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न्यूरोथेरेप्यूटिक्सः क्लिनिकल रिसर्च एंड मॉडर्न डेवलपमेंट पर जेएन मेडीकल कालिज में सीएमई का आयोजन

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अलीगढ मीडिया न्यूज़ ब्यूरो, अलीगढ़| अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के फार्माकोलॉजी विभाग ने न्यूरोथेरेप्यूटिक्सः क्लिनिकल रिसर्च एंड मॉडर्न डेवलपमेंट पर एक सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) का आयोजन किया गया जिसमें नैदानिक फार्माकोलॉजिस्ट, बाल रोग विशेषज्ञों, न्यूरोलॉजिस्ट और औषधीय वैज्ञानिकों ने स्वास्थ्य पेशेवरों को अपना ज्ञान और अनुभवों को साझा किया।


जेएनएमसी सभागार में उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए एएमयू कुलपति प्रो तारिक मंसूर ने कहा कि इस सीएमई में भागीदारी से चिकित्सा क्षेत्र की क्षमता को बेहतर बनाने और तंत्रिका संबंधी विकारों अल्जाइमर, डिमेंशिया, न्यूरोबायोलॉजी, न्यूरोपैथी आदि में जानकारी प्राप्त होगी।


कुलपति ने कहा कि आज की दुनिया में युवा पीढ़ी कई न्यूरोलॉजिकल और मानसिक विकारों का सामना कर रही है जो यह दर्शाता है कि तंत्रिका तंत्र के बुनियादी कार्यों के अध्ययन से लेकर न्यूरोलॉजिकल विकारों के उपचार और रोकथाम में सुधार तक गुणवत्ता तंत्रिका विज्ञान अनुसंधान की सख्त आवश्यकता है।


उन्होंने जोर देकर कहा कि जेएनएमसी में तंत्रिका संबंधी विकारों के इलाज के लिए एक समर्पित न्यूरोथेरेप्यूटिक यूनिट तथा अलग विभाग होना चाहिए।


सहकुलपति प्रो मुहम्मद गुलरेज़ ने कहा कि यह कार्यक्रम नए चिकित्सीय दृष्टिकोणों के लिए आशाजनक क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए क्षेत्र में विकास को प्रतिबिंबित करने का एक अवसर भी है।उन्होंने कहा कि आनुवांशिकी, बायोमार्कर विकास और दवा की खोज में उल्लेखनीय प्रगति ने नए चिकित्सीय दृष्टिकोणों को जन्म दिया है। न्यूरोपैथोलॉजिकल विकारों से पीड़ित लोगों के लिए नए और बेहतर उपचार खोजने की जरूरत है।


स्वागत भाषण देते हुए प्रो. राकेश भागर्व (डीन, फैकल्टी ऑफ मेडिसिन एंड प्रिंसिपल, जेएनएमसी) ने कहा कि चूंकि अधिक से अधिक न्यूरोलॉजिकल विकार विकलांगता की ओर ले जाते हैं, इसलिए यह जरूरी है कि स्वास्थ्य पेशेवरों को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जाए ताकि वे इलाज कर सकें।


डॉ. वसीम रिज़वी (आयोजन अध्यक्ष) ने कहा कि हमने इस सीएमई के माध्यम से न्यूरोथेरेप्यूटिक्स में नवीनतम शोध और विकास लाने के लिए अथक प्रयास किया है। यह आशा की जाती है कि प्रतिभागी इस अवसर का लाभ उठाकर चिकित्सा अनुसंधान के नवीनतम रुझानों पर उपयोगी चर्चा करेंगे।डॉ. जमील अहमद (आयोजन सचिव) ने कहा कि सीएमई में जाने-माने और अनुभवी विशेषज्ञों के भाषण होंगे।


इस अवसर पर डॉ. बुशरा हसन खान द्वारा संपादित स्मारिका का भी विमोचन किया गया। उद्घाटन समारोह का संचालन डॉ. विभू पांडेय ने की, जबकि डॉ. इरफान अहमद ने धन्यवाद ज्ञापन किया।


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जेएनएमसी इंटर्न अरहम ने इस्तांबुल अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में व्याख्यान दिया


अलीगढ़, 23 अगस्तः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के इंटर्न डॉ. अरहम खान ने 71वें इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ मेडिकल स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आईएफएमएसए) को संबोधित किया। इस्तांबुल, तुर्की में आयोजित आम सभा में भाग लेते हुए उन्होंने जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यापक जागरूकता की आवश्यकता पर बल दिया।


वह लोक स्वास्थ्य पर स्थायी समिति के दिशा-निर्देशों के अनुसार जन स्वास्थ्य सत्र के एक दल के सदस्य के रूप में बोल रहे थे। टीम के सदस्यों को दुनिया भर में सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों में से चुना गया था।


