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प्रथम आओ-प्रथम पाओ की नीति के अनुसार कृषकों को लाभान्वित किया जाये : डीएम

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अलीगढ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ़| जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में ‘‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ माइक्रो इरीगेशन योजना एवं प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के लिए चालू वित्तीय वर्ष की जिला कार्यकारिणी की बैठक का आयोजन नवीन कलैक्ट्रेट सभागार में किया गया। बैठक में जिला उद्यान अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि  ‘‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ माइक्रो इरीगेशन योजना में चालू वित्तीय वर्ष के अन्तर्गत जनपद को ड्रिप सिंचाई हेतु 705 हेक्टेयर और स्प्रिकलर सिंचाई की स्थापना हेतु 1421 हेक्टेयर कुल 2126 हेक्टेयर के भौतिक लक्ष्य प्राप्त हुए है। जिसकी पूर्ति के लिए ग्राम स्तर पर चौपाल कार्यक्रम एवं गोष्ठी व साहित्य के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। अभी तक कुल 205 कृषकों का पंजीकरण भी कराया जा चुका है। योजना के अन्तर्गत लघु एवं सीमान्त कृषकों को ड्रिप सिंचाई संयंत्र की स्थापना पर लागत का 90 प्रतिशत एवं दीर्घ सीमान्त (सामान्य श्रेणी के कृषकों को) 80 प्रतिशत अनुदान डीबीटी के माध्यम से देय है।


              जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिये गये कि पोर्टल पर जिन कृषकों द्वारा गत वर्ष पंजीकरण कराया गया था और किसी कारणवश वित्तीय वर्ष में कृषक लाभ प्राप्त नहीं कर सके, उनको शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर इस वर्ष लाभ दिया जाये और ऐसे सभी कृषकों को उनके दूरभाष पर सम्पर्क कर अवगत कराया जाए। ग्राम स्तर पर चौपाल कार्यक्रम में योजना के प्रसार-प्रचार के साथ साथ इच्छुक कृषकों से ऑनलाइन आवेदन पत्र प्राप्त किये जाऐं और उनका अभिलेखीकरण करते हुए प्रथम आओ-प्रथम पाओ की नीति के अनुसार कृषकों को लाभान्वित किया जाए। कृषकों का चयन पूर्ण पार्दर्शिता से सुनिश्चित किया जाए। पानी की कमी वाले विकास खण्ड इगलास एवं आंकाक्षात्मक विकास खण्ड गंगीरी में अधिक से अधिक संयंत्रों की स्थापना करायी जाए और इन विकास खण्डों में कृषकों को अधिक से अधिक प्रशिक्षण भी दिया जाए। साथ ही अपेक्षा की गई कि शाकभाजी, पुष्प, बगीचे एवं गन्ना फसलों में ड्रिप संयंत्र स्थापित कराया जाए।


              प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन (पी0एम0एफ0एम0ई0) के अन्तर्गत जिला उद्यान अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद को 309 सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन की स्थापना/उन्नयन हेतु भौतिक लक्ष्य प्राप्त हुए है। योजना के अन्तर्गत नवीन सूक्ष्म खाद्य उद्योग लगाने तथा पूर्व से संचालित उद्योग के उन्नयन हेतु कुल लागत का 35 प्रतिशत एवं रू0 1000000/- धनराशि अधिकतम अनुदान अनुमन्य है। इस योजना के अन्तर्गत बेकरी उद्योग, आटा चक्की उद्योग, स्प्रिलर उद्योग, दुग्ध उत्पाद उद्योग, मसाले उद्योग, दाल उद्योग, अचार, नमकीन उद्योग एवं अन्य खाद्य पदार्थ से सम्बन्धित सूक्ष्म उद्योग आदि सम्मिलित है। अभी तक जनपद अलीगढ में योजनान्तर्गत मात्र 46 आवेदन प्राप्त हुए है। जिनमें से 02 लाभार्थियों को बैंक से ऋण प्राप्त हुआ है और यथाशीघ्र अनुदान लाभार्थियों के बैंक खाते में स्थानान्तरित होने की प्रक्रिया में है। लीड बैंक मैनेजर अनिल कुमार सिंह द्वारा अवगत कराया गया कि निदेशक आरसेटी के माध्यम से सूक्ष्म खाद्य उद्योगों की स्थापना एवं उन्नयन के सम्बन्ध में उद्यमियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।


              जिला उद्यान अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि पीएमएफएमई योजना के संचालन के लिए जनपदीय रिर्सास पर्सन के लिए अनुभव प्राप्त ग्रेजुएट व्यक्तियों की आवश्यकता है। ऐसे इच्छुक व्यक्ति अपना विस्तृत आवेदन जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय में उपलब्ध करा दें। यह भी अवगत कराया गया कि जनपदीय रिर्सास पर्सन को प्रत्येक ऋण स्वीकृत उपरान्त रू0 10000/- धनराशि और अन्य रू0 10000/- धनराशि उद्यमी को अनुदान प्राप्ति के उपरान्त मानदेय के रूप में अनुमन्य है।


              जिलाधिकारी द्वारा लीड बैंक मैनेजर को निर्देश दिये गये कि प्रशिक्षण में प्रारम्भ से ही उद्यमियों को पीएमएफएमई योजना के सम्बन्ध में जिला उद्यान अधिकारी से सम्पर्क कर विस्तृत जानकारी दें और योजना से जोड़कर कृषकों को लाभान्वित करायें। इसके साथ ही जिला उद्यान अधिकारी को निर्देशित किया गया कि जनपद में संचालित सूक्ष्म खाद्य उद्योगों के लाभार्थियों की सम्बन्धित विभाग से सूची प्राप्त कर उनसे सम्पर्क करते हुए इकाई के उन्नयन हेतु उन्हें प्रोत्साहित करें और उत्पाद की बिक्री के सम्बन्ध में भी उद्यमियों का मार्ग दर्शन करें। बैठक में मुख्य रूप से उप कृषि निदेशक, प्रधानाचार्य खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केन्द्र आगरा, उप प्रभागीय वन अधिकारी, अपर जिला उद्योग अधिकारी, बीडीओ धनीपुर, निदेशक आरसीटी, सहायक अभियन्ता भूमि एवं जल संसाधन  एवं अन्य उपस्थित रहें।


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