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अलीगढ| अमुवि कुलपति ने केए निजामी सेंटर द्वारा प्रकाशित आठ पुस्तकों का विमोचन किया

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अलीगढ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ|  अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के केए निजामी सेंटर फॉर कुरानिक स्टडीज द्वारा प्रकाशित आठ पुस्तकों का विमोचन आज कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर द्वारा चयन समिति कक्ष में किया गया। इन आठ पुस्तकों में डा. अब्दुल चोगली द्वारा लिखित तीन अंग्रेजी पुस्तक ‘कंटम्प्रेरी इस्लमिक स्कालरशिप इन साउथ एशियाः एन असिस्मेंट’, हयूमेन आफ प्रोफिट्सः द कुरानिक प्रोफिटोलोजी, कंट्रीब्यूशन आफ दारूल उलूम देवबन्द टू तफसीर, डा. मोहम्मद हारिस मंसूर द्वारा उर्दू में लिखित पुस्तक ‘दिल जो था जुल्मत कदा, माहे मुनव्वर हो गया’, प्रोफेसर जफरूल इस्लाम द्वारा उर्दू में लिखित पुस्तक ‘कुरानी उलूम का इर्तिका एहदे इस्लमी के हिन्दुस्तान में’, डा. नजीर अहमद ऐबी मजीद और डा. अरशद इकबाल द्वारा अंग्रेजी व उर्दू में संपादित पुस्तक ‘ हाउ टू प्रमोट द स्टडी आफ कुरान अमंग वूमेन’, प्रोफेसर अब्दुर रहीम किदवई द्वारा हिन्दी में लिखित पुस्तक ‘तुर्जुमानी रहमानी’ तथा प्रोफेसर फजलुर रहमान गिन्नोरी द्वरा हिन्दी मं लिखित पुस्तक ‘अल्लाह की किताब की पांच मांगे’ शामिल हैं।


एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने पुस्तकों का विमोचन करते हुए कहा कि यह पुस्तकें इस्लामी आस्था में परंपराओं के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले कुछ प्रश्नों का उत्तर देंगी, इस्लामी विद्वानों के कार्यों पर एक नई समझ प्रदान करेंगी, प्रमुख इस्लामी घटनाओं का पता लगाएंगी और इस्लामी दर्शन और बौद्धिक आंदोलन में महत्वपूर्ण परंपराओं की समझ प्रदान करेंगी।


प्रोफेसर ए आर किदवई (मानद निदेशक, के ए निज़ामी सेंटर फॉर कुरानिक स्टडीज) ने बताया कि केए निज़ामी सेंटर ने 2013 से कुरान से संबंधित 80 से अधिक टाइटिल्स प्रकाशित किए हैं। केंद्र के प्रकाशन कुरान की समझ और विभिन्न भाषाओं के अनुवाद सहित विभिन्न विषयों के लेखकों द्वारा अंग्रेजी, उर्दू और हिंदी में शोध को आगे बढ़ाने पर समकालीन साहित्य का प्रतिनिधित्व करते हैं।


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प्रो. इकबाल अली मुख्य चुनाव अधिकारी नियुक्त

अलीगढ़, 13 जुलाईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विधि विभाग के प्रोफेसर इक़बाल अली खान को डोनर वर्ग से यूनिवर्सिटी कोर्ट का चुनाव कराने के लिए मुख्य चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर द्वारा की गई है।


प्रोफेसर तारिक मंसूर ने मोहम्मडन एजुकेशनल कान्फ्रेंस के मानद सचिव को भी एएमयू कोर्ट में प्रतिनिधित्व के लिए निर्धारित प्रक्रिया और नियमों के अनुसार चुनाव कराने का आग्रह किया है।


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आईवीवाई लीग कार्यक्रम के लिए युवा एएमयू शिक्षक का चयन


अलीगढ़, 13 जुलाईः अमेरिका का आईवीवाई लीग व्हार्टन स्कूल, पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के वाणिज्य विभाग के युवा शिक्षक डॉ अहमद मूसा खान को शिक्षण, प्रबंधन शिक्षा में उत्कृष्टता, के उपयोग और अनुसंधान तथा शिक्षण उत्कृष्टता के विभिन्न क्षेत्रों में ऑनलाइन प्रशिक्षित करेगा।


डॉ मूसा प्रतिष्ठित ‘व्हार्टन ग्लोबल फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (डब्ल्यूजीएफडीपी) 2022’ के लिए यूरोप, एशिया, लैटिन अमेरिका और अफ्रीका से चुने गए कुछ चुनिंदा शिक्षाविदों में से हैं। यह प्रोग्राम 25 से 28 जुलाई तक होगा।


