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Breaking अलीगढ| मंगलायतन विश्वविद्यालय के नए कुलपति बने प्रो. पीके दशोरा

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अलीगढ मीडिया डॉट कॉम, इगलास/अलीगढ़। मंगलायतन विश्वविद्यालय को नए कुलपति के रुप में प्रो. पीके दशोरा मिले है। शनिवार को उन्होंने विश्वविद्यालय में पदभार ग्रहण कर लिया है। नए कुलपति का विश्वविद्यालय परिवार द्वारा स्वागत किया गया। उन्होंने सभी संकायों के डीन व विभागाध्यक्षों के साथ वीसी सभागार में बैठक कर परिचय प्राप्त किया।

प्रो. दशोरा ने बताया कि उनका पहला लक्ष्य विश्वविद्यालय के हित को सर्वाेपरि रखते हुए नैक (नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिएशन काउंसिल) की मान्यता दिलाना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विद्यार्थियों को रोजगार परक शिक्षा, बेहतर सुविधाए और विद्यार्थियों के समग्र विकास को वरीयता देंगे। मंगलायतन विश्वविद्यालय प्रगति की नई ऊंचाईयों को छुए, शोध के विद्यार्थियों की संख्या बढ़े, विद्यार्थियों, प्राध्यापकों व विवि के हित में सदैव सक्रियता और संवेदनशीलता से कार्य करने की कोशिश रहेगी। हमारा लक्ष्य छात्र के संपूर्ण व्यक्तित्व का निर्माण कर एक आदर्श नागरिक तैयार करना होना चाहिए। इस अवसर पर निवर्तमान कुलपति प्रो. केवीएसएम कृष्णा, कुलसचिव प्रो. दिनेश शर्मा, प्रो. जयंतीलाल जैन, डायरेक्टर हॉस्पीटल प्रो. वैंकट, डीन अकेडमिक प्रो. उल्लास गुरुदास आदि मौजूद रहे।

प्रो. पीके दशोरा संक्षिप्त परिचय

प्रो. पीके दशोरा उदयपुर (राजस्थान) के मूल निवासी है। स्नातक स्तर तक की शिक्षा उदयपुर व स्नातकोत्तर (सांख्यिकी विषय में) राजस्थान विश्वविद्यालय से प्राप्त की है। कुलपति चयन समिति के सदस्य रहे। कोटा विश्वविद्यालय के कुलपति तथा महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर तथा कृषि विश्वविद्यालय, कोटा के कुलपति के अतिरिक्त प्रभार का निर्वहन किया। आपने राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य के रूप में छह वर्ष का कार्यकाल भी पूरा किया है। वर्तमान में महासचिव विद्या भारती राजस्थान, महासचिव प्रताप गौरव केंद्र उदयपुर, अध्यक्ष आदर्श विद्या मंदिर माउंट आबू, अध्यक्ष बप्पा रावल सोसायटी, अध्यक्ष बनांचल शिक्षा समिति के महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। 1980 में उदयपुर विश्वविद्यालय/राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय/महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर में व्याख्याता अनुसंधान के पद से सेवायें प्रारंभ कर विश्वविद्यालय में कृषि सांख्यिकी एवं संगणक अनुप्रयोग विभाग में विभागाध्यक्ष, आचार्य, छात्र कल्याण अधिष्ठाता, समन्वयक सूचना एवं प्लेसमेंट ब्यूरो, कॉर्डिनेटर एनएसएस, चेयरमेन खेल मंडल, सलाहकार विदेशी छात्र प्रकोष्ठ, आवास अधिकारी आदि महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। करीब 450 शोधार्थियों के सलाहकार रहे। 700 अधिस्नातक विद्यार्थियों के सलाहकार रहे। अंतरराष्ट्रीय स्तर की चार पुस्तकें संपादित की। 80 से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय पुरस्कारों व सम्मानों से गौरवांवित हो चुके हैं। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान और केंद्रीय श्रमिक शिक्षा बोर्ड के सदस्य भी रहे हैं।


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