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Breaking| श्रीगांधी आश्रम की बेसकीमती जमीन का 1हजार रुपये मासिक किराये पर हुआ पट्टा, चेयरमैन के बेटे लोरिक राज यादव को पट्टा, शिकायत

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चंचल वर्मा, मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ़: अलीगढ जनपद के हरदुआगंज स्थित क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम की बेसकीमती जमीन को गाँधी आश्रम के क्षेत्रीय मंत्री ने बसपा नेता और चेयरमैन तिलकराज यादव के बेटे लोरिक राज यादव को महज २ करोड़ दो लाख रुपये की धरोहर राशि पर मात्र एक हजार रुपये महीने के किराये पर २९ साल के किये पट्टे पर दे दिया है| महज एक हजार रुपये के मामूली किराये पर करोङो रुपये की जमीन और संपत्ति को चेयरमेन तिलकराज सिंह यादव  के बेटे को पट्टे पर देने पर पूर्व चेयरमैन राजेश यादव के ने सवाल उठाये है। उन्होंने जिलाधिकारी को इस बाबत एक शिकायती पात्र भेजा है| जिस पर शनिवार को एसडीएम कोल ने जमीन पर हो रहे निर्माण कार्य को रुकवाते हुए जांच शुरू कर दी है।


...चार वीघा में फैला गाँधी आश्रम की जमीन और दुकानों का किया मात्र एक हजार 

क्षेत्रिय श्री गांधी आश्रम बन्नादेवी के अधीन संचालित हरदुआगंज श्री गांधी-आश्रम की 3692.40 वर्गगज जमीन को संस्था के सचिव संतोष मिश्रा ने दो करोड़ दो लाख रूपये प्रतिभूति के रूप में जमा करते हुए महज एक हजार रुपये मासिक किराये पर हरदुआगंज चेयरमैन तिलकराज यादव के पुत्र लोरिक यादव को 29 साल के लिए पट्टे पर दिया है। महज १२ हजार रुपये वार्षिक किराये की दर से लीज (पट्टे पर) एक जुलाई 2022 से 30 जून 2051 रहेगी। 13 जुलाई 2022 को किए गए एग्रीमेंट के अनुसार पट्टाधारक को संबद्ध विभागों में अपनी प्रास्थिति दर्ज कराने, मनमुताबिक निर्माण कराने, किराये पर उठाने एवं संपत्ति को बंधक बनाकर बैंक से ऋण लेने तक के अधिकार दिए गए हैं।


... सार्वजनिक संपत्ति को कोडियो के भाव ठिकाने लगाने की बड़ी शाजिश 

शिकायतकर्ता पूर्व चेयरमैन राजेश यादव ने एग्रीमेंट रखी गई शर्तों को भूखंड की बिक्री करार देते हुए आपत्ति जताई है। राजेश यादव के मुताबिक रामघाट रोड किनारे स्थित इस सार्वजनिक संपत्ति के सरकार द्वारा 40000 रूपये प्रति वर्गमीटर सर्किल रेट नियत है। जिस हिसाब से भी ये भूखंड 12 करोड़ 34 लाख 88 हजार 800 रूपये का है, प्राइवेट स्तर पर  इसकी कीमत 30 करोड़ रुपये है।

वहीं एग्रीमेंट में पट्टादाता की मनमानी को इस कदर तवज्जो दी है कि यदि किन्हीं परिस्थितियों में पटटा निरस्त भी हो जाए तब भी पटटाग्रहीता बिना किसी किराये के तब तक इस भूखंड पर अधिकारी रहेगा जब तक कि क्षेत्रीय श्री गांधी-आश्रम प्रतिभूति राशि वापस न कर दे। श्री गांधी-आश्रम संस्था प्रतिभूति राशि वापस करने में असमर्थ हो तो पटटाग्रहीता को प्रतिभूति राशि का 24 प्रतिशत वार्षिक की दर से क्षति के रूप में अदा करने तक का प्रावधान किया गया है। सचिव संतोष मिश्रा द्वारा बैंक का कर्ज चुकाने के बहाने सार्वजनिक संपत्ति को एक तरह से बेच देने के आरोप लगाया गया है।


..एग्रीमेंट से पहले कैसे जमा हो गई धनराशि?

