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डीएम से मार्गदर्शन प्राप्त कर छात्र-छात्राएं हुईं प्रफुल्लित, कहा आज हमें नई ऊर्जा प्राप्त हुई

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अलीगढ मीडिया डॉट कॉम, न्यूज़ ब्यूरो, अलीगढ़ 7अगस्त(सूवि) जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने रविवार को मालवीय पुस्तकालय का निरीक्षण किया। इस दौरान पुस्तकालय परिसर में संचालित सिविल सर्विसेज मार्गदर्शिका में प्रतियोगी छात्र छात्राओं से संवाद स्थापित कर परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के संबंध में आवश्यक टिप्स भी दिए। डीएम से मार्गदर्शन प्राप्त कर छात्र छात्राएं फुले नहीं समाए। विद्यार्थियों ने कहा कि जिलाधिकारी से मार्गदर्शन प्राप्त कर उन्हें नई ऊर्जा प्राप्त हुई है। विद्यार्थियों ने कहा कि जिला अधिकारी जी का सरल अंदाज एवं सहजता ने उनको खूब लुभाया।


    डीएम इन्द्र विक्रम सिंह ने प्रतियोगी छात्र छात्राओं को बताया कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है। निरंतर एकाग्रचित्त होकर अध्ययन करने से बड़ी से बड़ी परीक्षा में सफलता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि उचित मार्गदर्शन एवं सेल्फ स्टडी करने से भी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ज्ञानार्जन किया जा सकता है। आप सभी अपनी जरूरत के हिसाब से किताबें, नोट्स बना कर खुद का स्टडी मैटेरियल तैयार कर सकते हैं। मजबूत इच्छाशक्ति और दृढ़ विश्वास छात्र को सफलता हासिल करने में मदद दिलाता है। वर्तमान परिवेश में इंटरनेट के माध्यम से भी बहुत कुछ जानकारियां प्राप्त की जा सकती हैं। उन्होंने साफ किया कि आर्थिक कमजोरी पढ़ाई में कभी बाधा नहीं बनती है। अपने अंदर के विश्वास को बनाए रखें। आपका दृढ़ विश्वास एवं इच्छाशक्ति आपके लिए एक दिन अवश्य ही सफलता के दरवाजे खोलेगा।


       उन्होंने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि तैयारी के दौरान पाठ्यक्रम के साथ बीते सालों के प्रश्न पत्र अवश्य देख लें। इससे क्या पढ़ना है और किस स्तर की पढ़ाई करनी है इसकी जानकारी हो जाती है। सही मायने में कोचिंग के मार्गदर्शन के साथ खुद की मेहनत ज्यादा काम आती है, और यही सफलता का मार्ग प्रशस्त करती है। प्रतियोगी छात्रों को चाहिए कि वह अनुशासित होकर तैयारी करें। हर चीज का टाइम टेबल निर्धारित कर लें। आप जिस भाषा में सहजता महसूस करते हैं उसी भाषा में परीक्षा दें। बोलचाल की भाषा में परीक्षा देने से आप अपने विचारों एवं पूछे गए प्रश्नों को आसानी से लिख सकते हैं, सामने वाले को अच्छे से समझा सकते हैं। सदैव एकाग्रता के साथ पढ़ाई पर विशेष फोकस रखें। आज की इंटरनेट की दुनिया में शिक्षकों एवं किताबों को नजरअंदाज न करें। इंटरनेट को किताबों एवं शिक्षकों से जोडकर सदुपयोग करें। नित नए नए शब्दों को खोजें। जब आपके पास शब्दों को भण्डार होगा तो आपको जोडना, समझना और सामने वाले को समझाना भी बखूबी आ जायेगा। इस अवसर पर एडीएम राकेश कुमार पटेल, एडीएसटीओ राजवीर सिंह, रिंकू सहयोगी, सचिव मालवीय पुस्तकालय एच वी माथुर ने भी विद्यार्थियों को सफलता के मंत्र सिखाए।

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