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अलीगढ| विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा कैम्प लगा कानूनी जानकारियॉ प्रदान कीं



 अलीगढ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ| राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुॅचाने के लिये जिला विधिक सेवा प्राधिकारण के तत्वावधान में खैर तहसील के गांव बांकनेर मंे विधिक जागरुकता के माध्यम से स्ािानीय नागरिक़ों के साथ सशक्तिकरण शिविर का आयोजन किया गया। विधिक  सेवा प्रधिकरण अलीगढ के सचिव श्री महेन्द्र कुमार ने बताया किसी भीं वर्ग के महिला, पुरुष, बच्चों जिनकी वार्षिक आय तीन लाख या उससे कम है, ऐसे लोगों क़ो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा निशुल्क कानूनी सहायता, अधिवक्ता उपलब्ध कराता है। स्थाई लोक अदालत यातायात सेवा, विद्युत, अस्पताल, बीमा, आवास भू-सम्पदा, किसान ऋण आदि विवादों के लिए निशुल्क सेवा उपलब्ध करती है। प्राधिकारण फौजदारी सिविल मामलों, सभी प्रकार के राजस्व विभाग के मामलों का निस्तारण आपसी सुलह समझौते  से करा सकते हैं। जिससे समय और  धन  की बचत होती है। आपसी सुलह समझौते  में हार जीत भी नहीं होती है। सिविल जज खैर श्री वकील ने 12 नवंबर क़ो लगने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में समन्वय के अधार पर मामलों का निस्तारण कराने की जानकारी देते हुए सरकारी योजना किसान बीमा, राशन कार्ड, पेंशन, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, किसान सम्मान निधि के बारे में जानकारी ग्रामीणों क़ो दी। इसके अतिरिक्त एडीआर सेंटर पर यशराज सिंह उप कृषि निदेशक अलीगढ़, अभिनंदन सिंह ज़िला कृषि अधिकारी के सहयोग से किसानो को मिनी किट का वितरण किया गया।

       सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण महेंन्द्र कुमार ने बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण गॉव-गॉव, शहर-शहर, गली मोहल्लों में प्रत्येक व्यक्ति को प्राधिकरण के उददेश्य एवं शासन की योजनाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहा है। आप सभी लोगों को चाहिये कि इस प्रचार-प्रसार का लाभ उठाएंे। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण का मुख्य उददेश्य जन-जन तक कानूनी जानकारी पहुॅचाते  हुए पात्र एवं  जरूरतमंदों को विधिक सहायता उपलब्ध कराना है।ताकि कोई व्यक्ति जानकारी के अभाव में इधर उधर न भटके। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को किसी प्रकार की समस्या है तो वह विधिक सेवा प्राधिकरण से सम्पर्क कर सकता है। उन्होंने कहा कि 12 नवम्बर द्वितीय शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत व आरर्बीटेशन सम्बंधी विशेष लोक अदालत का आयोजन  किया जा रहा है जिसमें पक्षकार अपने मामलों का निस्तारण आपसी सुलह समझौते के आधार पर करा कर लोक अदालतों का लाभ प्राप्त कर सकते है।

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