डॉ. अरहम ने स्वस्थ रहने के तरीकों, जलवायु परिवर्तन, पर्यावरणीय स्वास्थ्य, गैर-संचारी और संचारी रोगों, रोगाणुरोधी प्रतिरोध, समावेशी स्वास्थ्य सेवाओं और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर जन जागरूकता बढ़ाने के लिए काम किया है।


अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए डॉ. अरहम को बधाई देते हुए, प्रो. राकेश भार्गव (डीन, फैकल्टी ऑफ मेडिसिन और प्रिंसिपल, जेएनएमसी) ने कहा कि डॉ. अरहम की सफलता अन्य इंटर्न और मेडिकल छात्रों को प्रेरित करेगी।


डॉ. अरहम खान, आईएफएमएसए सर्टिफाइड पब्लिक हेल्थ ट्रेनर और एएमयू कोर्ट के पूर्व छात्र सदस्य रहे है।


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अर्थशास्त्र विभाग में स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रमों के लिए पुरस्कार वितरित किए गए


अलीगढ़, 23 अगस्तः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के तहत विभिन्न प्रतियोगिताओं के प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरण समारोह में 86 पुरस्कार वितरित किए गए।


हर घर झंडा कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय ध्वज निर्माण प्रतियोगिता और राष्ट्रीय ध्वज पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय ध्वज निर्माण में प्रथम पुरस्कार मुहम्मद तलहा ने, द्वितीय पुरस्कार दीपक पुण्डीर ने तथा तृतीय पुरस्कार अश्वल हुड्डा ने जीता।


राष्ट्रीय ध्वज प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार नूरुल अहद ने, द्वितीय पुरस्कार अश्वल हुड्डा ने तथा तृतीय पुरस्कार हिमांशु यादव ने जीता। इसके अलावा 28 छात्रों को प्रोत्साहन पुरस्कार दिए गए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मुहम्मद कैसर आलम और डॉ. शाहिना परवीन ने संयुक्त रूप से किया।


आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आयोजित ऑनलाइन प्रतियोगिताओं में निबंध लेखन, देशभक्ति गीत और लोक गीत, भाषण, पोस्टर बनाना और पेंटिंग प्रतियोगिताएं शामिल थीं। आजादी का अमृत महोत्सव के अलावा सतर्कता जागरूकता सप्ताह, मातृ भाषा दिवस, एकेएएम की पहली वर्षगांठ और विश्व पर्यावरण दिवस की थीम पर भी कार्यक्रम आयोजित किए गए। दीपक पुण्डीर और निदा खान को 14 ऑनलाइन प्रतियोगिताओं में सर्वाधिक पुरस्कार जीतने पर विशेष पुरस्कार प्रदान किए गए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शीरीन रईस ने किया।


अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. मुहम्मद अब्दुल सलाम ने इस अवसर पर कहा कि हमारे स्वतंत्रता उत्सव के 75 वर्ष यादगार और ऐतिहासिक पलों से भरे हुए हैं। उन्होंने हर घर तिरंगा अभियान की सराहना की।


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नर्सिंग कालिज की प्राचार्य प्रोफेसर फरहा आज़मी ईसी सदस्य नियुक्त


अलीगढ़, 23 अगस्तः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कालिज आफ नर्सिंग की प्रिन्सिपल प्रोफेसर फरहा आज़मी को वरिष्ठता के आधार पर तीन वर्ष के लिये या उनके प्रिन्सिपल बने रहने तक एक्जीक्यूटिव कौन्सिल का सदस्य नियुक्त किया गया है। उनका कार्यकाल गत 15 अगस्त से प्रभावी हो गया है।


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मिटट्ी की गुणवत्ता के प्रबंधन पर कृषि वैज्ञानिक प्रो. विस्वास का व्याख्यान


अलीगढ़, 23 अगस्तः प्रो. दीपक रंजन बिस्वास (प्रधान वैज्ञानिक, मृदा विज्ञान और कृषि रसायन विभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली) ने ‘फसल उत्पादन के लिए मिट्टी की सेहत के प्रबंधन’ पर बोलते हुए मिट्टी की सेहत को बहाल करने और फसलों की सेहतमन्द पैदावार के लिये जमीन में  कार्बन भंडारण को बहाल करने के लिए तरीके बयान किये।


इस व्याख्यान का आयोजन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान संकाय के अन्तर्गत कृषि शिक्षा केंद्र द्वारा बीएससी (ऑनर्स) कृषि छात्रों के लिए ग्रामीण कृषि अनुभव कार्यक्रम के अन्तर्गत किया गया।


प्रो. बिस्वास ने मिट्टी की गुणवत्ता पर जानकारी प्रदान की तथा वर्तमान स्थिति और स्थायी फसल उत्पादन के लिए इसके प्रावधान पर चर्चा की और छात्रों को मिट्टी की गुणवत्ता के बारे में किसानों के बीच जागरूकता पैदा करने का आह्वान किया।


कार्यक्रम समन्वयक प्रो. इकबाल अहमद ने स्वागत भाषण दिया और कार्यक्रम प्रभारी डॉ. मजहरुल हक अंसारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया

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