभ हैं।
पीरियोडोंटिक्स एंड कम्युनिटी डेंटिस्ट्री विभाग की प्रोफेसर नेहा अग्रवाल ने कहा कि हमें बीमारियों के प्रसार के लिए अपनी प्रक्रियाओं और तैयारियों में सुधार करने और संक्रामक रोगों के लिए विश्वसनीय और समय पर परीक्षण सुविधाओं की उपलब्धता बढ़ाने की आवश्यकता है। साथ ही, युवा स्वास्थ्य कर्मियों को स्वास्थ्य आपात स्थितियों के लिए उचित रूप से प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
कार्यशाला प्रतिभागियों के साथ एक संवादात्मक सत्र में, सामुदायिक चिकित्सा विभाग के डॉ नफीस फैज़ी ने कहा कि आपातकालीन तैयारी और प्रतिक्रिया में फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और पेशेवरों के कौशल को बढ़ाने के लिए इंटरैक्टिव प्रशिक्षण कार्यक्रम और स्व-शिक्षण मॉड्यूल तैयार करने की आवश्यकता है।
डॉ. अरहम खान (जेएनएमसी), डॉ. हाज़िक जमील (जेएनएमसी), हमजा अंसारी (जेएनएमसी), पंखुड़ी शर्मा (लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली) और प्राची पटेल (लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज) ने रिसोर्स पर्सन के रूप में नेतृत्व, संचार, संघर्ष प्रबंधन, जैव आतंकवाद, गतिविधि डिजाइनिंग, स्वास्थ्य आपातकालीन प्रबंधन, रोगाणुरोधी प्रतिरोध, मानसिक स्वास्थ्य और अन्य विषयों में 40 से अधिक मेडिकल और डेंटल छात्रों को प्रशिक्षित किया।
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प्रो. वीआई सुब्रमण्यम स्मृति व्याख्यान 29 जून को
अलीगढ़, जून 28ः शिकागो विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर एवं केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर के पूर्व निदेशक डॉ. ई. अनामलाई, प्रोफेसर वीआई सुब्रमण्यम स्मृति व्याख्यान देंगे।आधुनिक भारतीय भाषा विभाग के कार्यवाहक अध्यक्ष प्रो. ए. नजुम ने कहा कि डॉ. अनामलाई के भाषण का विषय ‘भाषाओं के बीच संबंध में माँ’ है उनके प्रवचन को शाम 6 बजे से https://meet.google.com/giv-yphd-shd पर लाइव सुना जा सकता है।
कार्यक्रम में प्रो. एस. इम्तियाज हसनैन (डीन, कला संकाय) का परिचयात्मक भाषण और डॉ. आर. तमिल सियोन और वासु एन. का भाषण भी होगा, जबकि प्रो. नजुम स्वागत भाषण देंगे।
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आईबी ग्लोबल एकेडमी ने एएमयू के छात्रों का किया चयन
अलीगढ़, 28 जूनः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के चार छात्रों को विश्वविद्यालय के प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट कार्यालय जनरल द्वारा आयोजित कैंपस प्लेसमेंट अभियान में आईबी ग्लोबल एकेडमी, गुरुग्राम, हरियाणा ने अपने यहां नियुक्त किया है।
विश्वविद्यालय के सामान्य प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट अधिकारी श्री साद हमीद ने बताया कि चयनित छात्रों में भौतिकी विभाग के अब्दुल रब और गणित विभाग के सोहल यादव, मोहम्मद जावेद हसन और रूपेश कुमार शामिल हैं।
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मौलाना आजाद पुस्तकालय द्वारा अनुसंधान सहायता सेवाओं पर जागरूकता कार्यक्रम
अलीगढ़, 28 जूनः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मौलाना आजाद पुस्तकालय ने कोइलबूट, जयपुर के सहयोग से साहित्यिक चोरी, व्याकरण सटीकता, पैरा-फ्रीजिंग, अनुक्रमण और अमूर्तता की पहचान करने में मदद करने के लिए सॉफ्टवेयर कॉइलबूट के सम्बन्ध में विश्वविद्यालय के शिक्षकों, रिसर्च स्कालर्स और छात्रों के लिये एक ऑनलाइन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया । इसका उद्देश्य मौलाना आजाद पुस्तकालय की अनुसंधान सहायता सेवाओं के बारे में जानकारी प्रदान करना था। ऑनलाइन कार्यक्रम से लगभग 280 प्रतिभागियों ने लाभ उठाया।
विश्वविद्यालय की पुस्तकालयाध्यक्ष प्रोफेसर निशात फातिमा ने कहा कि एमए पुस्तकालय छात्रों को विभिन्न शोध सहायता सेवाएं प्रदान कर रहा है। उन्होंने शोधकर्ताओं और पेशेवरों के लिए विद्वानों के लेखन उपकरणों के महत्व और उपयोग पर चर्चा की।
सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष सैयद शाज हुसैन ने मौलाना आजाद पुस्तकालय द्वारा प्रस्तुत अनुसंधान सहायता सेवाओं पर अपनी प्रस्तुति दी। उन्होंने पुस्तकालय की वेबसाइट के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।
