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अलीगढ में भाजपा के मेयर के खिलाफ right to recalls' आंदोलन की तैयारी, महापौर से इसलिए हैं बजरंगी ख़फ़ा!


अलीगढ मीडिया न्यूज़ ब्यूरो, अलीगढ.उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकायों की घोषणा के समय बजरंगबल ने एक प्रेस वार्ता की थी, जिसमें बजरंगबल ने यह आशंका प्रकट की थी कि एक बार फिर अलीगढ़ की जनता को नारकीय जीवन देने और लूट का कारोबार करने की तैयारी है और हो भी यही रहा है। नव निर्वाचित महापौर को 100 दिन शपथ लिए हो गये। आज तक यह सार्वजानिक नहीं किया गया - ना महापौर की ओर से और ना भारतीय जनता पार्टी की ओर से कि आगामी 5 वर्ष में नगर निगम संबंधी नागरिक समस्याओं के समाधान की उनकी योजनायें क्या है? उन समस्याओं के समाधान की उनकी प्राथमिकता क्या है? और किस उपक्रम से इन समस्याओं का समाधान किया जायेगा ?


      विगत 25 वर्ष के नगर निगम कार्यकाल में अलीगढ की जनता को जिस धोखे में रखकर नगरनिगम का संचालन किया गया, वही तौर-तरीका आज भी अपनाया जा रहा है? आज तक महानगर में विद्यमान किसी जन-समस्या का कोई स्थायी या कारगर समाधान नहीं हो सका है ?


      किसी भी राजनैतिक दल के अस्तित्व के दो प्रमुख आधार होते हैं, एक उनकी मूल विचारधारा और दूसरे जन हितों के लिए उसके द्वारा निष्पदित काम। इसमें यह विस्मृत नहीं कर सकते कि जो राजनैतिक पार्टियां इन दोनों में से किसी भी आधार बिंदु को तिरोहित कर देती है, वह हाशिये पर पहुँच जाती है। राष्ट्रीय स्तर पर कॉंग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी व तेलगुदेशम बहुजनसमाज पार्टी, जनतादल यूनाइटेड की दुर्गति से हम वास्तविकता को समझ सकते हैं।


      भाजपा के महापौर व कुछ अन्य जनप्रतिनिधियों और कुछ भ्रष्ट व स्वार्थी पदाधिकारीयों की कारगुजारियों से अलीगढ़ की जनता में भाजपा के विरुद्ध कुंठा जाग्रत हो रही है, जो राष्ट्रवाद और सनातन संस्कृति के लिए शुभ संकेत नहीं है। भाजपा नेतृत्व को हाल ही में हिमाचल और कर्नाटक हारने के बाद होश में आ जाना चाहिए।


      चूँकि बजरंगबल एक राष्ट्रवादी संगठन है और राजनैतिक रूप से भारतीय जनता पार्टी दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी सोच की पार्टी मनाई जाती है इसीलिए उसे सुदृढ रखने की चिंता सभी राष्ट्रवादी संगठनों की है और इसी आधार पर विगत विधानसभा चुनावों और स्थानीय निकाय चुनावों में बजरंगबल ने भाजपा का समर्थन किया और विगत 7मई को उत्तरप्रदेश के यशश्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की सभा में एक विशाल वाहन रैली निकाल कर बजरंगबल ने चुनाव को भाजपा के पक्ष में लाने हेतु शक्ति लगाई व स्थानीय स्तर पर सैकड़ों बजरंगबल कार्यकर्ताओं ने नित्य अनेक वार्डों में जनसम्पर्क किया।


