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अलीगढ| जेएन मेडिकल कॉलेज में बेसिक कार्डियो पल्मोनरी लाइफ सपोर्ट कोर्स आयोजित

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अलीगढ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ| अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की मेडीकल एजूकेशन यूनिट ने इंडियन रिससिटेशन कौन्सिल फेडरेशन (आईआरसीएफ) प्रमाणित बेसिक कार्डियोपल्मोनरी लाइफ सपोर्ट कोर्स (बीसीएलएस) का आयोजन किया जिसमें जिसमें विशेषज्ञों ने अचानक दिल का दौरा पड़ने पर लोगों की जिन्दगी बचाने के लिये सीपीआर और टीम की गतिशीलता की जानकारी प्रदान की।समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेते हुए प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. हमीदा तारिक ने कहा कि इंडियन सोसाइटी ऑफ एनेस्थिसियोलॉजिस्ट द्वारा शुरू किया गया कार्डियोपल्मोनरी लाइफ सपोर्ट कोर्स प्रतिभागियों को पुनर्जीवन में सटीक और वैज्ञानिक प्रशिक्षण प्रदान करता है।


उन्होंने कहा कि यह पाठ्यक्रम बुनियादी कार्डियोपल्मोनरी जीवन समर्थन पर अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय साहित्य में साक्ष्य के अनुरूप है।


प्रो. राकेश भार्गव (डीन, फैकल्टी ऑफ मेडिसिन और प्रिंसिपल, जेएनएमसी) ने कहा कि अचानक हृदय का दौरा पड़ने से होने वाली मृत्यु को रोकने के लिए जीवन रक्षक चिकित्सा प्रक्रियाएं आवश्यक हैं। स्वास्थ्य टीम द्वारा सफल ऑन-सीन कार्डियोपल्मोनरी पुनर्जीवन मृत्यु दर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।


प्रो. सीमा हकीम (समन्वयक, चिकित्सा शिक्षा इकाई) ने कहा कि सफल कार्डियोपल्मोनरी पुनर्जीवन के लिए केवल सैद्धांतिक शिक्षा ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि व्यावहारिक ज्ञान और तकनीकी कौशल में भी सुधार किया जाना चाहिए। उन्होंने कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन विधियों में स्वास्थ्य स्टाफ सदस्यों के लिए कौशल अधिग्रहण पर जोर दिया और कहा कि उचित प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए जेएनएमसी के आरआरटी सेंटर और स्किल लैब आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं।


कोर्स कोऑर्डिनेटर प्रोफेसर एस. मोईद अहमद (डिपार्टमेंट ऑफ एनेस्थिसियोलॉजी एंड क्रिटिकल केयर) ने कोर्स की प्रकृति के बारे में बताया और कहा कि कैसे इसमें कार्डिएक अरेस्ट की पहचान करना, स्टैंडर्ड सीपीआर करना और मरीज को उच्च सुविधाओं में स्थानांतरित करना शामिल है। अन्य संबंधित मामलों में प्रशिक्षण दिया जाता है।


प्रो. शाहिद अली सिद्दीकी ने कहा कि बुनियादी जीवन समर्थन में रक्त को बहाल करना और कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन के माध्यम से सांस लेना शामिल है जब तक कि रोगी को उन्नत जीवन रक्षक चिकित्सा सहायता प्राप्त नहीं हो जाती। जल्दी और सटीक कार्डियोपल्मोनरी पुनर्जीवन प्राप्त करने वाले पीड़ितों में बेहतर ऑक्सीजनेशन होता है और उन्नत तकनीकों के लिए बेहतर प्रतिक्रिया देने की अधिक संभावना होती है। इससे उनके बचने की संभावना बढ़ जाती है।


पाठ्यक्रम के मुख्य प्रशिक्षक डॉ. राकेश गर्ग (अतिरिक्त प्रोफेसर, एम्स, नई दिल्ली) ने सीपीआर के बारे में व्यापक जागरूकता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय आपातकालीन जीवन समर्थन (एनईएलएस) पाठ्यक्रम के बारे में भी बात की।


प्रो. काज़ी एहसान अली, प्रो. हम्माद उस्मानी और डॉ. अबू नदीम ने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए जीवन रक्षक तकनीकों में अधिक प्रशिक्षण और विशेषज्ञता की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. शहना अली (आयोजन सचिव) और डॉ. मनाजिर अतहर (सहायक आयोजन सचिव) ने कार्यक्रम का संचालन किया। प्रो. एस. मोईद अहमद, डॉ. राकेश गर्ग, डॉ. ओबैद ए. सिद्दीकी और डॉ. फराह नसरीन के साथ प्रशिक्षकों की टीम में शामिल थे।


उक्त छह घंटे के पाठ्यक्रम के लिए कुल 36 संकाय सदस्यों और प्रशिक्षुओं ने पंजीकरण कराया था, जिसमें महत्वपूर्ण व्याख्यान और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया।


पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद प्रतिभागियों ने लिखित परीक्षा और प्रायोगिक परीक्षा में भाग लिया जिसमें सभी ने 75 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए।


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प्रोफेसर सलमान हमीद बीई ईवनिंग के समन्वयक नियुक्त


अलीगढ़, 1 सितंबररू अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर सलमान हमीद को दो साल की अवधि के लिए विश्वविद्यालय के बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (बीई) ईवनिंग के पाठ्यक्रमों का समन्वयक नियुक्त किया गया है।


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छात्राओं के लिए शार्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स


अलीगढ़, 1 सितंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड करियर प्लानिंग ने 1 सितंबर से शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स में हाई स्कूल पास लड़कियों के प्रवेश शुरू कर दिए हैं।


सेंटर की निदेशक प्रोफेसर नईमा खातून ने कहा कि कंप्यूटर टाइपिंग (हिंदी और अंग्रेजी), वर्ड प्रोसेसिंग, टेली, वेब डिजाइनिंग एंड पब्लिशिंग, इलेक्ट्रॉनिक डाटा प्रोसेसिंग, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग (पायथन), गारमेंट मेकिंग, फैशन इलस्ट्रेशन एंड स्केचिंग, इंटीरियर डेकोरेशन, ब्यूटी कल्चर (त्वचा की देखभाल, बालों की देखभाल और उन्नत पाठ्यक्रम), अंग्रेजी वार्तालाप में व्यावसायिक कला और प्रवीणता पाठ्यक्रम 1 अक्टूबर से शुरू होंगे।


प्रवेश फॉर्म सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड करियर प्लानिंग के कार्यालय से कार्यालय समय सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक प्राप्त किए जा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए विश्वविद्यालय की वेबसाइट amu.ac.in से हासिल की जा सकती है।


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