चिकित्सक धरती के भगवान मानवीयता एवं संवेदनशीलता से करें दायित्वों का निर्वहन- उपमुख्यमंत्री

Aligarh Media Desk
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*मा0 उपमुख्यमंत्री ने डेंगू व अन्य संचारी रोगों पर नियंत्रण के सम्बन्ध में की समीक्षा बैठक*

*सभी वार्डों में सप्ताह में दो बार एक साथ कराई जाए फागिंग एवं एंटी लार्व एक्टिविटी*

*एम्बुलेंस में सुरक्षा टीमों के माध्यम से घर-घर पहुॅचकर मरीजों का किया जाए इलाज*

*जनजागरूकता एवं समेकित प्रयास से मलेरिया, कालाजार, इंसेफलाइटिस को समाप्त किया गया, अब डेंगू की बारी*

*सीएमओ एवं डिप्टी सीएमओ को ओपीडी के साथ ही नियमित रूप से 05-05 चिकित्सालयों का करें निरीक्षण*

*मरीजो को रेफर न करते हुए चिकित्सालयांे एवं स्वास्थ्य केन्द्र पर किया जाए समुचित इलाज*

*मिशन निदेशक एनएचएम को दूरभाष पर जनपद की मांग के अनुरूप चिकित्सक एवं संसाधन उपलब्ध कराने के निर्देश*

*स्थानीय जनप्रतिनिधियों के फीडबैक को आधार बनाते हुए चिकित्सालयों में चिकित्सकीय सुविधाएं प्रदान की जाएं*

अलीगढ़ मीडिया डॉट कॉम,अलीगढ़ 10 नवम्बर 2022 (सू0वि0)। सभी वार्डों में एक साथ चारपहिया एवं दुपहिया वाहनों से एक साथ सप्ताह में दो बार फागिंग एवं एंटी लार्वा एक्टिविटी कराई जाए, जिससे मच्छर का दम घुट जाए। घर-घर तलाशी अभियान चलाया जाए। नागरिक सुरक्षा समितियों एवं सामाजिक संस्थाओं एवं पार्षदों को सक्रिय किया जाए। जरूरत सभी 80 वार्डों के घर-घर, कोने-कोने को मच्छर मुक्त करने की है। प्रदेश सरकार के अथक प्रयासों एवं जनजागरूकता से मलेरिया, कालाजार, इंसेफलाइटिस को समाप्त किया गया है, अब बारी डेंगू की है। समेकित प्रयास से हमें इस पर विजय प्राप्त करना ही है, यह जब तक रहेगा हम सभी को परेशान करता रहेगा। जिला चिकित्सालय, सीएचसी, पीएचसी, स्वास्थ्य उपकेन्द्र, हैल्थ वैलनेस सेन्टर कोई भी बन्द नहीं रहना चाहिये। यदि कोई चिकित्सक या पैरामेडिकल स्टाफ समय से अपनी ड्यूटी नहीं कर रहा है या काम में लापरवाही करता है तो उसे निकाल बाहर किया जाए।

उक्त उद््गार प्रदेश के मा0 उप मुख्यमंत्री श्री बृजेश पाठक ने सर्किट हाउस सभागार में डेंगू व संचारी रोगों की समीक्षा के दौरान व्यक्त किये। उन्होंने चिकित्सकों को नसीहत देते हुए कहा कि यदि हम स्वयं काम नहीं करेंगे तो दूसरा हमारी मदद करने नहीं आएगा। हमें जिम्मेदारी से भागना नहीं है, बल्कि उसका अच्छे से निर्वहन करना है। ऐसे ही आपको धरती का भगवान नहीं कहा गया है जब आप सफेद कोट पहन लेते हैं तो सभी तरफ से हारा हुआ मरीज भी आपकी तरफ आशा की दृष्टि से देखने लगता है। उन्होंने सीएमओ एवं डिप्टी सीएमओ को ओपीडी के साथ ही नियमित रूप से कम से कम 05-05 चिकित्सालयों का निरीक्षण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जनपद में 04 जिला चिकित्सालय, 16 सीएचसी, 38 पीएचसी, 384 स्वास्थ्य उपकेन्द्र, 246 हैल्थ वैलनेस सेन्टर संचालित होने के बाद भी यदि बीमार को समुचित इलाज नहीं मिलता है तो कार्यवाही की जाएगी। 

