भारतीय और विदेशी नागरिकों के लिए एएमयू में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया शुरू

Aligarh Media Desk

 

अलीगढ मीडिया न्यूज़ ब्यूरो अलीगढ़, 22 जुलाईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने भारतीय और विदेशी नागरिकों के लिए विभिन्न विषयों में पीएचडी कार्यक्रम 2022-23 के प्रवेश कार्यक्रम की घोषणा की है, जिसका विवरण आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।

परीक्षा नियंत्रक द्वारा जारी सूचना के अनुसार ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 22 जुलाई से शुरू हो गई है। प्रोसेसिंग शुल्क के साथ ऑनलाइन फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 19 अगस्त, 2023 है, जबकि विलंब शुल्क 300/- रुपये के साथ फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 26 अगस्त 2023 है।


विधि संकाय में अपराध विज्ञान, दंड विज्ञान और विक्टिमोलॉजी पर व्याख्यान

अलीगढ़, 22 जुलाईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विधि संकाय द्वारा ‘अपराध विज्ञान, पेनोलॉजी और विक्टिमोलॉजी की समकालीन चुनौतिया’ विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया।

व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए क्रिमिनोलॉजी, पेनोलॉजी और विक्टिमोलॉजी पर मौलिक पुस्तक के लेखक और प्रसिद्ध विद्वान प्रोफेसर सैयद मोहम्मद अफजल कादरी ने कहा कि अपराध विज्ञान आधुनिक आपराधिकता और सांस्कृतिक मूल्यों के तहत एक सामाजिक मंथन के दौर से गुजर रहा है। इसलिए दंडात्मक सिद्धांतों में प्रतिमानात्मक बदलाव की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एक लीगल सहायता के रूप में हमें आपराधिक न्याय प्रदान करने के लिए पीड़ित विज्ञान की एक व्यवस्था तैयार करनी होगी।


इससे पूर्व, प्रोफेसर एम.जेड.एम. नोमानी, डीन, विधि संकाय ने वक्ता का स्वागत किया और उनके शैक्षिक योगदान और उनकी पुस्तक पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि छात्रों को एक महत्वपूर्ण विषय पर एक विद्वान लेखक और वक्ता के साथ सीधे संवाद का अवसर मिला है।


इस अवसर पर प्रोफेसर फैजान मुस्तफा ने समकालीन चुनौतियों पर विचार व्यक्त किया और प्रोफेसर सैयद मोहम्मद अफजल कादरी द्वारा उजागर किए गए बिंदुओं का समर्थन किया।


अपने अध्यक्षीय भाषण में, एशियन लॉ कॉलेज, नोएडा के अकादमिक निदेशक प्रोफेसर सलीम अख्तर ने अपराध विज्ञान, दंड विज्ञान और पीड़ित विज्ञान के बुनियादी सिद्धांतों कि व्याख्या करने में अदालतों और आपराधिक जांच एजेंसियों की भूमिका पर जोर दिया।

प्रोफेसर मोहम्मद अशरफ ने आभार व्यक्त किया और नियमित अंतराल में पाठ्यात्मक विषयों पर सार्वजनिक व्याख्यान के आयोजन की आवश्यकता ऊपर जोर दिया।


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