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एएमयू में मलयालम कथासाहित्य पर सेमिनार, एक दिवसीय भर्ती मेला ‘सेराब’ का आयोजन 13 नवम्बर को


अलीगढ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ़, 10 नवंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के आधुनिक भारतीय भाषा विभाग में मलयालम सर्गवेदी ने मलयालम कथासाहित्य के श्रेष्ठ कहानीकार एवं अमुवि के पूर्व छात्र पुनत्तिल कुजब्दुल्ला का कथा साहित्य विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।इस आनलाइन संगोष्ठी का उद्घाटन साहित्य अकादमी में मलयालम भाषा का प्रतिनिधि एवं अमुवि की पूर्व छात्रा डा. मिनि प्रसाद ने किया।आधुनिक भारतीय भाषा विभग के पूर्व अध्यक्ष एवं मलयालम भाषा के वरिष्ठ शिक्षक प्रो. टीएन सतीशन ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। संगोष्ठी के आयोजक रफसल बाबू ने आभार जताया तथा स्वागत युनुस ने किया।


अलीगढ़ के साथ केरल के विभिन्न विश्वविद्यालयों से अध्यापक एवं शोधार्थियों ने संगोष्ठी में भाग लिया। यूएई से अमुवि के पूर्व छात्र एवं अरबी भाषा के अनुवादक डा. अब्दुल मजीद ने भी सेमिनार में अपने विचार प्रस्तुत किये। शारजाह अन्तर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले में डा. अबदुल मजीद ने पुनत्तिल कुंजब्दुल्ला का उपन्यास ‘स्मारक शिलकल’ का अरबी भाषा में अनुवाद का विमोचन किया गया।


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एएमयू एक दिवसीय भर्ती मेला ‘सेराब’ का आयोजन 13 नवम्बर को


अलीगढ़, 10 नवंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट आफिस (सामान्य) द्वारा इंटर्नल क्वालिटी एश्योरेंस सेल के सहयोग से विश्वविद्यालय के छात्रों के लिये एक दिवसीय रोजगार भर्ती मेला (सेराब) का आयोजन 13 नवम्बर को कला संकाय में आयोजित किया जा रहा है। जिसमें हाल ही में उत्तीर्ण यूजी और पीजी छात्रों के अलावा अंतिम वर्ष के छात्रों को विभिन्न पाठ्यक्रमों से सम्बन्धित बड़े पैमाने पर प्लेसमेंट के अवसर प्रदान होंगे।


इस रोजगार भर्ती मेले में 20 से अधिक देश की प्रतिष्ठित कंपनियों ने भाग लेने की सहमति प्रदान कर दी है। इन कंपनियों में स्टेपिंग क्लाउड, मार्क इंपेक्स, टेलीसीआरएम, सूओ जॉब्स, कनेक्ट बिजनेस सॉल्यूशन, बिलीव पीटीई लिमिटेड, एटीएक्स लर्निंग, माइंडटेल ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड, इंस्टीटयूट आफ यूरोपियन लैंग्वेज एण्ड कंसल्टेंसी, न्यूमरो कंस्ट्रक्शन और कई और कंपनियां शामिल हैं।


इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट आफीसर जनरल साद हमीद ने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए एक हजार से अधिक छात्रों ने अभी तक पंजीकरण कराया है और पंजीकरण का अंतिम दिन समापत होने के बाद अगले दिनों में कई और छात्रों के पंजीकरण होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के यह गौरव का विषय है कि देश की प्रमुख कंपनियों ने एएमयू छात्रों को रोजगार प्रदान करने के लिये इस मेले में शामिल होने के लिये अपनी स्वीकृति प्रदन कर दी है। उन्होंने कहा है कि यह कार्यक्रम उद्योग जगत और विश्वविद्यालय के आपसी सहयोग को बढ़ावा देने और बड़े पैमाने पर प्लेसमेंट के अवसरों के लिये नये चैनल बनाने के लिये मार्ग प्रशस्त करेगा।


