भगवान कृष्ण की विशेष कृपा पाने के लिए करें गोवर्धन पूजा, जानिए सही तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि

Chanchal Varma
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करन चौधरी, हरदुआगंज : पंच पर्वों का त्योहार दीपावली हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। दीपावली पर देश के कोने-कोने में सिर्फ रोशनी ही रोशनी दिखाई दी, लाइट और दीयों से हर घर रोशन हुआ, अब दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है। दीपावली के बाद मनाए जाने वाले इस त्योहार से श्रीकृष्ण की पौराणिक कथा जुड़ी हुई है। 

गोवर्धन पूजा पर घरों में गोवर्धन पर्वत का स्वरूप बनाया जाता है। साथ ही भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा बनाई जाती है, इसके बाद शाम के समय गोवर्धन पर्वत और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। उन्हें अन्नकूट और कढ़ी चावल पकवान का भोग लगाकर पुष्प दीप से पूजा की जाती है। 

हिंदू पंचाग के अनुसार, कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष को गोवर्धन भगवान की पूजा होती है, अधिकतर दिवाली के अगले दिन ही पूजा की जाती है मगर इस बार भी ऐसा ही है। 13 नवंबर के दिन से शुरु हो रही मुहुर्त के साथ (14 नवंबर)अगले दिन तक इस पूजा का समय रहेगा। 

गोवर्धन पूजा की शुभ तारीख और समय…
13 नवंबर सोमवार गोवर्धन पूजा दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन 14 नवंबर यानी की मंगलवार को दोपहर 2 बजकर 36 मिनट पर होगा।उदया तिथि के अनुसार इस साल गोवर्धन पूजा 14 नवंबर के दिन की जाएगी। बात करें गोवर्धन पूजा के शुभ मुहूर्त की तो शाम 5:25 से रात 9:36 मिनट के बीच है.

पूजा विधि…

गोवर्धन पूजा करने के लिए सबसे पहले गोबर से गोवर्धन पर्वत और श्रीकृष्ण की प्रतिमा बनाते हैं, फिर फूलों से गोवर्धन पर्वत को अच्छे से सजाया जाता है, इसके बाद गोवर्धन पूजा में कथा पढ़ी जाती है.)। गोबर से तैयार किए गए गोवर्धन  भगवान  की सात बार परिक्रमा कर मिष्ठान व पुष्पों दीप से पूजा की जाती है, और भगवान के नाम के जयकारे भी लगाए जाते है।

(... श्रोत :व्हाट्सअप )

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