अधिकारी शासकीय दायित्वों के साथ ही सामाजिक दायित्वों का भी करें निर्वहन
बाल श्रम की सूचना पर छापेमारी कर दोषियों के विरूद्ध करें कड़ी कार्यवाही
विद्यालयों में पुरातन छात्र परिषद एवं अभिभावक संघ के कराए जाएं सम्मेलन
11 वर्षीय बालिका को बाल संरक्षण गृह में पहॅुचाते हुए समुचित देखरेख करने के दिये निर्देश
अलीगढ मीडिया न्यूज़ ब्यूरो, अलीगढ| मा0 अध्यक्ष राज्य बाल संरक्षण आयोग डा0 देवेन्द्र शर्मा की अध्यक्षता में सर्किट हाउस सभागार में बाल संरक्षण से जुड़े विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक आहुत की गयी। मा0 अध्यक्ष ने कहा कि अधिकारी शासकीय दायित्वों के साथ ही सामाजिक दायित्वों का भी निर्वहन करें। आज के युवा जाने-अनजाने या फिर किसी अन्य से प्रेंरित होकर नशे की लत के आदी होकर अपना भविष्य तो खराब करते ही हैं, सगे-सम्बन्धियों, परिजनों को भी मुश्किल में डालते हैं। छोटे-छोटे बच्चों को नशे की लत लग जाने से उनके चेहरों की मुस्कराहट गुम हो जाती है। हम सभी को सार्थक प्रयास कर इन बच्चों की खोई मुस्कान को वापस लाना है। हमारे युवा देश का भविष्य हैं, राष्ट्रहित में इन्हें नशे की लत से दूर रखना है। उन्होंने महानगर में संचालित हुक्का बार का संचालन बंद कराए जाने, बाल श्रम अधिनियम का कड़ाई से अनुपालन कराए जाने, मेडिकल स्टोर्स पर सीसीटीवी कैमरे की स्थापना, कुट्टू को पूरी तरह से प्रतिबन्धित करने, विद्यालय के 100 मीटर की परिधि में नशे के उत्पादों की बिक्री प्रतिबन्धित करने के निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह इस सम्बन्ध में व्यापक प्रचार-प्रसार कर व्यापक जन जागरूकता लाएं।
मा0 अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश सरकार बच्चों, युवाओं, महिलाओं की समस्याओं एवं उनके भविष्य के प्रति संवेदनशील है। कोरोना काल में मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने दो विशेष योजनाओं का संचालन कर निराश्रित बच्चों की सुध लेते हुए प्रतिमाह आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। बेटियों को जन्म से लेकर उच्च शिक्षा उपलब्ध कराए जाने के लिए कन्या सुमंगला योजना संचालित कर उन्हें लाभान्वित किया जा रहा है। कायाकल्प योजना में विद्यालयों का जीर्णोद्धार कर पढ़ाई का बेहतर माहौल विकसित किया जा रहा है।
समीक्षा के दौरान मा0 अध्यक्ष ने सहायक श्रम आयुक्त शेर सिंह को निर्देशित किया कि कहीं भी बाल श्रम नहीं होना चाहिए। गोपनीय सूचना प्राप्त कर समय-समय पर छापामार कार्यवाही करें। यदि कहीं बाल श्रम पकड़ा जाता है तो दोषी के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए बच्चों का पुनर्वासन कराया जाए। ई-श्रम योजना से अधिक से अधिक पात्र व्यक्तियों को लाभान्वित किया जाए। जिला प्रोबेशन अधिकारी स्मिता सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना में 357 बच्चों को 4000 रूपये एवं बाल सेवा योजना सामान्य में 497 बच्चों को 2500 रूपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। 57 बच्चों को लैपटॉप प्रदान करने के साथ ही 15 बच्चों को पीएम केयर फण्ड से भी लाभान्वित किया गया है। रानी लक्ष्मीबाई योजना में पीड़िता को 5 लाख रूपये तक की आर्थिक सहायता के साथ ही निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि 46965 महिलाओं को निराश्रित महिलाओं को पेंशन प्राप्त हो रही है। लगभग 10 हजार पात्र महिलाओं की सूची तैयार कर शासन को भेज दी गई है। कन्या सुमंगला योजना में 21537 बालिकाओं का पंजीकरण किया गया है, कार्य प्रगति पर है।
मा0 अध्यक्ष ने डीआईओएस को निर्देशित किया कि विद्यालयों में पुरातन छात्र परिषद एवं अभिभावक संघ का सम्मेलन कराएं, जिससे विद्यालय की कई समस्याएं हल हो सकती हैं। उन्होंने विद्यालयों में प्रहरी क्लब का गठन करने की भी बात कही। बीएसए को आरटीई का पालन कराए जाने निर्देश दिये। मा0 अध्यक्ष ने बैठक के अन्त में बाल श्रम, बाल विवाह, बाल भिक्षावृत्ति, नशा और कुपोषण 05 सामाजिक कुरूतियों से लड़ने एवंज न जागरूकता लाने के उद््देश्य से पम्पलेट्स एवं वाल राइटिंग के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार कराए जाने के भी निर्देश दिये। स्वराज समिति द्वारा मा0 अध्यक्ष को अवगत कराया गया कि 11 वर्षीय बालिका जिसके परिजन विगत 05 वर्ष से जिला कारागार में बन्द हैं। वर्तमान में देखरेख के अभाव में चिंता और बीमारी से ग्रसित होकर नशे की तरफ बढ़ रही है। जिस पर उन्होंने जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देशित किया कि बच्ची का पता प्राप्त कर बाल संरक्षण गृह में पहॅुचाते हुए समुचित देखरेख की जाए।
इस अवसर पर महानगर अध्यक्ष इंजीनियर राजीव शर्मा, पीडी डीआरडीए, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, सीओ अपराध, एडीआईओएस, डिप्टी सीएमओ, उप नगर आयुक्त, बीएसए, डीपीआरओ उपस्थित रहे। बैठक के अन्त में एसीएम संजय मिश्रा द्वारा मा0 अध्यक्ष का आभार प्रकट किया गया।