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AligarhNews| बाल श्रम एक कानूनन अपराध, कड़ाई से कराएं अनुपालन: डा० देवेन्द्र

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*राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने अलाना व अलदुआ मीट फैक्ट्री का किया निरीक्षण*

*अलाना में कम उम्र के वर्कर के प्रपत्रों का सत्यापन समेत मेडिकल कराने के दिये निर्देश*

अलीगढ़ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ़ 26 नवम्बर 2022(सू0वि0)। उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा द्वारा अपने जनपद भ्रमण के दौरान अलाना एवं अलदुआ मीट फैक्ट्री का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान मा0 अध्यक्ष सर्वप्रथम अलाना मीट फैक्ट्री पहुॅचे। इस दौरान उन्होंने फैक्ट्री में सुरक्षा एवं फायर सेफ्टी प्रबन्ध, वर्कशॉप, पैकिंग व प्रोसेसिंग यूनिट का बारीकी से अवलोकन कर फैक्ट्री प्रबधंन को आवश्यक दिशा दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने फैक्ट्री में कार्यरत तीन कम उम्र के मजदूरों की उम्र सत्यापन के लिये सभी आवश्यक प्रपत्रों सहित बाल संरक्षण समिति के समक्ष प्रस्तुत होने के निर्देश दिये। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि प्रपत्रों व अभिलेखों के माध्यम से फैक्ट्री वर्कर की उम्र सत्यापित नहीं होती है तो उनका मेडिकल परीक्षण भी कराया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि मेडिकल परीक्षण के उपरान्त दोषी पाये जाने पर सम्बन्धित के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराते हुए कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। 

अलदुआ मीट फैक्ट्री निरीक्षण दौरान उन्होंने विगत दिनों हुए गैस लीक हादसे के दृष्टिगत सुरक्षा प्रबन्धों का गहनता से अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि बाल अधिकार संरक्षण आयोग बच्चों के स्वाथ्य एवं अधिकारों के प्रति संवेदनशील है। उन्होंने श्रम विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि मीट फैक्ट्रियों समेत जनपद में कहीं भी बाल श्रम न होने दिया जाए। यह उम्र बच्चों के पढ़ने-लिखने की होती है। बाल श्रम एक कानूनन अपराध है, दोषियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराते हुए कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाए। निरीक्षण के दौरान जिला प्रोबेशन अधिकारी स्मिता सिंह, श्रम अधिकारी हिमांशु अग्रवाल उपस्थित रहे। 


*मा0 अध्यक्ष राज्य बाल संरक्षण आयोग ने सर्किट हाउस में की समीक्षा*

*बाल विवाह एवं भिक्षावृत्ति पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए*

*’’एक युद्ध-नशे के विरुद्ध’’ अभियान को प्रभावी ढ़ंग से लागू किया जाए*

अलीगढ़ 26 नवम्बर 2022(सू0वि0) उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के मा0 अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा ने सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ बैठक कर ’’एक युद्ध-नशे के विरुद्ध’’ संचालित अभियान की प्रगति के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि नशा छोटे-छोटे बच्चों के चेहरे की मुस्कान को समाप्त कर रहा है। जाने अनजाने में किया जा रहा नशा बच्चों का भविष्य खराब करने के साथ ही आगे चलकर क्राइम को भी बढ़ावा देने का कार्य कर रहा है। हम सभी को चाहिए कि टीम भावना के साथ कार्य करते हुए नशे के कारोबार का समूल खात्मा कराएं। उन्होंने कहा कि विद्यालयों के आसपास धूम्रपान की दुकानें ना लगें। कुप्रथा बाल विवाह एवं भिक्षावृत्ति पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए। उन्होंने विद्यालयों में प्रहरी क्लब बनाकर नशे के बारे में जनजागृति लाए जाने के भी निर्देश दिए।

     उन्होंने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी बच्चों एवं महिलाओं के भविष्य के प्रति काफी संवेदनशील हैं। कोरोना संक्रमण काल से प्रभावित बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का संचालन के तहत जनपद में 300 बच्चों के लालन-पालन के लिए 4000 प्रति माह अभिभावकों के खाते में भेजे जा रहे हैं। कन्या सुमंगला योजना में 20,000 बेटियों को 15000 की धनराशि का लाभ दिया जा रहा है। अप्रिय दुर्घटना से प्रभावित 70 बच्चियों को रानी लक्ष्मीबाई योजना का लाभ दिया गया है। निराश्रित पेंशन योजना में जनपद में 55,000 पात्र लाभार्थियों को प्रतिमा हजार रुपए पेंशन से लाभान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जन सामान्य के सहयोग एवं जागरूकता के माध्यम से हम सभी को चाहिए कि नशे के विरुद्ध अभियान चलाकर बच्चों के चेहरे पर मुस्कान होनी चाहिए।

     खंड शिक्षा अधिकारी चंद्र भूषण ने बताया कि शिक्षा के अधिकार के तहत गरीब बच्चों को जनपद में 2679 बच्चों को विद्यालय में प्रवेश दिलाया गया। डीपीओ श्रेयस ने बताया कि जनपद में यशोदा कार्यक्रम के तहत 2400 अति गंभीर कुपोषित बच्चों का माह में दो बार चिकित्सकीय परीक्षण करा अब तक 1000 बच्चों को गंभीर श्रेणी से बाहर लाया गया है। संबंधित परिवार को भी योजनाओं का लाभ दिलाया जा रहा है। बच्चों को स्वर्ण प्राशन भी कराया जा रहा है।

      सीमा अब्बास केंद्र मैनेजर वन स्टॉप सेंटर ने बताया कि अब तक 681 मामले दर्ज किए गए हैं। जिला आबकारी अधिकारी सतीश चंद्र ने बताया कि जनपद में 504 आबकारी दुकानों पर कैमरे लगा दिए गए हैं। शराब की दुकानों में 21 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का नियोजन नहीं कराया जा रहा है। लेबर ऑफिसर हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि बाल श्रम में अब तक 81 बच्चों का चिन्हांकन कर पुनर्वास कराया जा रहा है। चाइल्डलाइन से ज्ञानेश मिश्रा ने बताया कि अब तक 800 से अधिक कॉल प्राप्त हुई है। पुलिस क्षेत्राधिकारी अपराध सर्जना सिंह ने बताया कि ’’एक युद्ध-नशे के विरुद्ध’’ अभियान में 12 मेडिकल स्टोर का निरीक्षण कर 8 से नशीले पदार्थों को हटाया गया है। मानव तस्करी के 3, जेजे एक्ट में 2, बाल श्रम से 62 बच्चों को मुक्त कराकर अभियोग पंजीकृत कर चार्जशीट दाखिल की गई है। बाल भिक्षावृत्ती से 22 बच्चों को मुक्त कराया गया है।

बैठक में उप निदेशक दिव्यांगजन पारिशा मिश्रा, सहायक निदेशक सूचना संदीप कुमार, सीडब्लूसी सदस्य कल्पना खरे, सीएमओ डा0 नीरज त्यागी, जिला प्रोबेशन अधिकारी स्मिता सिंह, एसीएमओ डॉ0 दुर्गेश कुमार समेत सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे। 

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                                                             सहायक

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