चंचल वर्मा, अलीगढ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ/इगलास| सूबे की सरकार स्कूल चलो अभियान के तहत हर बच्चे को स्कूल भेजने के लिए जागरूकता फ़ैलाने के लिए स्कूल चलो अभियान चला रही है| लेकिन अलीगढ के इगलास ब्लॉक के किशन पुर गांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में छात्रों को एडमिशन नहीं दिया जा रहा है. मजबूरन बच्चे घर पर ही बैठने को मजबूर है| हालाँकि अलीगढ मीडिया की टीम ने जब स्कूल के प्रधानाचार्य से इस मामले में बात की तो उन्होंने चौकाने वाली बात बताई, उनका कहना है की बच्चों का एडमिशन स्कूल में पहले से ही है बच्चो के माता-पिता को इसकी जानकारी नहीं है|
असल में इगलास तहसील से महज तीन किमी दूरी पर बेस ग्राम पंचायत ब्योही गांव में कोई सरकारी स्कूल नहीं है| गांव के बच्चे पांचवी तक पढ़ाने के लिए पड़ोस के गांव के प्राथमिक स्कूल में जाते है| इस गांव के पास ही किशनपुर गांव में पूर्व माध्यमिक विद्यालय है जिसमे छटवी के बाद आठवीं तक की पढ़ाई बच्चे करते है| ब्योही गांव के रहने वाले तीन बच्चे शीतल, समीर और उनकी बहिन समरीन ने पिछले साल पांचवी की परीक्षा प्राथमिक विद्यालय से पास कर ली| उन्होंने छठवीं क्लास में एडमिशन के लिए पूर्व माध्यमिक विद्यालय किशनपुर में संपर्क किया| लेकिन स्कूल के शिक्षक राजवीर ने उन्हें एडमिशन नहीं दिया| मज़बूरन बच्चे घर पर ही बैठने को बेबस है| बच्चो और उनके माता-पिता ने बताया कि उन्हें पढ़ाने की इच्छा है लेकिन एडमिशन नहीं होने के कारण बच्चो को स्कूल नहीं भेज पा रहे है| वही टीचर राजवीर का कहना है कि बच्चो का स्कूल में पहले से ही एडमिशन है लेकिन उनके माता-पिता को पता नहीं है| बरहाल पूरे मामले की जांच हुयी तो सच्चाई सामने आ जाएगी|