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चौदह हजार से अधिक बेटियों को मिल चुका है कन्या सुमंगला योजना का लाभ

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• गरीब निर्धन परिवार हेतु बालिकाओं की पढ़ाई का रास्ता हुआ आसान

• बालिकाओं के लिए मददगार साबित हो रही योजना : जिला प्रोबेशन अधिकारी

अलीगढ़ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ़, 06 अक्टूबर 2022। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को सफल बनाने में कन्या सुमंगला योजना अहम भूमिका निभा रही है इसके दायरे में आने वाली बच्ची शिक्षित हो, इस बात को यह योजना सुनिश्चित कर रही है। जनपद में बहुत से ऐसे परिवार हैं, जो कन्या के जन्म के साथ उन पर होने वाले खर्च की अधिक चिंता करते हैं। कन्या के लिए शिक्षा, भरण पोषण पर पैसा कम खर्च करते हैं। इन सब को दृष्टिगत रखते हुए जिले में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों व जिनकी एक से ज्यादा बेटियाँ हैं, उन परिवार को कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। यह जिला प्रोबेशन अधिकारी स्मिता सिंह का।


जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि बेटियों को स्वस्थ्य, शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार की ओर से कुछ वर्ष पहले शुरू हुई कन्या सुमंगला योजना के तहत लाभ मिलना शुरू हो गया है। योजना का लाभ पाने के लिए 17,523 जरूरतमंदों ने आवेदन किया है। जिसमें से 16,800 आवेदन सत्यापित हुए हैं। जिसमें अब तक कन्या सुमंगला योजना से 14,621 बेटियों को लाभांवित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि योजना के तहत एक व्यक्ति की अधिकतम दो बेटियों को ही लाभ दिया जा रहा है। दूसरे प्रसव में जुड़वा बेटियां होने पर पहली के साथ तीनों को लाभ मिल सकेगा।


कन्या सुमंगला का लाभ लेने वाले लाभार्थी राकेश कुमार निवासी अलीगढ़ के रहने वाले है, उन्होंने बताया कि उनकी दो बेटीयां है उन्हें महिला कल्याण विभाग के गौरव चंदेल द्वारा इस योजना की जानकारी मिली थी। उनके द्वारा ही आवेदन जमा किया। 


राकेश कुमार ने बताया कि उनकी बेटी जानवी को कन्या सुमंगला योजना के तहत अब तक तीन किस्तों के रूप में उनके बैंक खाते में उन्हें धनराशि राशि प्राप्त हो चुकी है। उनका कहना है कि दूसरी बेटी के लिए भी इस योजना तहत उन्होंने आवेदन कर लिया है।

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कन्या सुमंगला योजना में छः चरणों में दी जाती है प्रोत्साहन धनराशि:

योजना के तहत छह चरणों में पात्रों को प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। पहले चरण में बेटी के पैदा होने पर दो हजार, दूसरे चरण में टीकाकरण होने पर एक हजार, तीसरे चरण में कक्षा एक में प्रवेश पर दो हजार, कक्षा छह में प्रवेश पर दो हजार, पांचवें चरण में कक्षा नौ में प्रवेश लेने पर तीन हजार और अंतिम व छठवें चरण में इंटर में दाखिले पर पांच हजार रुपये सरकार की ओर से दिए जा रहे हैं।


बाल सेवा योजना का मिल रहा लाभ :

जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि जनपद में सरकार की ओर से कोरोना से प्रभावित बच्चों को भी आर्थिक सहायता दी गई है। ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता या दोनों में से किसी एक की भी मृत्यु कोविड से हुई है और जिस बच्चे की उम्र 18 वर्ष से कम है, ऐसे 300 बच्चों को बाल सेवा योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता के लिए 4000 रुपए की धनराशि प्रतिमाह दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चे जो जिनके माता-पिता की मृत्यु या दोनों में से किसी एक की भी मृत्यु अगर मार्च 2020 के बाद कोविड के अलावा  अन्य बीमारी से ग्रसित मृत्यु हुई है, तो ऐसे 200 बच्चों को बाल सेवा योजना (सामान्य) के अंतर्गत 2500 रूपए प्रति माह की दर से आर्थिक सहायता दी जा रही है। उनका कहना है कि जनपद में प्रधानमंत्री द्वारा पीएम केयर फंड से ऐसे 13 बच्चे हैं, जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु कोविड से हुई है। उन्हें 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है।

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