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जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने किसानों को कम लागत में अधिक उत्पादन के लिए बताए टिप्स

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कम लागत में अधिक उत्पादन के लिए ग्रीष्मकालीन जुताई अवश्य करें किसान: जिला कृषि रक्षा अधिकारी


अलीगढ़ मीडिया डॉट कॉम, अलीगढ़ 20 मई 2023 (सू0वि0) जिला कृषि रक्षा अधिकारी अमित जायसवाल ने किसान भाईयों को अवगत कराया है कि परंपरागत कृषि विधियां यथा- कतार में बुबाई, फसल चक्र, सहफसली खेती, एवं ग्रीष्मकालीन जुताई कम लागत में गुणवत्तायुक्त उत्पादन प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है। इनको अपनाने से जल, वायु, मृदा और पर्यावरण प्रदूषण में व्यापक कमी होती है। कीट एवं रोग नियंत्रण की आधुनिक विधा एकीकृत नाशी जीव प्रबन्धन के अन्तर्गत भी इन परंपरागत विधियों को अपनाने पर बल दिया जाता है। रबी फसलों की कटाई के बाद खेत की गहरी जुताई आगामी खरीफ फसल के लिए अनेक प्रकार से लाभकारी है। ग्रीष्मकालीन जुताई मानसून आने से पूर्व मई, जून महीने में की जाती है, ग्रीष्मकालीन जुताई से विभिन्न प्रकार के लाभ होते हैं:

ग्रीष्मकालीन जुताई करने से मृदा की संरचना में सुधार होता है, जिससे मृदा की जल धारण क्षमता बढ जाती है, जो फसलों के लिए अत्यन्त उपयोगी होती है।

खेत की कठोर परत को तोडकर मृदा को जड़ो के विकास के लिए अनकूल बनाने के लिए ग्रीष्मकालीन जुताई अत्यधिक लाभकारी है।

खेत में उगे हुये खरपतवार एवं फसल अवशेष मिट्टी मे दबकर सड़ जाते हैं जोकि जैविक खाद में परिवर्तित हो जाते है, जिससे मृदा में जीवाश्म की मात्रा बढ जाती है।

मृदा के अन्दर छुपे हुए हानिकारक कीड़े, मकोड़े, उनके अण्डे, लार्वा, प्यूपा एवं खरपतवार गहरी जुताई के बाद सूर्य की तेज किरणों के सीधे सम्पर्क मे आने से नष्ट हो जाते है, जिससे फसलों पर कीटनाशक एवं खरपतवार नाशी रसायनों का कम उपयोग करना पड़ता है।

गर्मी की गहरी जुताई के उपरान्त मृदा में पाऐ जाने वाले हानिकारक जीवाणु, कवक, निमेटोड एवं हानिकारक सूक्ष्म जीव मर जाते है, जो फसलों में मृदा जनित रोगों के प्रमुख कारक होते है। निमेटोड का नियंत्रण करने के लिए कीटनाशकों का प्रयोग खर्चिला होता है, परन्तु ग्रीष्मकालीन जुताई से इनका नियंत्रण बिना किसी अतरिक्त लागत के हो जाता है।

मृदा में वायु संचार बढ जाता है, जो लाभकारी सूक्ष्म जीवों की वृद्वि और विकास में सहायक होता है, जिससे फसलों के गुणवत्तापूर्ण उत्पादन में लाभ मिलता है।

मृदा में वायु संचार बढनें से खरपतवारनाशी एवं कीटनाशक रसायनों के विषाक्त अवशेष एवं पूर्व फसल के जड़ो द्वारा छोडे गये हानिकारक रसायन के अपघटन में सहायक होती है।

अतः किसान भाईयों से अपील है कि अपने खेत की ग्रीष्मकालीन जुताई अवश्य करें एवं खेती लागत को कम करते हुए गुणवत्तापूर्ण उपज पाएं एवं अधिक लाभ प्राप्त करे।

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