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देखिए, हरदुआगंज थाना प्रभारी बने बैठे है रामवकील, बोर्ड देख दुविधा में फरियादी लेकिन SHO बेपरवाह! पढ़िए पूरा मामला..!

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गजेंद्र कुमार,अलीगढ़ मीडिया डॉट कॉम,हरदुआगंज। थाने में फरियाद लेकर आने वाले लोग इस बात को लेकर परेशान हो जाते है को यहां प्रभारी कौन है? उनकी दुविधा का कारण थाने में लगा सूचना बोर्ड है। जिसपर अगस्त 2021 में तबादला होने के बाद भी आज तक थाना प्रभारी के रूप में रामवकील सिंह का नाम दर्ज है। इतना ही नहीं एक से डेढ़ साल पहले ट्रांसफर हुए दारोगा भी आज तक इस बोर्ड पर धमक बनाए हुए हैं। 

थाने में फरियादियों को भटकना न पड़े इसके लिए बीते साल एसएसपी ने हल्का इंचार्जों तक को सीयूजी नबंर उपलब्ध कराते हुए थाने में प्रभारी से लेकर हल्का इंचार्ज व बीट इंचार्ज सिपाही तक के नाम व नंबर अंकित कर सूचना बोर्ड लगाने के निर्देश दिए थे। हरदुआगंज थाने में गेट के ठीक सामने ये सूचना बोर्ड लगाया गया उस समय थाना प्रभारी रामवकील सिंह थे, जिनका 29 अगस्त 2021 को तबादला हो गया था। उसके बाद करीब एक वर्ष राजेश कुमार प्रभारी रहे। अब 22 अगस्त 22 को इंस्पेक्टर ब्रजपाल सिंह ने चार्ज संभाल लिया था। मगर इस बोर्ड की सुध किसी ने नहीं ली। 

तबादले के बाद भी दारोगाओं की धमक 

थाने के सूचना बोर्ड पर थाना प्रभारी निरीक्षक रामवकील सिंह ही नहीं, पांच चौकियों पर तैनात रहे तत्कालीन दारोगा भी धमक बनाए हुए हैं जिनमें  कस्बा हरदुआगंज चौकी इंचार्ज के रूप में दरोगा सुरेंद्र सिंह, मनीष कुमार, सोहनपाल वर्मा व महिला दरोगा रेनू सिंह का नाम दर्ज है, इस चारों का तबादला हुए एक वर्ष से भी ज्यादा का समय बीत गया। 

चौकी तालानगरी इंचार्ज के रूप में दरोगा हरेंद्र सिंह का नाम लिखा है जबकि हरेंद्र को तबादला पाए छह माह से अधिक समय हो गया। यहां बीत कांस्टेबल भी जा चुके हैं। सूचना पट के अनुसार चौकी बुढासी के इंचार्ज आज भी कर्मवीर सिंह व सुशील कुमार हैं जिनका चार माह पहले तबादला हो गया। 

 साधुआश्रम चौकी इंचार्ज के रूप में दरोगा रमेश चंद्र व जसवंत सिंह दर्ज हैं। जिनमें जसवंत सिंह का तबादला हुए समय हो गया, रमेश चंद्र आज भी थाने में हैं जो इस चौकी का प्रभार नहीं संभाल रहे। चौकी जलाली  इंचार्ज के रूप में सतेंद्र सिंह का नाम दर्ज है, जिनका तबादला हुए डेढ़ वर्ष से अधिक समय बीत गया। यहां के अधिकतर कॉन्स्टेबल भी बदल गए हैं। ऐसे में थाने फरियाद लेकर आते फरियादियों की नजर सबसे पहले इस बोर्ड पर ही पड़ती है। नाम पड़कर फरियादी असमंजस में पड़े रहते हैं। सहूलियत के लिए लगाया गया बोर्ड परेशानी का सबब बना है।

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