Header Ads Widget

Responsive Advertisement

लखनऊ| 26नवंबर को राजभवन के सामने प्रदर्शन करेंगे किसान, राज्य को सूखाग्रस्त घोषित करने की होगी मांग



अलीगढ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ़/लखनऊ, 13 सितंबर। गांधी भवन में संपन्न संयुक्त किसान मोर्चा की राज्य इकाई की बैठक में किसान संगठनों ने एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर 26 नवंबर को राजभवन के सामने प्रदर्शन करने की घोषणा की। दिल्ली मोर्चे की शुरूआती दिन 26 नवंबर 2020 को याद करते हुए देश भर की सभी राजधानियों में राजभवन के सामने किसान विरोध प्रदर्शन करेंगें। 4 सितंबर की राष्ट्रीय बैठक में तय इस कार्यक्रम को यूपी में भी किसान पूरी ताकत से लागू करेगा। 

    बैठक में शामिल 45 से अधिक संगठनों के नेताओं एवं प्रतिनिधियों ने क्षेत्रवार जिम्मेदारियां तय कर 26 नवंबर को एक बड़ी संख्या में किसानों की लखनऊ राजभवन के सामने प्रदर्शन में भागीदारी तय की। हालांकि 26 नवंबर के इस बड़े ऐलान से पहले 3 अक्टूबर को राज्य भर में लखीमपुर के शहीद किसानों एवं पत्रकार को श्रद्धांजलि दी जाएगी। साथ ही लखीमपुर की घटना के साजिशकर्ता केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी, शहीद एवं घायल किसानों के परिवारीजनों को मुआवजा,  जेल में बंद बेगुनाह किसानों की बिना शर्त रिहाई की मांग को लेकर केन्द्र सरकार के रवैये के विरोध में प्रदर्शन होगा। किसान देश भर में केन्द्र सरकार की अर्थी निकालने और पुतला फूँकने की व्यापक कार्यवाही करेंगे। 

   एक साल पहले 3 अक्टूबर को ही मंत्रीपुत्र आशीष टैनी और उसके साथियों ने चार किसानों और एक पत्रकार को प्रदर्शन से लौटते वक्त इरादतन थार गाड़ी से रौंद दिया था। किसानों में इस बात को लेकर नाराजगी है, कि तमाम विरोध के बावजूद अजय मिश्र टैनी केन्द्र सरकार में मंत्री बना हुआ है। पिछले महीने ही 18 अगस्त से 21 अगस्त के बीच 75 घंटे के लखीमपुर महापड़ाव में देश भर के चालीस हजार से अधिक किसान इस घटना पर केन्द्र सरकार के रवैये के खिलाफ आक्रोश जाहिर कर चुके हैं। 

    बैठक के दौरान राज्य में किसानों की समस्याओं एवं मुख्य मांगों पर भी चर्चा हुई। राज्य को सूखाग्रस्त घोषित कर प्रभावित किसानों को फसल बीमा के लाभ के साथ आर्थिक मदद, सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने के चुनावी वायदे को पूरा करने, घरेलू उपयोग के लिए 300 यूनिट मुफ्त बिजली जैसी मांगों पर जनान्दोलन को मजबूत करने पर जोर दिया गया।  साथ ही राज्य के किसानों की मांगों को सूचीबद्ध करने के उद्देश्य से डिमांड चार्टर बनाए जाने का निर्णय लिया। 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