गाँधी आश्रम की बेशकीमती प्रॉपर्टी को खुर्द-बुर्द करने की शाजिश बहुत पहले से चल रही थी ऐसा प्रतीत हो रहा है| तहसील कॉल के रजिस्ट्रार कार्यालय में पजीकृत कराये गए पट्टा अभिलेख में लिए विवरण के अनुसार क्षेत्रिय मंत्री ने छह जुलाई को सदस्यों की आकस्मिक बैठक बुलाई और इस भूखंड के आंशिक भाग को 29 वर्ष के पटटे पर देना तय किया, जबकि पूरी धनराशि राशि 31 मार्च 2022 को ही ले ली गई थी।


...1200 रूपये माह किराये पर उठ एक रही दुकान

सम्मपति कितनी बेशकीमती है और इसे कितने मामूली दर कर किराये पर दिया गया है इसा बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसी आश्रम की जमीन पर रामघाट रोड पर बनी दर्जनों दुकाने १२०० रुपये प्रतिमाह प्रति दुकान के हिसाव से किराये पर चल रही है| राजेश यादव ने बताया कि इस भूखंड के बाहरी हिस्से में 11 दुकानें भी वर्तमान में संचालित हैं, जिनमें एक दुकान 1200 प्रतिमाह की दर किराये पर जिन्हें पटटा विलेख में जर्जर बताते हुए करीब चार बीघा के इस भूखंड को महज एक हजार रुपये माह किराये पर दिया गया है।



शिकायत पर जाँच करने पहुंचे एसडीएम कोल संजीव ओझा ने बताया कि स्थानीय लोगों द्वारा शिकायत की मौके पर जाकर जांच की गई है। अब संबंधित विभाग के अफसरों से दस्तावेज मांगे गए हैं सभी दस्तावेज मिलने पर दस्तावेजों की जांच के बाद ही कुछ कह सकते हैं। वहीं मामले पर जमीन को लीज पर लेने वाले लोरिक राज यादव के पिता तिलकराज यादव का कहना है कि जमीन पट्टा कराने से पूर्व सभी नियम शर्तों को पूरा किया गया है। एसडीएम की जांच के चलते निर्माण कार्य बंद कर दिया गया है। वही राजेश यादव का कहना है कि सोसायटी के भूखंड की 29 वर्ष की लीज में जो नियम तय किए गए है, उसपर गौर करें तो सार्वजनिक भूखंड की लीज में करोड़ों का भ्रष्टाचार कर लगभग बेच दिया है। इतनी महान संस्था को इस तरह खुर्दबुर्द नहीं होने देंगे।


...इतना था कर्ज, जिसे चुकाने के लिए हुआ खेल 

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की बारहद्वारी शाखा की ओर से क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम हरदुआगंज, रामघाट रोड की नीलामी शुरू की गई है। इस आश्रम का क्षेत्रफल 5580.24 वर्गमीटर है, जिसकी कीमत लगभग साढ़े दस करोड़ रुपये आंकी गई है, लेकिन बैंक ने इसको साढ़े नौ करोड़ रुपये माना है। नीलामी का कारण बैंक का 5 करोड़ 37 लाख 23 हजार 11 रुपये का बकाया है।


...ऐसे बढ़ाता गया कर्ज 

बैंक ने 1980 में आश्रम प्रबंधन को 3.80 करोड़ रुपये की लिमिट दी थी। इस कर्ज के बढ़ने और उसका ब्याज बढ़ते-बढ़ते अब ये 5 करोड़ 37 लाख 23 हजार 11 रुपये तक पहुंच गया है, जिसकी वसूली के लिए बैंक ने नीलामी शुरू कर दी है। इसके लिए आरक्षित मूल्य 9.50 करोड़ रखा गया है। अर्नेस्ट मनी 95.07 लाख है। नीलामी बोली 25 फरवरी तक लगाई जा सकेगी।


...कर्ज के बहाने संम्पति खुद बोर्ड करने की शाजिश 

क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम के मंत्री  ने बताया कि वह भरसक प्रयास करते रहे कि उनका कपड़ों का स्टाक बिक जाए। जैम पोर्टल पर पंजीयन भी कराया, लेकिन किसी सरकारी विभाग या एजेंसी ने खरीदारी नहीं की। इसकी वजह खादी वस्त्रों का महंगा होना भी है। 


..जमीन को बेच कर कर्ज अदा कराने की अनुमति मांगी थी

गौर हो कि क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम की अलीगढ़ में सात बेशकीमती जगह हैं, जिसमें बन्नादेवी आश्रम, हरदुआगंज आश्रम प्रथम, हरदुआगंज आश्रम द्वितीय, रेलवे रोड दुकान, गंगीरी, जवां, छर्रा अड्डा पुल के पास की दुकानें शामिल हैं। साथ ही इस आश्रम से जुड़ी प्रापर्टी मथुरा, हाथरस और लखनऊ में भी हैं। आश्रम प्रबंधन ने खादी ग्रामोद्योग आयोग मेरठ और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की बारहद्वारी शाखा से इस जमीन को बेच कर कर्ज अदा कराने की अनुमति मांगी थी, लेकिन मंजूरी नहीं मिली। 


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