मा0 उपमुख्यमंत्री जी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि सभी एक चिकित्सक, फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स को क्षेत्र में भेजकर हर घर मॉनिटरिंग कराई जाए और मरीज को घर पर ही ट्रीट किया जाए। इस समय कोरोना जैसी क्रिटिकल स्टेज नहीं है मरीजों को वैंटीलेटर एवं ऑक्सीजन की भी आवश्यकता नहीं है। किसी भी मरीज को वापस नहीं करना है, सभी चिकित्सालयों में एक रजिस्टर बनाया जाए और उसमें मरीज को रेफर करने का कारण दर्ज किया जाए। उन्होंने सीएमओ से चिकित्सालयों, चिकित्सकों, उपलब्ध दवाईयों एवं अन्य संसाधनों की जानकारी करते हुए समीक्षा बैठक के दौरान ही मिशन निदेशक एनएचएम अपर्णा उपाध्याय से दूरभाष पर वार्ता कर सीएमओ की मांग के अनुरूप प्राथमिकता पर जनपद को चिकित्सकों एवं संसाधनों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कोई भी स्वास्थ्य केन्द्र डाक्टर विहीन नहीं रहना चाहिये। इस सम्बन्ध में उन्होंने सीएमओ को भी स्थानीय स्तर पर चिकित्सकों की भर्ती करने के लिये खुली छूट प्रदान की। उन्होंने जनपद में संचालित सभी हैल्थ वैलनेस सेन्टर की सूची सम्बन्धित ब्लॉक मुख्यालय पर प्रदर्शित कराने के साथ ही उनमें संजीवनी एप के माध्यम से मरीजों को उचित चिकित्सकीय परामर्श दिलाये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने सीएमओ को निर्देशित किया कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों के फीडबैक को आधार बनाते हुए चिकित्सालयों में चिकित्सकीय सुविधाएं प्रदान की जाएं। मा0 जनप्रतिनिधियों को किसी प्रकार की शिकायत नहीं होनी चाहिये, उनकी बातों को संवेदनशीलता के साथ सुन उन पर अमल किया जाए। उन्होंने आयुष्मान कार्ड बनाने एवं वितरण की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी को कार्य में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि स्वयं समीक्षा की जाए, जिस जिलाधिकारी ने मा0 डिप्टी सीएम को डॉक्टर्स एवं पैरामेडिकल स्टाफ की जागरूकता वर्कशाप किये जाने के लिये आश्वस्त किया। 

नगर आयुक्त अमित आसेरी ने बताया कि संचारी रोगों पर नियंत्रण के लिये नगर निगम में 80 बैक पैक मशीनों से एंटी लार्वा एक्टिविटी, 16 फागिंग मशीन, एक बड़ी मशीन से फागिंग कराने के साथ ही डिजिटल कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से डेंगू मरीज की मॉनिटरिंग कराई जा रही है। सूचना प्राप्त होते ही मरीजों के आवास व उसके आसपास के क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर फागिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जा रहा है। डोर टू डोर कूड़ा उठाने की व्यवस्था में लगे वाहनों और पीए सिस्टम के माध्यम से जनहित में डेंगू व संचारी रोगों पर नियंत्रण के लिये प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है।

सीएमओ डा0 नीरज त्यागी ने बताया कि जनपद में 867 ग्राम पंचायतें, 122 न्याय पंचायतें, नगर निगम समेत 02 नगर पालिका एवं 16 नगर पंचायतें हैं। संचारी रोगों पर नियंत्रण के लिये शहरी क्षेत्र में 262 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 1255 निगरानी समितियां कार्यरत हैं। तीन विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह के साथ 07 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक दस्तक अभियान का सफलतापूर्वक संचालन किया गया। हाउस-टू-हाउस सर्वे, सोर्सरिडेक्शन, डेंगू, चिकनगुनिया के पॉजिटिव मामलों और लार्वा मिलने सम्बन्धी सूचना समय से सम्बन्धित विभागों को भेजी जा रही है। वर्तमान में जनपद में 30 डेंगू मरीज हैं जिनमें 17 चिकित्सालयांें में एवं 13 घर पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।

डीपीआरओ धनंजय जायसवाल ने बताया कि 15 से 22 अक्टूबर तक 253 टीमों के माध्यम से विशेष स्वच्छता अभियान चलाकर झाड़ी कटान, साफ-सफाई, एंटी लार्वा एक्टिविटी का कार्य किया गया। इसके अतिरिक्त 4315 मजदूर भी लगाये गये।  

समीक्षा बैठक में मा0 राजस्व राज्यमंत्री श्री अनूप प्रधान, मा0 सांसद श्री सतीश गौतम, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती विजय सिंह, श्री राजकुमार सहयोगी, ठा0 जयवीर सिंह, ठा0 रवेन्द्रपाल सिंह, श्रीमती मुक्ता संजीव राजा, पूर्व विधायक संजीव राजा, एमएलसी चौ0 ऋषिपाल सिंह, महामंत्री श्री शिवनारायण शर्मा, जिलाधिकारी श्री इंद्र विक्रम सिंह, नगर आयुक्त श्री अमित आसेरी, एडीएम श्री डीपी पाल, श्री विवेक चतुर्वेदी, सीएमएस मलखान चिकित्सालय डा0 ईश्वर देवी बत्रा, सीएमएस महिला चिकित्सालय रेनू शर्मा, सीएमएस डीडीयू चिकित्सालय डॉ0 अनुपम भास्कर सहित नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एमओआईसी एवं अधिशासी अधिकारी उपस्थित रहे। 

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