नियमित टीकाकरण कार्यक्रम सुदृढ़ीकरण हेतु दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित
बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण जरूरी : सीएमओबच्चों व माताओं को बीमारी से बचाता है खसरा व रूबेला (एम0आर0) का टीका : जिला प्रतिरक्षण अधिकारीसीएमओ कार्यालय में नियमित टीकाकरण के पूर्ण लक्ष्य को प्राप्ति के लिए प्रभारी चिकित्साधिकारी को दिए गए दिशा निर्देशपांच वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों के हेड सर्वे एवं टीकाकरण हेतु विशेष टीकाकरण पखवाड़ा जनवरी से होगा शुरू
अलीगढ़ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ़, 30 नवम्बर 2022। टीका रोधी बीमारियों से बचाव हेतु नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देने के साथ-साथ सुदृढ़ीकरण लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के क्रम में राज्य स्तर के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में मंगलवार और बुधवार को दो दिवसीय नियमित टीकाकरण निगरानी सुदृढ़ीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान जिले के विभिन्न सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से आए प्रभारी चिकित्सा अधिकारी एवं बीसीपीएम को नियमित टीकाकरण को लेकर विशेष जानकारी दी गई। इसी मौके पर सीएमओ डॉ. नीरज त्यागी ने 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को दिए जाने वाले विभिन्न टीकों के अलावा बच्चों को टीकाकरण करने के तरीके के बारे में विशेष जानकारी दी गई।
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि शत-प्रतिशत लाभार्थियों का नियमित टीकाकरण सुनिश्चित कराने को जिले भर में 9 जनवरी से 24 मार्च तक विशेष टीकाकरण पखवाड़ों का आयोजन किया जाएगा। जिसके माध्यम से प्रत्येक लाभार्थियों को चिह्नित कर टीकाकरण किया जाएगा। इस कार्य में स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी आशा कार्यकर्ताओं सहित अन्य कर्मियों का सहयोग लिया जाएगा।
सीएमओ ने बताया कि बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण बहुत जरूरी है। बच्चों में होने वाली बीमारियों व संक्रमण का असर तेजी से उनके शरीर पर होता है और उनके अंगों को प्रभावित करता है। बीसीजी, हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, डीटीपी, रोटावायरस वैक्सीन, इन्फ्लूएंजा व न्यूमोनिया के लिए टीकाकरण किए जाते हैं।
नियमित टीकाकरण अधिकारी डॉ. एमके माथुर ने कहा कि टीका रोधी बीमारियों से बचाव हेतु नियमित टीकाकरण (आरआई) बहुत जरूरी है। क्यों कि यह शरीर में बीमारियों के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता पैदा करता है। साथ ही एंटीबॉडी बनाकर शरीर को सुरक्षित रखता है। टीकाकरण से बच्चों में जानलेवा बीमारियों का खतरा बहुत कम हो जाता है, और यह शिशु मृत्यु दर को कम करने में भी सहायक है। उन्होंने बताया कि टीकाकरण संक्रमण के बाद या बीमारी के खिलाफ व्यक्ति की रक्षा करता और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है। शिशुओं को स्तनपान कराने से भी उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली तेज होती है।
डिप्टी डीआईओ शरद गुप्ता ने कहा कि टीकाकरण पखवाड़े से पूर्व प्रदेश के समस्त जनपदों के समस्त शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सभी 0 से 5 वर्ष के बच्चों को सूचीबद्ध कर उनकी टीकाकरण की स्थिति का आंकलन करते हुये छूटे हुए बच्चों को चिह्नित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ई कवच पोर्टल से जनरेटेड डयू लिस्ट की सूची के अनुसार लाभार्थियों को आशा द्वारा टीकाकरण सत्रों पर मोबिलाइज किया जाएगा। साथ ही एएनएम कार्यकत्रियों द्वारा बच्चों को डयू टीकों से आच्छादित करते हुये टीकों की सूचना ई कवच पोर्टल पर अपलोड की जाएगी।
यूनिसेफ के डीएमसी शादाब अहमद ने बताया शत-प्रतिशत लाभार्थियों का नियमित टीकाकरण सुनिश्चित कराने के लिए आशा कार्यकर्ता समेत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहित अन्य कर्मियों का भी सहयोग लिया जाएगा।
दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राहुल शर्मा, जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक कमलेश चौरसिया, यूनिसेफ के डीएमसी पूनम कुमारी एवं चाई संस्था के प्रतिनिधि विजय कुमार गर्ग, यूएनडीपी के रविन्द्र कुमार सहित समस्त प्रभारी चिकित्सा अधिकारी एवं ब्लाक के बीपीएम व अन्य कर्मी उपस्थित थे।