सेराब के संयोजक प्रोफेसर असद यू खान ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन न केवल योग्य छात्रों के रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं बल्कि संस्थान की एक सकारात्मक धारणा और छवि बनाने की दिशा में भी सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह समग्र रैकिंग में सुधार लाने में भी मदद करेगा।


सेराब के आयोजन सचिव डाक्टर जहांगीर आलम ने कहा कि छात्रों के लिए अपने भविष्य को परिभाषित करने का एक उत्कृष्ट अवसर होने के अलावा यह आयोजन कई लोगों के लिए सीखने का अनुभव होगा क्योंकि वह चयन प्रक्रिया की जटिलताओं को सीखेंगे और यह पता लगाएंगे कि वेह अपने आवेदनों को कैसे रिक्रूटर की नजर में ला सकते हैं।


सेराब के सह संयोजक डाक्टर मुजम्मिल मुश्ताक ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि यह विशेष मेगा इवेंट हमारे विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए मददगार साबित होगा। इसके साथ साथ में उन सभी छात्रों को धन्यवाद देना चाहता हूँ जो इस इवेंट को सफल बनाने के लिए पर्दें के पीछे काम कर रहे हैं। 


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राजनीति विज्ञान विभाग ने छात्रों को सम्मानित किया


अलीगढ़ 10 नवंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के 38 छात्रों ने शैक्षणिक सत्र 2021-22 के दौरान जूनियर रिसर्च फेलोशिप, नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट और मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप के लिए राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा उत्तीर्ण की।विभागाध्यक्ष प्रोफेसर इकबालुर रहमान ने सफल छात्रों को बधाई देते हुए आशा व्यक्त की कि वे भविष्य में भी बड़ी सफलताएं अर्जित करेंगे।


इस अवसर पर आयोजित एक सम्मान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन, प्रोफेसर अस्मर बेग ने छात्रों को बधाई दी और उनकी सफलता की सराहना की। उन्होंने विभाग के शिक्षकों से इन परीक्षाओं के लिए छात्रों को और अधिक तैयारी में मदद करने का भी आग्रह किया।


प्रो अरशी खान ने छात्रों के प्रयासों की सराहना की और उन्हें सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि उनमें इन परीक्षाओं में सफल होने की भरपूर क्षमता है। प्रोफेसर मोहिबुल हक ने कहा कि यह विभाग और सामाजिक विज्ञान संकाय के लिए गर्व का विषय है कि अमुवि के सामाजिक विज्ञान संकाय को देश में सामाजिक विज्ञान अध्ययन के शीर्ष संस्थानों में स्थान दिया गया है।


कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर मोहम्मद आफताब आलम ने किया जबकि डॉ. इफ्तेखार अहमद अंसारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।


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वीमेन्स पॉलिटेक्निक में ओरियंटेशन कार्यक्रम का आयोजन


अलीगढ़, 10 नवंबरः अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वीमेंस पॉलिटेक्निक में प्रवेशित छात्राओं के लिए 7 नवंबर से दो दिवसीय ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया जिसमें शिक्षकों ने उन्हें पाठ्यक्रम और अन्य उपलब्ध सुविधाओं के बारे में अवगत कराया।


स्वागत भाषण में, डीन, इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संकाय के डीन, प्रोफेसर अल्तमश सिद्दीकी ने कहा कि ओरिएंटेशन कार्यक्रम का लक्ष्य छात्रों को पाठ्यक्रम कि जानकारी प्रदान करना और उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित करना है।


उन्होंने छात्रों से कहा कि एएमयू में नई यात्रा शुरू करने के साथ आप पाएंगे कि आपसी सौहार्द की भावना इस विश्वविद्यालय को खास बनाती है। आप यहां नए दोस्त बनाएंगे जो बहुत लंबे समय तक आपके जीवन का हिस्सा बने रहेंगे।

नए छात्रों को संबोधित करते हुए, जनसंचार विभाग के प्रोफेसर एम शाफ़े किदवई ने एएमयू संस्थापक सर सैयद अहमद खान के जीवन और कार्यों पर बात की।