श्री अमन जैन और सुश्री गुल सबा कॉइल बोट के रिसार्स पर्सन थे। उन्होंने सॉफ्टवेयर के विभिन्न वर्गों का वर्णन किया। गुल सबा ने कहा कि कॉइल एक बूट, वाक्य या पैराग्राफ को फिर से लिखने और सुधारने में मदद करता है। उन्होंने कॉइल बोट के प्रीमियम संस्करण के उपयोग के बारे में भी बताया। अमन जेन ने प्रतिभागियों के सवालों के जवाब भी दिए।
सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. दाऊद खान ने धन्यवाद ज्ञापित किया। उप पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. मुनव्वर इकबाल कार्यक्रम समन्वयक थे। सैयद शाज़ हुसैन ने निदेशक के कर्तव्यों का निर्वाहन किया।
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अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में एएमयू चिकित्सक ने दिया प्रेजेंटेशन
अलीगढ़, जून 27ः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के डा जेडए डेंटल कॉलेज के प्रोस्थोडॉन्टिक्स और दंत चिकित्सा सामग्री विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर शाइस्ता अफरोज ने चीन में 5वें एशिया-प्रशांत क्षेत्र के सामान्य सत्र के दौरान पैथोलॉजिकल दर्द और न्यूरोप्रोटेक्शन में तंत्रिका तंत्र के ऊतकों की भूमिका पर एक प्रस्तुति दी।
इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ डेंटल रिसर्च के न्यूरोसाइंस ग्रुप/नेटवर्क के सहयोग से आयोजित संगोष्ठी में आमंत्रित वक्ता के रूप में प्रोफेसर शाइस्ता ने मनोगत दर्द के संचरण में न्यूरोइम्यून संचार की भूमिका पर प्रकाश डाला। संगोष्ठी में जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य देशों के विशेषज्ञों ने भाग लिया।
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एएमयू कार्डियोलॉजिस्ट ने इंटरनेशनल मेडिकल कॉन्फ्रेंस में अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया
अलीगढ़, जून 27ः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर मलिक एम. अजहरुद्दीन ने अहमदाबाद में एक अंतरराष्ट्रीय सीएसआई-एनआईसी कार्यक्रम को संबोधित किया। सम्मेलन में प्रो. मलिक ने जटिल मैन्स लिफ्टब मिनी बाई फरकेशन पर केस स्टडी प्रस्तुत की तथा उपचार प्रक्रिया पर एक संक्षिप्त अध्ययन और उपचार की संभावनाओं और दीर्घकालिक परिणामों की व्याख्या की। उन्होंने अन्य विषयों पर सत्रों का संचालन भी किया।
प्रो मलिक ने डबल स्टेंटिंग तकनीक पर चर्चा की। प्रोफेसर मलिक ने सम्मेलन में फ्रैक्शन द्वारा कॉम्प्लेक्स लिफ्टेड मिंक पर जो अध्ययन प्रस्तुत किया उसे स्वयं उन्होंने जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में पूरा किया था।
उन्होंने मालदीव और नई दिल्ली से क्रमशः डॉ. इमाद शबान और डॉ. डी.एस. गंभीर द्वारा किये गए दो लाइव मामलों को भी मॉडरेट भी किया।
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नशे से मुक्ति, आजादी का अमृत महोत्सव और हर घर झंडा महोत्सव का आयोजन
अलीगढ़, 28 जूनः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शिक्षकों, गैर-शिक्षण कर्मचारियों और बेगम सुल्तान जहां हॉल की छात्राओं ने नशा मुक्त पखवाड़ा और नशा मुक्ति के अमृत महोत्सव का आयोजन मादक द्रव्यों के कहर पर अंकुश लगाने एवं इसे खत्म करने के लिए जन जागरूकता का संकल्प लिया।
गेस्ट ऑफ ऑनर प्रोफेसर शाहिद अली सिद्दीकी (प्रिंसिपल, जेएन मेडिकल कॉलेज, एएमयू) ने कहा कि समाज में नशा करने वालों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना अत्यावश्यक है। हमें लोगों को नशीली दवाओं के उपयोग के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
कार्यक्रम की सम्मानित अतिथि प्रमुख स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. सुंबुल खान, प्रो. मोइनुद्दीन (पूर्व अध्यक्ष, जैव रसायन विभाग, जेएनएमसी) और ताहिरा सिद्दीकी ने छात्रों को जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने और व्यक्तियों और संगठनों को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया।
