अलीगढ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग की रोले लिटरेरी सोसायटी का समापन समारोह मौलाना आजाद पुस्तकालय के सांस्कृतिक हॉल में संपन्न हुआ। विशिष्ट अतिथि प्रो. सैयद अली नदीम रेजावी (पूर्व अध्यक्ष, इतिहास विभाग और पूर्व समन्वयक, मूसा डाकरी संग्रहालय) ने अपने संबोधन में विभिन्न साहित्यिक और सांस्कृतिक समाजों पर विस्तार से बताया जो एएमयू के शुरुआती दिनों से अस्तित्व में आए हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्रों में साहित्यिक प्रवृत्ति और जुनून पैदा करने में रैले लिटरेरी सोसाइटी की भूमिका पर विशेष जोर दिया।
सोसायटी के संरक्षक और अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. मुहम्मद आसिम सिद्दीकी ने आयोजन समिति की प्रशंसा की और छात्रों को निरंतर सहयोग का आश्वासन दिया।
टीचर इंचार्ज प्रोफेसर आयशा मुनीरा रशीद ने विशेष अतिथि और संरक्षक को धन्यवाद दिया और बहुत ही कम समय में साहित्यिक सप्ताह समारोह को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए सोसाइटी से जुड़े सदस्यों की सराहना की।
इससे पहले रोले लिटरेरी सोसायटी की अध्यक्ष जैनब फातिमा ने अतिथियों और उपस्थितजनों का स्वागत किया।
पेपर प्रेजेंटेशन, डिबेट, क्विज, वर्ड्सवर्थ, ए स्पेल बी, पेंट ए पोएम, सेल्फ कंपोज्ड पोएट्री, परफॉर्मेंस पोएट्री, शॉर्ट स्टोरी, माइक्रोटेल, निबंध लेखन, इमेज स्टोरी, हाइकू आदि विभिन्न ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया गया।
समारोह का संचालन महविश सोलत और मुहम्मद शम्स उज जुहा खान ने किया था। प्रो. समीना खान, प्रो. राशिद निहाल, प्रो. रश्मी अत्री, प्रो. जावेद एस. अहमद, प्रो. समी रफ़ीक, प्रो. नाज़िया हसन, डॉ. साजिदुल इस्लाम, डॉ. दरखशां ज़फ़र, डॉ. अदीबा फ़याज़, डॉ. किशवर जफीर, डॉ. शरजील चौधरी और विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के छात्र इस अवसर पर उपस्थित रहे। साइम रजा ने आभार व्यक्त किया।
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एएमयू के प्रोफेसर नुजुम ए की नई मलयालम पुस्तक का विमोचन
अलीगढ़, 30 जूनः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के आधुनिक भारतीय भाषा विभाग के कार्यवाहक अध्यक्ष प्रो. नुजुम ए की नई पुस्तक ‘‘ वत्तौम चथोरम ’’ (अजन्ता पब्लिकेशन) का एक विशेष कार्यक्रम में विमोचन किया गया। मलयालम भाषा की इस पुस्तक में प्रकृति के साथ मनुष्य के सम्बन्ध और संतुलित व्यवहार के विषय में महिलाओं के शासन की भूमिका की व्याख्या की गई है।
प्रोफेसर नुजुम ने कहा कि यह पुस्तक बताती है कि कैसे पूर्व-ऐतिहासिक सांस्कृतिक मूल्यों और दृष्टिकोणों ने नारीवादी परिप्रेक्ष्य को आकार दिया जिसमें वर्तमान युग के संकटों और चुनौतियों से निपटने की शक्ति है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि यह पुस्तक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक अध्ययनों के माध्यम से समकालीन मुद्दों का विश्लेषण करने में सहायक होगी और प्रकृति, लिंग और सामूहिक ज्ञान को जोड़ने वाले शोध के लिए एक संदर्भ के रूप में काम करेगी।
विमोचन समारोह में बोलते हुए, प्रो. एस. इम्तियाज हसनैन (डीन, कला संकाय) ने कहा प्रोफेसर नुजुम की पुस्तक एक नव-पर्यावरणीय संदर्भ में प्रकृति और मानवता के बीच बातचीत और आदान-प्रदान का एक मूल विश्लेषण प्रस्तुत करती है। उन्होंने राष्ट्रीय एकता के लिए आधुनिक भारतीय भाषाओं के महत्व पर भी चर्चा की।
उत्तर-आधुनिकतावादी मलयालम कवि एस. जोसेफ ने कहा कि वत्तौम चथोरम नारीवाद, लोककथाओं, कला, साहित्य, इतिहास, संस्कृति, महिला अध्ययन, सौंदर्यशास्त्र, आदिवासीवाद और पूंजीवादी वैश्वीकरण जैसे विषयों पर नई समझ के द्वार खोलता है।
प्रो. नौशाद पीएम (पुस्तकालय विज्ञान विभाग), डॉ. अमीना खातून (बंगाली अनुभाग, आधुनिक भारतीय भाषा विभाग), डॉ. ताहिर एच. पठान (मराठी अनुभाग), डॉ. तमल सैलून (तमिल अनुभाग) और डॉ. कासिम पठान (तेलुगु अनुभाग) ने भी पुस्तक के बारे में अपने विचार प्रस्तुत किए। यूनुस टीपी ने आभार व्यक्त किया।