उन्होंने कहा कि सर सैयद ने भारत के नव निर्माण के लिए अपना योगदान दिया और धर्म, नैतिकता, राजनीति, शिक्षा, देशभक्ति, राष्ट्रवाद, मानवाधिकार, पश्चिमी सभ्यता और आधुनिक विज्ञान पर उनके लेखन के व्यापक संग्रह में तर्कवाद की नई सीमाओं का पता लगता है। अपनी इंग्लैंड यात्रा के बाद, सर सैयद ने समाज में शिक्षित महिलाओं के महत्त्व को महसूस किया और भारत में लड़कों एवं लड़कियों के लिए आधुनिक और वैज्ञानिक शिक्षा की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।


वीमेन्स पॉलिटेक्निक की प्राचार्या, डॉ सलमा शाहीन ने कहा कि अभिविन्यास कार्यक्रम छात्रों एवं छात्राओं को परिसर के वातावरण से परिचित कराते हैं। इस कार्यक्रम से उन्हें उनके पाठ्यक्रमों के बारे में अंदाज़ा होता है और इसके बारे में स्पष्ट दृष्टिकोण रखने में भी उन्हें मदद मिलती है।


डिप्टी प्रॉक्टर, प्रो सैयद अली नवाज जैदी और असिस्टेंट डीएसडब्ल्यू, डॉ मुजाहिद खान ने ‘छात्रों की आचार संहिता’ पर बात की।


प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट अधिकारी-जनरल, साद हमीद ने व्यक्तित्व विकास एवं संचार कौशल को बढ़ाने और विषय ज्ञान के साथ सकारात्मक दृष्टिकोण रखने की आवश्यकता पर बल दिया।अमराह मरियम ने पाठ्यक्रम पर प्रस्तुति दी और मिस्बाह उर रहमान सिद्दीकी ने लागू शैक्षणिक अध्यादेशों पर चर्चा की।कार्यक्रम का संचालन सैयदा शिरा मोइन ने किया, जबकि जूही फरीदी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।


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एएमयू में प्रोफेसर सैयद इश्तियाक हुसैन रिज़्वी के निधन पर शोक सभा का आयोजन


अलीगढ़ 10 नवंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मेडिसिन संकाय द्वारा आयोजित एक शोक सभा में प्रोफेसर सैयद इश्तियाक हुसैन रिजवी के निधन पर शोक व्यक्त किया गया, जिनका गत 6 नवंबर, रविवार को बीमारी के बाद निधन हो गया।


एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने प्रोफेसर इश्तियाक के परिवारजनों, ईस्ट मित्रों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।


उन्होंने कहा कि प्रो इश्तियाक अपने छात्रों के लिए गहन प्रेरणा के स्रोत रहे हैं और हम भाग्यशाली हैं कि हमने उन्हें देखा और उनके साथ कार्य किया। उन्हें हमेशा सम्मान के साथ याद किया जाएगा।


फैकल्टी ऑफ मेडिसिन के डीन, प्रोफेसर एम यू रब्बानी ने शिक्षकों और छात्रों के लिए शोक संदेश पढ़ते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।


जेड ए डेंटल कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर आर के तिवारी ने कहा कि प्रोफेसर इश्तियाक एक उत्कृष्ट शिक्षक और परिसर के अंदर और बाहर दोनों जगह लोगों के लिए एक पसंदीदा व्यक्ति थे; वह उन सभी लोगों को याद आएंगे जिनके जीवन को उन्होंने किसी भी रूप में प्रभावित किया।


उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन भी रखा गया।


प्रोफेसर सैयद इश्तियाक डेंटल सर्जरी विभाग के संस्थापक अध्यक्ष थे, जिसे जेएन मेडिकल कॉलेज के जनरल सर्जरी विभाग से अलग किया गया था। बाद में, उन्होंने डेंटल कॉलेज, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली के पहले प्रिंसिपल के रूप में अपनी सेवाएं दीं।


1995 में एएमयू से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने बहुत सक्रिय जीवन बिताया।


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जूलॉजी विभाग में ‘ड्रोसोफिला ऐज ए रिसर्च मॉडल’ पर कार्यशाला का समापन


