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CDPO श्रेयस कुमार और DPRO धनंजय जायसवाल की DM ने लगायी जमकर क्लास, CM योगी के इस प्रोग्राम में दोनों है फिसड्डी |AligarhMedia

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अलीगढ मीडिया डॉट कॉम,अलीगढ| जिला अधिकारी इंद्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के तहत अंतर विभागीय समीक्षा की गई उन्होंने अभियान से जुड़े जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि शासन की मंशा के अनुरूप विभागीय सहयोग प्रदान करते हुए अपने दायित्वों का पूरी ईमानदारी के साथ निर्वहन कर अभियान को सफल बनाएं।

      अंतर्विभागीय समीक्षा के दौरान जिला मजिस्ट्रेट इंद्र विक्रम सिंह को यूनिसेफ द्वारा बताया गया कि पंचायती राज विभाग द्वारा झाड़ियों की कटाई का कार्य 9 प्रतिशत, नालियों की सफाई  कार्य 40 प्रतिशत, रुके हुए पानी का निस्तारण 22 प्रतिशत, स्वच्छ पीने के पानी की उपलब्धता 80 प्रतिशत, शिक्षा विभाग द्वारा स्कूली बच्चों को अध्यापकों द्वारा संक्रामक रोगों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने का कार्य 53 प्रतिशत, कृषि विभाग द्वारा परिवारों को चूहों, छछूंदर, झाड़ी से स्क्रब टायफस के बारे में जानकारी दिए जाने का कार्य 5 प्रतिशत, पशुपालन विभाग द्वारा सूअर पालकों का संवेदीकरण कार्य 11प्रतिशत और इसी प्रकार से बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की आंगनबाड़ियों द्वारा आशाओं के साथ घरों का भ्रमण कार्य मात्र 14 प्रतिशत व नगर निगम द्वारा झाड़ियों की कटाई का कार्य मात्र 9 प्रतिशत ही किया गया है, जोकि राज्य औसत से काफी नीचे है, जिस पर जिलाधिकारी द्वारा कड़ी आपत्ति जताई गयी।

      जिलाधिकारी ने सीडीपीओ श्रेयस कुमार और डीपीआरओ धनंजय जायसवाल के साथ ही अन्य संबंधित अधिकारियों के प्रति कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि संक्रामक रोगों के नियंत्रण के लिए प्रदेश सरकार जागरूकता के विभिन्न कार्यक्रम संचालन के साथ ही खुले मन से धनराशि खर्च कर रही है। ज़मीनी स्तर पर कार्य न होना अत्यंत ही खेद का विषय है। उन्होंने कड़े शब्दों का प्रयोग करते हुए स्पष्ट किया कि सभी अधिकारी अपने अपने विभागीय दायित्वों के अनुरूप संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए निर्धारित कार्य को अंजाम दें।

    उन्होंने कहा कि झाड़ियों का कटान, साफ-सफाई, एंटी लारवा एक्टिविटी, जल निकासी, फॉगिंग, खराब हैंडपंपों की मरम्मत का कार्य प्राथमिकता से कराया जाए। बारिश से पहले ही जगह-जगह जलभराव की जानकारी मिलना अत्यंत ही चिंता का विषय है। उन्होंने ग्रामीण एवं निकाय क्षेत्रों में संक्रामक रोगों के नियंत्रण के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के साथ ही धरातल पर कार्य करने के निर्देश दिए। जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रेयस कुमार के प्रति कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि वह अपने सुपरवाइजर एवं मुख्य सेविकाओं को सक्रिय करें कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां आशा के साथ गांव गांव जाकर दस्तक अभियान को सफलतापूर्वक संचालित करें। यदि कहीं कोई व्यक्ति बीमार है तो उसके उसके बारे में जानकारी जुटाएं।संक्रामक रोग फैलने की स्थिति में तत्काल संबंधित को सूचना उपलब्ध कराई जाए। सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ग्राम प्रधानों के नंबर रखें और समय-समय पर संवाद स्थापित करें, ताकि ग्राम में संक्रामक रोग फैलने के साथ अन्य बीमारियों के संबंध में भी समय से जानकारी उपलब्ध हो सके। दस्तक अभियान को प्रभावी ढंग से चलाया जाए लोगों को संक्रामक रोगों के प्रति जागरूक किया जाए यही आशा आंगनवाड़ी एवं सही समय पर सूचना उपलब्ध नहीं कराते हैं तो सख्त कार्रवाई की जाए|


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