प्रो एस एम इमामुल हक (अध्यक्ष, वाणिज्य विभाग) ने बधाई देते हुए कहा कि हमें गर्व है कि हमारे विभाग के एक युवा शिक्षक को अपने प्रारंभिक कैरियर चरण में पेशेवर विकास को पोषित करने और साथी विद्वानों के वैश्विक नेटवर्क के साथ संबंध बनाने का अवसर मिल रहा है।


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सैयद अकबरउद्दीन सर सैयद मेमोरियल वार्षिक व्याख्यान देंगे

अलीगढ़, 13 जुलाईः श्री सैयद अकबरुद्दीन, भारतीय विदेश सेवा के 1985 बैच के सेवानिवृत्त राजनीयिक जिन्होंने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया है। ‘भारत के वैश्विक जुड़ाव के बदलते रूप’ विषय पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय  के सर सैयद अकादमी द्वारा आयोजित ‘सर सैयद मेमोरियल वार्षिक व्याख्यान-2022’  में व्याख्यान देंगे। व्याख्यान 16 जुलाई, शनिवार (दोपहर 12 बजे) जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के सभागार में होगा।


सर सैयद अकादमी के उप निदेशक डा. मोहम्मद शाहिद ने कहा है कि 34 वर्षों से अधिक के अपने विशिष्ट करियर में, श्री अकबरुद्दीन ने विभिन्न पदों पर कार्य किया है। उन्होंने सऊदी अरब में दो कार्यकालों के दौरान भारत के महावाणिज्य दूत के रूप में 1988 से 1992 तक रियाद तथा 2000 से 2004 तक जेद्दा में कार्य किया। उनके शानदार करियर में वियाना (2007 से 2011) में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी में प्रतिनियुक्ति पर काम करना, मंत्रालय के विदेश सचिव कार्यालय के निदेशक (2004 से 2005), मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता के रूप में कार्य करना शामिल है।


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समापन सत्र के साथ स्कूली शिक्षकों के लिए शिक्षण एवं प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का समापन

अलीगढ़, 13 जुलाईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सहकुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़ ने स्कूली शिक्षण में गुणवत्ता और उत्कृष्टता के लिए निरंतर व्यावसायिक विकास में निवेश करने का आह्वान किया।

वह तीन सप्ताह के यूजीसी एचआरडीसी कार्यक्रम ‘ऑनलाइन-टीचिंग एंड ट्रेनिंग कोर्स फॉर प्रोफेशनल डेवलपमेंट’ के समापन सत्र में बोल रहे थे। स्कूल शिक्षा निदेशालय (डीओएसई) के सहयोग से आयोजित इस पाठ्यक्रम में कुल 196 एएमयू स्कूल शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया।


अध्यक्षीय भाषण प्रस्तुत करते हुए सहकुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़ ने कहा कि पाठ्यक्रम ने सभी प्रासंगिक विषयों को सफलतापूर्वक सम्पन्न किया और यह आशा की जाती है कि इस पाठ्यक्रम के अनुभव ने स्कूल के शिक्षकों को उन्नत कौशल प्रदान किया है।


प्रोफेसर असफर अली खान (निदेशक, डीओएसई) ने कहा कि एएमयू स्कूल विश्वविद्यालय के लिए फीडर संस्थान हैं। इन स्कूलों में अच्छी शिक्षा से एएमयू के शैक्षणिक मानकों में और सुधार होगा। उन्होंने बताया कि कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर द्वारा स्कूल के बुनियादी ढांचे के सुधार और विकास के लिए कई करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है।


डॉ फायजा अब्बासी (निदेशक, यूजीसी एचआरडीसी, एएमयू) ने शिक्षण व प्रशिक्षण के महत्व के बारे में बताया।

प्रो साजिद जमाल (पाठ्यक्रम समन्वयक) ने बताया कि एएमयू और अन्य संस्थानों के रिसोर्स पर्सन ने तीन सप्ताह तक चले प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में संचार, मूल्यांकन तकनीकों और डिजिटल शिक्षण शिक्षण विधियों के क्षेत्रों में प्रतिभागियों को विशेषज्ञता प्रदान की।


सबा हसन (उप प्रधानाचार्य, एएमयू एबीके हाई स्कूल-गर्ल्स), ज़ैनब अर्जुमंद वसीम (सीनियर सेकेंडरी स्कूल-बॉयज़) और डॉ महताब आलम (एएमयू एबीके हाई स्कूल-गर्ल्स) ने पाठ्यक्रम के दौरान स्कूल शिक्षकों के प्रशिक्षण पर संतोष व्यक्त किया और आग्रह किया कि ऐसे और भी कार्यक्रमों आयोजित किये जाए। डॉ एम शाकिर (पाठ्यक्रम समन्वयक) ने समापन सत्र का संचालन किया और धन्यवाद ज्ञापित किया।



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