Header Ads Widget

Responsive Advertisement

बोटिक सर्जरी से हर्निया की समस्या होगी जड़ से खत्म, ..जानिए क्या है? एडवांस ट्रीटमेंट मेथड्स, रोबोटिक सर्जरी



अलीगढ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ़। मेडिकल साइंस में नए-नए आविष्कारों ने आज के दौर में बड़े से बड़े रोग का इलाज आसान बना दिया है. हर्निया की समस्या खत्म करने के लिए भी अब एडवांस तरीके अपनाए जा रहे हैं जिसमें मरीज को दर्द कम होने के साथ-साथ उनकी जल्दी रिकवरी भी होती है.  दिल्ली के मैक्स सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल पटपड़गंज ने उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ शहर में ओपीडी सेवा शुरू की है. इस ओपीडी सेवा का लाभ कुमार नर्सिंग होम में लिया जा सकेगा. हर महीने के पहले गुरुवार को अलीगढ़ के कुमार नर्सिंग होम में हर्निया के मरीज आ सकेंगे और यहां एक्सपर्ट डॉक्टर्स को दिखा सकेंगे. इस ओपीडी में स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स मरीज को हर्निया के बारे में समझाने के साथ-साथ इलाज के नए और सुरक्षित तरीकों की जानकारी भी देंगे. 


मैक्स अस्पताल पटपड़गंज में बैरिएट्रिक एंड रोबोटिक सर्जरी, मैक्स इंस्टिट्यूट ऑफ मिनिमल एक्सेस के हेड एंड असोसिएट डायरेक्टर डॉ. विवेक बिंदल की मौजूदगी में अलीगढ़ में इस ओपीडी सेवा को लॉन्च किया गया. डॉ. विवेक खुद हर महीने अलीगढ़ जाकर मरीजों को देखेंगे. साथ ही मिनिमल इनवेसिव सर्जरी के माध्यम से हर्निया के इलाज और जल्दी होने वाली रिकवरी के बारे में भी बताया.ओपीडी लॉन्च के अवसर पर मैक्स अस्पताल पटपड़गंज में बैरिएट्रिक एंड रोबोटिक सर्जरी, मैक्स इंस्टिट्यूट ऑफ मिनिमल एक्सेस के हेड एंड असोसिएट डायरेक्टर डॉ. विवेक बिंदल ने कहा, ''आज के दौर में हर्निया के इलाज का सबसे बेहतर तरीका रोबोटिक सर्जरी है. हर्निया एक सामान्य समस्या है लेकिन पारंपरिक सर्जरी या लैप्रोस्पोकिप के बाद भी ये पूरी तरह खत्म नहीं होती. जबकि रोबोटिक सर्जरी में, हर्निया को पूरी तरह हटा दिया जाता है और इसमें आंतों या दूसरे अंग टच तक नहीं होते. रोबोटिक सर्जरी का फायदा ये होता है कि पेशंट को दर्द कम होता है, घबराहट नहीं होती, खून भी बहुत कम बहता है और सबसे अहम बात ये कि रिकवरी फुल स्पीड में होती है. एक बार से ज्यादा होने वाले हर्निया के ट्रीटमेंट में भी रोबोटिक सर्जरी का रिजल्ट बहुत शानदार है, क्योंकि इसमें 3डी विजन के साथ हाथ की कलाई की तरह सर्जरी के उपकरण को हर दिशा में घुमाकर हर्निया को पूरी तरह खत्म कर दिया जाता है.''


अगर किसी को हर्निया के साथ-साथ मोटापे की समस्या भी हो तो उनके लिए सबसे जरूरी ये है कि पहले बैरिएट्रिक सर्जरी से अपना वजन कम करें और हर्निया का इलाज कराएं. क्योंकि ज्यादा वजन होने के कारण हर्निया के फिर से होने के चांस रहते हैं. डॉ. विवेक बिंदल ने इस बारे में बताया, ''मोटापा, प्रेंग्नेंसी, ज्यादा वजन उठाना, क्रोनिक खांसी, कब्ज, जोर लगाकर पेशाब करना, ये वो कारण हैं जो आंतों को एब्डोमिनल वॉल की तरफ खिसकाते हैं. कई बार ऐसा होता है कि शरीर के किसी कमजोर हिस्से से ये आंतें बाहर निकल जाती हैं और वो लम्प बन जाती हैं यानी गांठ का रूप ले लेती हैं. यही लम्प हर्निया कहलाता है. प्राइमरी और इनसीज़नल, दोनों ही प्रकार के हर्निया की समस्या मोटापे वाले लोगों को ज्यादा होती है. अगर किसी का बीएमआई 40 से ज्यादा हो तो उन्हें पहले वजन घटाने की आवश्यकता है. ऐसे लोग वजन घटाकर ही हर्निया का इलाज कराएं. हर्निया में वजनी चीज उठाने, खांसने और टॉयलेट में पेट साफ करने के लिए ज़ोर लगाने पर दर्द महसूस होता है.''


हर्निया महिला, पुरुष या बच्चों में से किसी को भी हो सकता है. कुछ हर्निया बचपन में ही हो जाते हैं जबकि कुछ बाद में बनते हैं. ये प्राइमरी हर्निया कहलाते हैं. ये हर्निया आमतौर पर पेट और जांघ के बीच के हिस्से में निकलते हैं, जिन्हें इनजाइनल हर्निया भी कहते हैं. कुछ हर्निया नाभि पर होते हैं. जो हर्निया पिछले किए गए ऑपरेशन की जगह फिर से हो जाते हैं वो इनसीज़नल हर्निया कहलाते हैं. हर्निया में दर्द बहुद तेज और तुरंत भी हो सकता है या फिर हल्का दर्द भी धीरे-धीरे गंभीर हो जाता है. हर्निया में लगातार और अधिक दर्द, रेडनेस और सॉफ्टेनस से पता चलता है कि आंत जकड़ी हुई है. ये लक्षण चिंताजनक होते हैं, इसलिए ऐसी स्थिति में तुरंत फिजिशियन या सर्जन को दिखाने की जरूरत है.''

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