अग्रणी पैथोलॉजिस्ट प्रोफेसर उरूस आबिदी ने नेटवर्क और संपर्कों के माध्यम से नशीली दवाओं के विरोधी अभियान के बारे में जागरूकता फैलाने का आह्वान किया, जबकि डॉ फैसल शान (मनोविज्ञान विभाग) ने दवाओं के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और जागरूकता का आह्वान किया।
डॉ सफिया हबीब (जैव रसायन विभाग, जेएनएमसी) ने लोगों से नशीली दवाओं के उपयोग को समाप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प और मिलकर काम करने का आग्रह किया।
हॉल की प्रोवोस्ट प्रोफेसर सायरा मेहनाज ने स्वागत भाषण देते हुए नशीली दवाओं के उपयोग पर अंकुश लगाने के प्रयासों का आह्वान किया। माता-पिता और शिक्षकों को युवाओं को नशीली दवाओं के उपयोग के हानिकारक प्रभावों के बारे में बताना चाहिए।
वार्डन डॉ शाजिया फारूक फाजली ने नशीली दवाओं के सेवन के खिलाफ शपथ ली। डॉ. देवश्री अखुरी, डॉ. फरहीन अंजुम, डॉ. नाजिया तबस्सुम और डॉ. निगहत रशीद ने हॉल कमेटी के अन्य सदस्यों के साथ कार्यक्रम का समन्वयन किया।
सामुदायिक चिकित्सा विभाग में इंटर्न और स्नातकोत्तर छात्रों ने तंबाकू और नशीली दवाओं के उपयोग के नुकसान पर एक लघु नाटक प्रस्तुत किया। वार्डन शाइना सैफ ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
वहीं पुराने ओपीडी पर यूनानी चिकित्सा संकाय के स्त्री रोग एवं बाल रोग विभाग के शिक्षकों व छात्रों ने ‘हर घर झंडा महोत्सव’ और ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत देशभक्ति की भावना जगाकर राष्ट्रीय ध्वज के महत्व पर प्रकाश डाला। इस मौके पर विभाग के अध्यक्ष प्रो. सबुही मुस्तफा ने राष्ट्रीय ध्वज को घर-घर सामूहिक रूप से लाने का आग्रह किया। उन्होंने प्रो. सैयदा आमना नाज़, डॉ. फहमीदा जीनत और डॉ. अबीहा खान के साथ कार्यक्रम का समन्वयन किया।
डॉ. दीवान इसरार खान ने भी एकता और एकजुटता पर बात की और घरों, संस्थानों और कार्यालयों में तिरंगे की लहर पर जोर दिया। डॉ. एम. अनस ने स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर मरीजों और उनके देखभाल करने वालों से राष्ट्रवाद और देशभक्ति का संदेश फैलाने की अपील की।
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अलीगढ़, 28 जूनः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग द्वारा प्रख्यात लेखक एवं आलोचक प्रोफेसर गोपी चन्द नागरंग के निधन पर आयोजित शोक सभा को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि मास कम्यूनिकेशन विभाग के प्रोफेसर शाफे किदवई ने कहा कि प्रोफेसर नारंग का अलीगढ़ से अटूट रिश्ता था। उन्होंने कहा कि एएमयू ने प्रोफेसर नारंग को डीलिट की मानद् उपाधि प्रदान की और उनको सर सैयद एक्सीलेंस एवार्ड से भी नवाजा। प्रोफेसर किदवई ने गोपीचन्द नारंग से अपने सम्बन्धों का उल्लेख करते हुए कहा कि अनेक अवसरों पर उनसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होती थी। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जो लोगों की प्रतिभा को देखते ही पहचान लेते थे। उर्दू विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मोहम्मद अली जोहर ने कहा कि प्रोफेसर गोपीचन्द नारंग उर्दू साहित्य जगत के ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने न केवल साहित्य को समृद्व बनाया बल्कि हमेशा दूसरों का भी ख्याल रखा।
प्रोफेसर तारिक छतारी ने कहा कि प्रोफेसर गोपीचन्द नारंग हालांकि अब हमारे बीच नहीं हैं लेकिन वह अपनी छाप छोड़ गये हैं वह हमेशा हम सबका मार्गदर्शन करती रहेगी।
प्रोफेसर सैयद सिराज अजमली ने कहा कि प्रोफेसर गोपीचन्द नारंग की भांति अब कोई व्यक्ति उर्दू जगत में मौजूद नहीं है। प्रोफेसर कमरूल हुदा फिरदोसी ने कहा कि प्रोफेसर गोपीचन्द नारंग ने बहुत से लोगों को इस काबिल बनाया कि वह अदबी परिप्रेक्ष को प्रज्वलित कर सकें।
प्रोफेसर शहाबुद्दीन शाकिब ने कहा कि प्रो. गोपीचन्द नारंग केवल उर्दू ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण उर्दू जगत की आबरू थे। प्रोफेसर सगीर अफराहीम ने कहा कि प्रोफेसर नारंग ने अपने 70 वर्षीय शैक्षिणक यात्रा के दौरान जो कुछ हासिल किया उसको कभी नजर अंदांज नहीं किया जा सकता। असिस्टेंट प्रोफेसर डा. आफताब आलम नज्मी ने इस अवसर पर प्रो. गोपीचन्द नारंग पर शोक प्रस्ताव प्रस्तुत किया।