अलीगढ़ 10 नवंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग द्वारा ‘ड्रोसोफिला - ए रिसर्च मॉडल’ विषय पर एक आठ दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमे स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को अनुसंधान के लिए फ्रूट फ्लाई का उपयोग करने के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। कार्यशाला का आयोजन विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार के सहयोग से किया गया था।


समापन कार्यक्रम में, प्रसिद्ध विकास जीवविज्ञानी, जेसी बोस नेशनल फेलो और शांति स्वरूप भटनागर अवार्डी प्रो एल एस शशिधर ने ड्रोसोफिला के विकासवादी जैविक पहलुओं पर बात की।उन्होंने विभिन्न विकास पथों को समझने में ड्रोसोफिला के महत्व को समझाया।


ड्रोसोफिला को मौलिक आनुवंशिकी से लेकर ऊतकों और अंगों के विकास तक के विषयों का अध्ययन करने के लिए एक मॉडल जीव के रूप में चर्चा करते हुए प्रोफेसर शशिधर ने कहा कि प्राकृतिक इतिहास और आनुवंशिक ट्रैक्टेबिलिटी पोषण संबंधी तनाव के प्रतिरोध के आनुवंशिक आधार पर अध्ययन के लिए ड्रोसोफिला को एक आदर्श मॉडल बनाती है।


उन्होंने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए।


जीवन विज्ञान संकाय के डीन प्रोफेसर मोहम्मद अफजाल और आयोजन अध्यक्ष एवं जंतु विज्ञान विभाग के चैयरमैन प्रोफेसर मुख्तार अहमद खान ने प्रोफेसर एलएस शशिधर को सम्मानित किया।


प्रो मोहम्मद अफजाल ने स्वागत भाषण भी दिया, कार्यक्रम का संचालन आयोजन सचिव डॉ यासिर हसन सिद्दीक ने किया।


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एएमयू छात्र को सम्मेलन में भाग लेने के लिए यात्रा सहायता


अलीगढ़, 10 नवंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के बी.टेक-मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र हुसाम बिन महरे ने अमेरिकन सोसाइटी ऑफ हीटिंग, रेफ्रिजरेटिंग एंड एयर-कंडीशनिंग इंजीनियर्स (अशराऐ) हरमन और डोरोथी ट्रैवल अवार्ड में भाग लेने के लिए 1100 अमेरिकी डॉलर का पुरस्कार प्राप्त किया है। इस सम्मलेन का आयोजन फरवरी, 2023 में अटलांटा, जॉर्जिया, संयुक्त राज्य अमेरिका में होगा। वह अशराऐ एएमयू छात्र शाखा के छात्र अध्यक्ष हैं।


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‘वन्यजीव का कुरानिक परिप्रेक्ष्य’ विषय पर विस्तार व्याख्यान

अलीगढ़, 10 नवंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जीवन विज्ञान संकाय के पूर्व डीन और वन्यजीव विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष, प्रोफेसर हाफिज शाइक याह्या ने केए निजामी सेंटर ऑफ़ क़ुरानिक स्टडीज में ‘वन्यजीव का कुरानिक परिप्रेक्ष्य’ पर विस्तार व्याख्यान में इस्लाम की पारिस्थितिक नैतिकता पर प्रकाश डाला।


उन्होंने कहा कि इस्लामी शिक्षा शेष सृष्टि की तुलना में मनुष्यों को बौद्धिक क्षमता के साथ कार्य करने पर जोर देती है और इस प्रकार की श्रेष्ठता जानवरों के साथ दयालुता के साथ व्यवहार करने के लिए  व्यावहारिक दायित्वों के साथ आती है।


प्रोफेसर याह्या ने कुरान में पशु जीवन के संरक्षण की अवधारणा पर प्रकाश डाला और जोर देकर कहा कि पवित्र कुरान जीवन की पवित्रता और पारिस्थितिक संतुलन का पक्षधर है।स्वागत भाषण में कुरानिक सेंटर के अध्यक्ष प्रोफेसर अब्दुर रहीम किदवई ने छात्रों से वर्तमान समय के संदर्भ में कुरान पर काम करने का आग्रह किया।कार्यक्रम का संचालन सैयद मोहम्मद मुबश्शिर ने किया और अदीबा ताज ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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