अलीगढ़ मीडिया डॉट कॉम न्यूज ब्यूरो, अलीगढ, 8 सितंबर। बिजली विभाग द्वारा बिल जमा होने के बावजूद कनैक्शन काटे जाने से परेशान उपभोक्ताओं और किसानों का एक समूह जिलाधिकारी से मिला। क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेताद्वय गजेन्द्र चौधरी एवं सुरेशचन्द्र गांधी के नेतृत्व में जिलाधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया कि किसानों ने बिल जमा कर दिया है। जमा बिल की रसीदें उनके पास है। लेकिन विभाग उन रसीदों को फर्जी बताकर दोबारा बिल वसूल रहा है।
संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े संगठनों के विरोध करने पर विभाग ने कार्यवाही के नाम पर क्लर्क अजय कुमार को बर्खास्त कर दिया। लेकिन अभी घोटाले के मुख्य आरोपी बचे हैं और वे लगातार जांच को प्रभावित कर रहे हैं। ज्ञापन के जरिए दोषी अधिकारियों को जांच से हटाने की मांग की।
पिछले दिनों विभाग के स्थानीय अधिकारी के हवाले से अखबारों में छपी खबरों में भी झूठ परोसा गया। एम डी के आदेश पर जांच रिपोर्ट को विभाग पिछले एक साल से दबाए बैठा है, उस पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही। जिलाधिकारी ने किसान नेताओं को अधीक्षण अभियंता तृतीय पी के सागर द्वारा भेजी गई रिपोर्ट पर किसान नेताओं से चर्चा की। जिस पर किसान नेताओं ने आपत्ति दर्ज की।
जिलाधिकारी कार्यालय से किसान नेताओं के साथ पीड़ित किसान मुख्य अधीक्षण कार्यालय पहुँचे। इस मौके पर संयुक्त किसान मोर्चा के मीडिया प्रभारी शशिकांत भी मौजूद रहे। उन्होंने मुख्य अधीक्षण अभियंता वेदप्रकाश के समक्ष जांच पर आपत्ति दर्ज की। किसान नेताओं का आरोप था। विभाग जांच के नाम पर लीपापोती कर रहा है, दोषी अधिकारियों को बचाने में जुटा है। इतना ही नहीं बार- बार कनैक्शन काटकर पीड़ित उपभोक्ताओं पर दोबारा बिल जमा कराने का दबाब बना रहा है। भीषण गर्मी और सूखे के समय बिना बिजली के मजबूरन सैकड़ों उपभोक्ताओं ने दोबारा बिल जमा करा दिया।
पिछले दिनों अखबारों के हवाले से विभाग ने झूठ फैलाया कि दोषी क्लर्क को बर्खास्त कर 83 लाख वसूली की गई। जबकि यह रकम पीड़ित उपभोक्ताओं के कनैक्शन काटकर दबाब देकर जमा कराये गए हैं।
मुख्य अधीक्षण अभियंता ने किसान नेताओं को आश्वासन दिया कि पीड़ित उपभोक्ताओं के मामले के सुलझने तक कनैक्शन नहीं काटे जाएंगें। साथ ही सभी काटे गए कनैक्शनों को जोड़ने की बात कही।
मोर्चा के मीडिया प्रभारी शशिकान्त ने बताया कि आगामी 13 सितंबर को लखनऊ में मोर्चा की बैठक में अलीगढ़ के बिजली बिल घोटाले पर चर्चा होगी। साथ मुख्यमंत्री सहित तमाम उच्च अधिकारियों के साथ समस्या समाधान के लिए किसानों की वार्ता होगी।