       बजरंगबल कदापि बर्दास्त नहीं करेगा कि भाजपा के जनप्रतिनिधियों के नाकारापन के कारण भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी जी के मिशन में क्षरण हो। जब मोदी जी व योगी जी देश को एक विकसित स्वरूप देना चाहते है, तो भाजपा के महापौर अलीगढ़ को नारकीय स्वरूप से मुक्ति दिलाने के प्रति निष्क्रिय क्यों हैं? क्यों नगर निगम में चल रहे भ्रष्टाचार पर वह मौन हैं? समझ नहीं पड़ता।nबजरंगबल ने विगत चुनावों में भाजपा को समर्थन दिया, इस आधार पर अथवा हम अलीगढ़ के सामान्य नागरिक है, इस नाते भी बजरंगबल अलीगढ़ की नागरिक समस्यायों का स्थायी व कारगर समाधान चाहता है। 


      अगर अलीगढ की बढ़ती आबादी को दृष्टिगत रखकर योजनाओं का निष्पादन नहीं किया गया तो बजरंगबल 'right to recalls' आंदोलन चलाकर महापौर को त्यागपत्र देने को बाध्य करेगा .बजरंगबल विद्यमान महापौर की योग्यता पर प्रश्नचिन्ह लगाना नहीं चाहता, किंतु सांप्रदायिक उन्माद खड़ा कर चुनाव जीतकर शेष पाँच वर्ष मलाई खाने की मनोवृती को सफल नहीं होने दिया जायेगा।


     उन्होंने कहा कि महानगर में जनसमस्याओं का अम्बार है, जिसमें चर्बी कि दुर्गन्ध भी बड़ी समस्या है जिसके समाधान का कोई प्रयास नहीं करता, इसका कारण इसके पीछे का नोटों के मोटे बंटवारे का खेल है, जिसमें सब शामिल हैं, भाजपा नेतृत्व कान खोलकर सुन लें, हमें चर्बी की दुर्गन्ध से स्थायी छुटकारा चाहिए।


      इसके अतिरिक्त पेयजल समस्या, सीवर व्यवस्था  की समस्या, महानगर में जल भराव की समस्या, पर्यावरण की समस्या, कूड़े के सुचारु निष्पदन की समस्या, पॉलीथिन का प्रयोग, नालियों में गोबर बहाने की समस्या, ई रिक्शों की संख्या सीमित करने व रूट निर्धारण की समस्या, अतिक्रमण हटाने मे पक्षपात की समस्या, पोखरों तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कर उन्हें पिकनिक स्पॉट बनाने की योजना,  नजूल की जमीनों पर कब्जे हटाने की समस्या, वेंडर जोन - नॉन वेंडर जोन तय करनी योजना आदि अनेक गंभीर विषय पर प्रभावी निर्णय लिया जाना आवश्यक है।


      इसके साथ ही महानगर में बंदरों का आतंक बढ़ रहा है उसका कोई समाधान नहीं किया जा रहा है। इसके साथन्ही एक बड़ा कारनामा नगरनिगम में हुआ है 2015 से 2020 तक के जन्म मृत्यु का डाटा गायब हो गया, क्या कार्यवाही हुई? अलीगढ़ की लगभग 60 प्रतिशत आबादी मीट खाती है, किन्तु अच्छी क़्वालिटी का मीट लोगों को मिले इसकी कोई व्यवस्था है नहीं, अवैध कट्टी धड़ाधड़ चल रहीं है, खुले में मीट बिक रहा है। होल्डिंग्स के ठेके में भ्रष्टाचार का खेल जगजाहिर है अब फिर उसी ठेकेदार को ठेका दे दिया गया है।


       वर्तमान जन समस्याओं को लेकर अलीगढ़ महानगर की जनता में एक आक्रोश व्याप्त है, बजरंगबल इस दुर्दशा को बर्दाश्त नहीं करेगा यदि हमारी मांगों पर कारगर समाधान की पहल तत्काल ना हुई तो जन समर्थन से चरणबद्ध आंदोलन का बिगुल बजाया जायेगा। इस अवसर पर बजरंगबल के संरक्षक अशोक चौधरी, विभाग संयोजक शेखर शर्मा, महानगर अध्यक्ष संजय सिंह व रविराठी उपस्थित थे। 



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