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यूनिवर्सिटी पालीटेक्निक में ओरियंटेशन कार्यक्रम
अलीगढ़, 30 जूनः एएमयू के यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल और यूनिवर्सिटी के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिस (टीपीओ-जनरल) ने संयुक्त रूप से डिप्लोमा इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया।
विश्वविद्यालय पॉलिटेक्निक के प्राचार्य प्रो. अरशद उमर ने अपने परिचयात्मक भाषण में छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने करियर को बेहतर बनाने के लिए पॉलिटेक्निक में उपलब्ध सुविधाओं का उपयोग करें। उन्होंने शिक्षण स्टाफ और छात्रों के लिए निर्बाध ऑफ़लाइन मोड कक्षाओं के प्रारंभ होने का स्वागत किया और अभिविन्यास कार्यक्रम पर खुशी व्यक्त की और कहा कि भविष्य में पॉलिटेक्निक छात्रों के लाभ के लिए और अधिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
डॉ मुहम्मद फैसल खान, टीपीओ (विश्वविद्यालय पॉलिटेक्निक) ने टीपीओ सेल के उद्देश्यों और इसकी हाल की उपलब्धता को रेखांकित किया। उन्होंने छात्रों को रोजगार और प्रशिक्षण सुविधाएं प्रदान करने के लिए उपयोग किए जाने वाले संसाधनों और विधियों पर प्रकाश डाला।
टीपीओ (सामान्य) श्री साद हमीद ने डिप्लोमा छात्रों के लिए उपलब्ध नौकरी के अवसरों पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक के पूर्व छात्रों की सराहना की।
सुश्री सैयदा फहीम (प्रभारी, अनुप्रयुक्त विज्ञान अनुभाग, यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक) ने कार्यक्रम का संचालन किया जबकि सहायक टीपीओ मुहम्मद नवेद कुरैशी ने उपस्थितजनों का धन्यवाद किया।
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वाणिज्य विभाग में क्षमता निर्माण कार्यशाला
अलीगढ़, 30 जूनः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग में ‘केस बेस्ड टीचिंग एंड एजुकेशन’ पर छात्रों के लिए क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया गया। रिसोर्स पर्सन डॉ मुहम्मद रशाद फरीदी (प्रिंस स्टैम बिन अब्दुलअज़ीज़ विश्वविद्यालय, सऊदी अरब), प्रो सलोनी सिन्हा और डॉ सुरभि चीमा (बीएमटीईसी, ग्रेटर नोएडा) ने कहा कि छात्रों ने इस कार्यशाला में ज्ञान प्राप्त किया तथा लक्ष्य तक पहुंचने के लिए आवश्यक कौशल के बारे में सीखा और सफलता के लिए आवश्यक अन्य कौशलों पर अपनी पकड़ मजबूत की।
डॉ. मुहम्मद रशाद ने केस स्टडी के बारे में बात की जो शिक्षण और सीखने के लिए प्रभावी उपकरण हैं। प्रोफेसर स्लोएन ने कला-आधारित शिक्षा और आत्मविश्वास के महत्व के बारे में बताया, जबकि डॉ. सुरभि ने कार्यशाला के विश्लेषणात्मक पूल परिणाम प्रस्तुत किए।
फैकल्टी ऑफ कॉमर्स के डीन और वर्कशॉप के संरक्षक प्रोफेसर नासिर ज़मीर कुरैशी ने कहा कि केस-आधारित लर्निंग वर्कशॉप छात्रों के विकास में सहायक होती है, जिससे उन्हें यह स्पष्ट हो जाता है कि कैसे लक्ष्यों को प्राप्त करना है।
वाणिज्य विभाग के अध्यक्ष और कार्यशाला के निदेशक प्रोफेसर नवाब अली खान ने कहा कि ‘केस-आधारित दृष्टिकोण छात्रों को वास्तविक दुनिया के उदाहरणों के समान विशिष्ट स्थितियों पर चर्चा करने की अनुमति देता है। यह एक शिक्षार्थी-केंद्रित दृष्टिकोण है जिसमें जटिल समाधान, महत्वपूर्ण सोच, टीम वर्क और सहयोग करने की क्षमता विकसित करने के लिए प्रतिभागियों के साथ गहरी बातचीत शामिल है।
कार्यशाला में डॉ. मुहम्मद शोएब डॉ. अहमद मूसा खान, डॉ. असलम खान, डॉ. नय्यर रहमान और डॉ. निशात अंजुम के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों ने समूहों में क्रिएटिव ओमनी प्रेजेंट और वर्सेटाइल इनक्लूसिव डिजाइन के केस स्टडी को समझा। यह केस स्टडी स्लिम आउट लाउड टीम द्वारा तैयार की गई थी। स्लिम आउट लाउड के सह-संस्थापक जग्यासु लाब्रो ने छात्रों से बात की और उनके सवालों के जवाब दिए।कार्यक्रम के संयोजक डॉ. शीमा तुराब, डॉ. मुहम्मद सईद खान, डॉ असलम खान और डॉ अहमद मूसा खान थे।